वाराणसी : आमतौर पर सभी लोग अपने घर में टूटे-फूटे कबाड़ चीजों को फेंक देते हैं. लेकिन घर की महिलाओं और छात्रों ने मिलकर कबाड़ से विभिन्न प्रकार के उपयोगी वस्तु बना दिया. जिसकी प्रदर्शनी रविंद्रपुरी स्थित स्क्रैपशाला में यह प्रदर्शनी लगाई गई है. इस प्रदर्शनी की चर्चा पूरे शहर में है. प्रदर्शनी में हाथ से बने हुए वस्तुएं उपलब्ध हैं, जो बिल्कुल अलग हैं.
अमूमन हमारे घरों में सीसी की बोतल को या तो फेंक दिया जाता है और या तो वह घर में पड़ा रहता है लेकिन यहां पर उस पर अच्छी खासी पेंटिंग की गई और उसे फ्लावर पॉट और पेन पोट की जगह यूज किया गया. इसके साथ ही घरों में चूड़ी और पुराने कपड़े रहते हैं, उनका भी एक शानदार प्रयोग किया गया. लकड़ी के टुकड़ों पर वाराणसी की पेंटिंग करके उसे सजाने योग्य बनाया गया है. पुराने कपड़ों से डोर मेट पुराने बल्ब में विभिन्न प्रकार के रंगीन कलर डाल कर उसे सजाया गया है. इन सब के प्रयास से यह बताया गया कि कोई भी वस्तु बेकार नहीं होती. बस उसका सही उपयोग होना चाहिए.
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प्रदर्शनी की आयोजक सदस्य स्मृति आनंद सिंह ने बताया कि हम कोशिश कर रहे हैं कि plastic-free और इको फ्रेंडली प्रोडक्ट बनाए जो कि कबाड़ के जुगाड़ से बनाया जाता है. हमारी कोशिश रहती है कि घर में जो महिलाएं और जो छोटे-छोटे वंडर से उनको एक प्लेटफार्म मिल सके. एक बार स्क्रैपशाला का आयोजन करते हैं. स्क्रैपशाला का यह प्रोग्राम महिलाओं द्वारा संचालित किया जाता है. मेन हमारा मकसद है जो घर में कबाड़ की चीजें हैं उनसे अविष्कार किया जाए. उनसे विभिन्न प्रकार की सजावट की चीजे बनाए जाएं ताकि स्वरोजगार के साथ उनकी कला को भी लोग जान सके.