नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने टिप्पणी की थी. अब करप्शन का बड़ा मामला सामने आ गया है. नोएडा में बने 5 किलो मीटर लंबे एलिवेटेड रोड को बनाने में भारी अनियमितता पाई गई है. इसके निर्माण में धांधली और करप्शन का आलम ये है कि महज पांच साल में ही यह क्षतिग्रस्त व खतरनाक घोषित कर दिया गया है. एलिवेटेड रोड को लेकर अब नोएडा प्राधिकरण अपने स्तर से जांच कराने में लगा हुआ है. दूसरी तरफ ट्रैफिक विभाग भी 3 सदस्यीय टीम बनाकर एलिवेटेड रोड की जांच कर रहा है.
नोएडा प्राधिकरण एलिवेटेड रोड पर हेवी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए बैरियर लगा रहा है. जिसका काम फिलहाल रोक दिया गया है. ट्रैफिक विभाग ने हेवी वाहनों को रोकने वाला बैरियर लगाने पर रोक लगा दिया है. इसके निर्माण में करप्शन का आलम ये है कि कई जगह ये फ्लाईओवर क्षतिग्रस्त हो गया है. जो कभी भी बड़े हादसे की वजह बन सकता है.
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समाजवादी सरकार में शिलान्यास, योगी सरकार में लोकार्पण..अब करप्शन की कहानी!
नोएडा सेक्टर 27 से सेक्टर 61 तक जाने और आने के लिए साढ़े 5 किलो मीटर लंबे एलिवेटेड रोड का शिलान्यास तत्कालीन समाजवादी सरकार ने 2015 में किया था. जो 2017 में बनकर तैयार हुआ. एलिवेटेड रोड का लोकार्पण जून माह में योगी सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना और स्थानीय मंत्री व सांसद डॉ. महेश शर्मा ने किया था. एलिवेटेड रोड के क्षतिग्रस्त होने की पूर्व सूचना पर रोड के आने और जाने वाले दोनों ही रास्तों पर नोएडा प्राधिकरण हेवी वाहनों की एंट्री रोकने के लिए बैरियर लगा रहा है. जिसका काम क्यों रोका गया. इस सवाल का जवाब फिलहाल कोई अफसर नहीं दे रहा है. पहले इसे क्षतिग्रस्त घोषित करना फिर इस पर बैरियर लगाने का काम रोकना. दोनों ही प्रशासन की मंशा पर सवाल खड़े करता है. अगर यह फ्लाईओवर सचमुच आमजन के लिए घातक है तो फिर इसे फौरन बंद क्यों नहीं किया जा रहा है. हेवी वाहनों के इस तरह फर्राटे भरने से तो यह अति जर्जर हालत में आ सकता है. क्या जिम्मेदार अधिकारियों को इसका अंदाजा नहीं है.
नोएडा प्राधिकरण का मास्टर प्लान रोड नंबर 2 पर बने एलिवेटेड रोड को 28 जून 2017 को आम जनता के लिए खोल दिया गया. मास्टर प्लान रोड नंबर 2 फिल्म सिटी से निठारी, एनटीपीसी होते हुए सेक्टर 61, सेक्टर 71 चौराहे तक जो जाम मुक्त करने के लिए नोएडा प्राधिकरण द्वारा 2015 में एलिवेटेड रोड का शिलान्यास किया गया. एलिवेटेड रोड का निर्माण विश्व भारती स्कूल सेक्टर 27 से शॉप्रिक्स मॉल सेक्टर 61 चौराहे तक किया गया है. इससे एनटीपीसी चौराहे से फ्लेक्स चौराहे से बाएं मुड़कर ग़ाज़ियाबाद सेक्टर 62 सेक्टर 63, 64, 65 व एनएच 9 और ग्रेटर नोएडा तक पहुंचा जा सकता है.
इसी तरह फ्लेक्स चौराहे से इस्कॉन मंदिर की ओर उतरकर बाई ओर सिटी सेंटर, सेक्टर 32, सेक्टर 33, सेक्टर 35, सेक्टर 39, सेक्टर 51, सेक्टर 52, भंगेल और एनएसईजेड पहुंचा जा सकता है. दिल्ली से नोएडा वाया ग़ाज़ियाबाद जाने वाले वाहन नोएडा प्रवेश द्वार से एमपी टू होते हुए सीधे एलिवेटेड रोड के जरिए सेक्टर 62 पहुंच जाते हैं. फिल्म सिटी से ग्रेटर नोएडा वेस्ट की तरफ जाने वाले वाहन चालकों को भी कहीं रुकने की जरूरत नहीं पड़ती है. एलिवेटेड रोड के बनने से वाहन चालकों को शहर के तीन चौराहों और 6 तिराहों पर लगने वाले जाम से निजात मिलती है.
फ्लाईओवर को लेकर रितु माहेश्वरी नाराज, ट्रैफिक अफसर भी करेंगे जांच
एलिवेटेड रोड बनने से नोएडा सेक्टर 27 होते हुए दिल्ली से आने वाले वाहन आसानी से सेक्टर-61 होते हुए ग़ाज़ियाबाद और ग्रेटर नोएडा तक बिना जाम के निकल जाते थे. 6 लेन वाले इस फ्लाईओवर को बनाने में 415 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. नोएडा विकास प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने नाराजगी जताते हुए जांच के आदेश दिए हैं. एलिवेटेड रोड की जांच के लिए एसीपी-2 रजनीश वर्मा के नेतृत्व में कमेटी गठित कर दी गई है. एलिवेटेड रोड के निर्माण में भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के बाद प्राधिकरण की सीईओ ऋतु माहेश्वरी ने ठेकेदार का बकाया भुगतान रोक दिया है. साथ ही प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों की जांच कमेटी बनाई है. यानी अब इसके करप्शन और धांधली की जांच दो-जो कमेटियां करेंगी.
एलिवेटेड रोड की जांच कर रहे हैं दो विभाग, फिर भी अफसर कैमरे पर बोलने को तैयार नहीं क्यों?
क्षतिग्रस्त एलिवेटेड रोड की जांच के लिए गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरी के डीसीपी ट्रैफिक गणेश प्रसाद साहा ने 3 सदस्यीय कमेटी बनाई है. उधर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने विज्ञप्ति जारी करके नोएडा के सेक्टर 18 से सेक्टर 61 के मध्य स्थित एलिवेटेड मार्ग पर निर्धारित अवधि से पूर्व ही मार्ग के सतह क्षतिग्रस्त होने पर नाराजगी जाहिर की है. इसके साथ ही उन्होंने जांच का निर्देश भी दिया है. ट्रैफिक विभाग के दखल के बाद नोएडा प्राधिकरण ने एलिवेटेड रोड पर लगाए जा रहे बैरियर का काम रोक दिया है. फिलहाल एंट्री प्वॉइंट पर दोनों ओर पोल लगा दिए गए हैं, लेकिन इन पर गर्डर लगाकर अवरोधक नहीं बनाया गया है. इसलिए हेवी वाहन भी फर्राटे भर रहे हैं. जो खतरनाक साबित हो सकता है. इतना सब कुछ होने के बावजूद इस एलिवेटेड रोड के क्षतिग्रस्त होने और इसकी जांच को लेकर न ही नोएडा विकास प्राधिकरण का कोई अधिकारी बोल रहा है और न ही इसकी जांच कराने वाले ट्रैफिक विभाग के अफसर कैमरे पर कुछ बोलने को तैयार हैं. इसलिए अफसरों की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं.