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बाबा विश्वनाथ धाम में गैर हिंदी भाषियों के लिए स्थापित किए जाएंगे हेल्प डेस्क - धर्म स्थलों पर कोआर्डिनेशन डेस्क

बाबा विश्वनाथ धाम में गैर हिंदी भाषियों के लिए दूसरे राज्यों के साथ मिलकर भक्तों के लिए हर राज्य का हेल्पडेस्क खोला जाएगा.

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बाबा विश्वनाथ धाम
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Published : Jul 14, 2022, 6:07 PM IST

वाराणसी: सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है और बाबा विश्वनाथ के धाम में भक्तों की जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है. इन सबके बीच बाबा विश्वनाथ के दाम में आने वाले भक्तों की संख्या हिंदीभाषी से ज्यादा गैर हिंदी भाषी देखने को मिल रही है. दक्षिण भारत, पश्चिम बंगाल उड़ीसा और अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु लगातार विश्वनाथ धाम पहुंच रहे हैं. यही वजह है कि इनको हिंदी भाषा पूरी तरह न आने की वजह से विश्वनाथ धाम में कई बार परेशानी का सामना भी करना पड़ता है.

इसके लिए विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने दूसरे राज्यों में मौजूद बड़े मंदिरों के प्रबंधन और राज्य सरकारों के साथ मिलकर कोआर्डिनेशन डेस्क (राज्य हेल्प डेस्क) तैयार करने की प्लानिंग की है. राज्य हेल्प डेस्क जरिए अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को यहां और यहां से अन्य राज्यों में जाने वाले श्रद्धालुओं को मदद मिल सकेगी.

विश्वनाथधाम में बनेगी गैर हिंदी भाषी श्रद्धालुओं के लिए कोआर्डिनेशन डेस्क
दरअसल, विश्वनाथ धाम का नया रूप सामने आने के बाद बड़ी संख्या में हर दिन श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. दक्षिण भारत के अलग-अलग रा तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश समेत कई अन्य हिस्सों से श्रद्धालु आ रहे हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और महाराष्ट्र से भी श्रद्धालु यहां बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं, लेकिन भाषा में अलगाव होने की वजह से इन्हें परेशानी उठानी पड़ती है. धाम के अंदर मोबाइल कहां जमा करें, फूल कहां से लें, दूध कहां अर्पित करें और अन्य कई तरह की दिक्कतें धाम में होती हैं. भाषा न समझ पाने की दिक्कत को कम करने के लिए विश्वनाथ मंदिर प्रशासन का यह प्लान काफी मददगार साबित होगा. विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने कहा कि यह प्लान तैयार किया जा चुका है. दूसरे राज्यों से संपर्क भी किया गया है. खासतौर पर वह राज्य जहां से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आ रहे हैं. वहां भी मौजूद बड़े धर्म स्थलों पर कोआर्डिनेशन डेस्क की स्थापना की तैयारी की जा रही है. दोनों राज्य मिलकर आपस में कोआर्डिनेशन डेस्क और हेल्प डेस्क की प्लानिंग आगे बढ़ाएंगे. इससे एक राज्य से दूसरे राज्यों के तीर्थ स्थल पर आने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत मिलेगी.यह भी पढ़ें:सावन में विश्वनाथ धाम में रचा जाएगा इतिहास, गंगधार से सीधे होगा गंगाधर का अभिषेक


मंदिर प्रशासन की इस पहल से दर्शनार्थी भी काफी खुश हैं. उनका कहना है कि अगर इस तरह की सुविधा शुरू होती है तो निश्चित तौर पर श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत होगी. क्योंकि कई बार मंदिर के अंदर तबीयत खराब होने से लेकर पानी की जरूरत तक के लिए हिंदी भाषा न आने के कारण परेशानी उठानी पड़ती है.

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वाराणसी: सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है और बाबा विश्वनाथ के धाम में भक्तों की जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है. इन सबके बीच बाबा विश्वनाथ के दाम में आने वाले भक्तों की संख्या हिंदीभाषी से ज्यादा गैर हिंदी भाषी देखने को मिल रही है. दक्षिण भारत, पश्चिम बंगाल उड़ीसा और अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु लगातार विश्वनाथ धाम पहुंच रहे हैं. यही वजह है कि इनको हिंदी भाषा पूरी तरह न आने की वजह से विश्वनाथ धाम में कई बार परेशानी का सामना भी करना पड़ता है.

इसके लिए विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने दूसरे राज्यों में मौजूद बड़े मंदिरों के प्रबंधन और राज्य सरकारों के साथ मिलकर कोआर्डिनेशन डेस्क (राज्य हेल्प डेस्क) तैयार करने की प्लानिंग की है. राज्य हेल्प डेस्क जरिए अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को यहां और यहां से अन्य राज्यों में जाने वाले श्रद्धालुओं को मदद मिल सकेगी.

विश्वनाथधाम में बनेगी गैर हिंदी भाषी श्रद्धालुओं के लिए कोआर्डिनेशन डेस्क
दरअसल, विश्वनाथ धाम का नया रूप सामने आने के बाद बड़ी संख्या में हर दिन श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. दक्षिण भारत के अलग-अलग रा तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश समेत कई अन्य हिस्सों से श्रद्धालु आ रहे हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और महाराष्ट्र से भी श्रद्धालु यहां बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं, लेकिन भाषा में अलगाव होने की वजह से इन्हें परेशानी उठानी पड़ती है. धाम के अंदर मोबाइल कहां जमा करें, फूल कहां से लें, दूध कहां अर्पित करें और अन्य कई तरह की दिक्कतें धाम में होती हैं. भाषा न समझ पाने की दिक्कत को कम करने के लिए विश्वनाथ मंदिर प्रशासन का यह प्लान काफी मददगार साबित होगा. विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने कहा कि यह प्लान तैयार किया जा चुका है. दूसरे राज्यों से संपर्क भी किया गया है. खासतौर पर वह राज्य जहां से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आ रहे हैं. वहां भी मौजूद बड़े धर्म स्थलों पर कोआर्डिनेशन डेस्क की स्थापना की तैयारी की जा रही है. दोनों राज्य मिलकर आपस में कोआर्डिनेशन डेस्क और हेल्प डेस्क की प्लानिंग आगे बढ़ाएंगे. इससे एक राज्य से दूसरे राज्यों के तीर्थ स्थल पर आने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत मिलेगी.यह भी पढ़ें:सावन में विश्वनाथ धाम में रचा जाएगा इतिहास, गंगधार से सीधे होगा गंगाधर का अभिषेक


मंदिर प्रशासन की इस पहल से दर्शनार्थी भी काफी खुश हैं. उनका कहना है कि अगर इस तरह की सुविधा शुरू होती है तो निश्चित तौर पर श्रद्धालुओं के लिए बड़ी राहत होगी. क्योंकि कई बार मंदिर के अंदर तबीयत खराब होने से लेकर पानी की जरूरत तक के लिए हिंदी भाषा न आने के कारण परेशानी उठानी पड़ती है.

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