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प्रिंसिपल पुष्पा की मेहनत से कान्वेंट स्कूलों को मात दे रहा मेरठ का सरकारी स्कूल, सरकार ने किया सम्मान

मेरठ जिले के रजपुरा गांव में पढ़ाने वाली शिक्षिका पुष्पा यादव को प्रदेश सरकार की तरफ से शिक्षकों को मिलने वाले पुरस्कार के लिए चुना गया है. प्रिंसिपल पुष्पा यादव ने स्कूल को जिले का मॉडल स्कूल बनाकर जिले में अलग पहचान बना ली है. इस कार्य के लिए उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस पर सम्मानित किया

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मेरठ का सरकारी स्कूल
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Published : Sep 5, 2022, 2:05 PM IST

मेरठ: जिले के रजपुरा गांव का सरकारी विद्यालय किसी भी मायने में कॉन्वेंट स्कूल से कम नहीं है.एक वक्त था जब मेरठ के रजपुरा गांव के इस सरकारी स्कूल में बच्चों को कोई पढ़ाना नहीं चाहता था, जबकि अब यहां की तस्वीर बदल चुकी है अब यहां स्मार्ट क्लास लगती हैं. स्टूडेंट्स के अलावा ग्रामीणों के लिए भी पुस्तकालय है. इस वजह से जिले में यह स्कूल सबसे आगे है. सरकारी स्कूलों में अब इसकी गिनती है. सरकार ने यहां की प्रिंसिपल पुष्पा यादव को शिक्षक दिवस पर सम्मानित किया. देखिए यह रिपोर्ट

आज देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है. इस दिन का अपना अलग ही महत्व है. इसे 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाता है. 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु में पैदा हुए डॉ. प्रख्यात शिक्षाविद डॉक्टर राधाकृष्णन को भारतीय संस्कृति के संवाहक, महान शिक्षाविद और महान दार्शनिक तौर पर जाना जाता है.ऐसे शिक्षक जो समाज में सर्वश्रेष्ठ काम कर रहे हैं उनका सम्मान भी इस दिन किए जाने की वर्षों से परंपरा चली आ रही है.

मेरठ जिले से इस बार रजपुरा गांव में पढ़ाने वाली शिक्षिका पुष्पा यादव को प्रदेश सरकार की तरफ से शिक्षकों को मिलने वाले पुरस्कार के लिए चुना गया है .मेरठ के रजपुरा गांव के प्राथमिक विद्यालय की प्रधानचार्य पुष्पा यादव ने अपनी इच्छाशक्ति से इस सरकारी स्कूल की दशा और दिशा ही बदल कर रख दी है.एक वक्त था जब इस स्कूल की हालत जर्जर हुआ करती थी. उस स्कूल को प्रिंसिपल पुष्पा यादव ने जिले का मॉडल स्कूल बनाकर जिले में अलग पहचान बना ली है. इस कार्य के लिए उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस पर सम्मानित किया.

प्रिंसिपल पुष्पा यादव ने दी जानकारी
पुष्पा यादव बताती हैं कि, गांव में सरकारी पाठशाला में 2013 में वह यहां आई थीं. उन्होंने बताया कि, तब ग्रामीण अपने मवेशियों को स्कूल में बांधते थे. आसपास गंदगी ,कीचड़ ,जलभराव के साथ साथ कूड़ों के ढेर थे.बेसहारा पशु, छुट्ठा जानवर स्कूल में विचरण किया करते थे. कोई भी ग्रामीण अपने बच्चों को यहां भेजना नहीं चाहता था. तब बच्चों की संख्या करब 40 थी. लेकिन वह भी कभी आते थे तो कभी नहीं.पुष्पा कहती हैं कि, वह निश्चय कर चुकी थीं कि, इस स्कूल को न सिर्फ सुधारना है, बल्कि जिले का सबसे शानदार स्कूल बनाकर दिखाना है. पुष्पा की लगन और ईमानदार कोशिशों का परिणाम यह हुआ कि, समय तो जरूर लगा, लेकिन आज रजपुरा गांव के सरकारी स्कूल के बच्चे प्रोजेक्टर के माध्यम से आसान तरीके से उन चीजों को समझ लेते हैं जिन्हें सामान्य तौर पर पढ़ते वक्त कठिनाई हुआ करती हैं. खेल के सामान से लेकर लाइब्रेरी तक यहां हैं. खास बात यह है कि, लाइब्रेरी में देश-दुनिया की करीब दो हजार से ज्यादा किताबें यहां मौजूद हैं,और यहां गांव का कोई भी व्यक्ति तैकर किताबें ओढ़ सकता है. अध्यापिका पुष्पा समेत कुल 6 टीचर हैं. इनमें एक शिक्षामित्र भी हैं. इसे भी पढ़े-लखनऊ में सीएम योगी 75 शिक्षकों को सम्मानित करेंगे, लॉन्च करेंगे पांच पोर्टल

बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने के लिए प्रिंसीपल पुष्पा यादव ने स्कूल परिसर को टीचिंग लर्निंग मैटेरियल बना दिया. स्कूल की हर दीवार कोई न कोई जानकारी देती है.स्टूडेंट्स तो अपने टीचर्स की खूब तारीफ करते हैं. आज सोमवार को इस स्कूल में 200 से अधिक छात्र छात्राएं पढ़ने आ रहे हैं. स्कूल में प्रेयर म्यूजिक के साथ होती है.


ग्रामीण श्रवण चौधरी बताते हैं कि, गांव में लोग पहले बच्चों को कान्वेंट स्कूल में भेज रहे थे. जबकि, अब कान्वेंट स्कूलों में से गांव की सरकारी पाठशाला की पढ़ाई का स्तर देखकर उन्हें कान्वेंट की बजाए सरकारी स्कूल में पढ़ाना अधिक पसंद कर रहे हैं. बता दें कि, पुष्पा यादव को निपुण भारत मिशन के तहत Eduleaders यूपी अवॉर्ड 2022 भी मिल चुका है. उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2022 के राज्य अध्यापक पुरस्कार की सूची जारी की है,पुष्पा यादव को भी लखनऊ बुलाया गया है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ से पुष्पा यादव, गाजियाबाद से काजल शर्मा, गौतमबुद्धनगर से दीपशिखा, बुलंदशहर से रेनू रानी, बिजनौर से सुधीर कुमार, अलीगढ़ से सुरेंद्र कुमार, हापुड़ से अरुणा कुमारी राजपूत, मथुरा से पूजा चौधरी, मुरादाबाद से खिलेंद्र सिंह, मुजफ्फरनगर से सोनिया कुमारी, सहारनपुर से सुशील कुमार, शामली से मनोज कुमार का चयन इस पुरस्कार के लिए हुआ है, इन्हें आज सम्मानित किया जाएगा.

यह भी पढ़े-शिक्षक दिवस पर सीएम योगी करेंगे गुरुजनों का सम्मान, लांच होंगे ये पांच पोर्टल

मेरठ: जिले के रजपुरा गांव का सरकारी विद्यालय किसी भी मायने में कॉन्वेंट स्कूल से कम नहीं है.एक वक्त था जब मेरठ के रजपुरा गांव के इस सरकारी स्कूल में बच्चों को कोई पढ़ाना नहीं चाहता था, जबकि अब यहां की तस्वीर बदल चुकी है अब यहां स्मार्ट क्लास लगती हैं. स्टूडेंट्स के अलावा ग्रामीणों के लिए भी पुस्तकालय है. इस वजह से जिले में यह स्कूल सबसे आगे है. सरकारी स्कूलों में अब इसकी गिनती है. सरकार ने यहां की प्रिंसिपल पुष्पा यादव को शिक्षक दिवस पर सम्मानित किया. देखिए यह रिपोर्ट

आज देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है. इस दिन का अपना अलग ही महत्व है. इसे 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाता है. 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु में पैदा हुए डॉ. प्रख्यात शिक्षाविद डॉक्टर राधाकृष्णन को भारतीय संस्कृति के संवाहक, महान शिक्षाविद और महान दार्शनिक तौर पर जाना जाता है.ऐसे शिक्षक जो समाज में सर्वश्रेष्ठ काम कर रहे हैं उनका सम्मान भी इस दिन किए जाने की वर्षों से परंपरा चली आ रही है.

मेरठ जिले से इस बार रजपुरा गांव में पढ़ाने वाली शिक्षिका पुष्पा यादव को प्रदेश सरकार की तरफ से शिक्षकों को मिलने वाले पुरस्कार के लिए चुना गया है .मेरठ के रजपुरा गांव के प्राथमिक विद्यालय की प्रधानचार्य पुष्पा यादव ने अपनी इच्छाशक्ति से इस सरकारी स्कूल की दशा और दिशा ही बदल कर रख दी है.एक वक्त था जब इस स्कूल की हालत जर्जर हुआ करती थी. उस स्कूल को प्रिंसिपल पुष्पा यादव ने जिले का मॉडल स्कूल बनाकर जिले में अलग पहचान बना ली है. इस कार्य के लिए उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस पर सम्मानित किया.

प्रिंसिपल पुष्पा यादव ने दी जानकारी
पुष्पा यादव बताती हैं कि, गांव में सरकारी पाठशाला में 2013 में वह यहां आई थीं. उन्होंने बताया कि, तब ग्रामीण अपने मवेशियों को स्कूल में बांधते थे. आसपास गंदगी ,कीचड़ ,जलभराव के साथ साथ कूड़ों के ढेर थे.बेसहारा पशु, छुट्ठा जानवर स्कूल में विचरण किया करते थे. कोई भी ग्रामीण अपने बच्चों को यहां भेजना नहीं चाहता था. तब बच्चों की संख्या करब 40 थी. लेकिन वह भी कभी आते थे तो कभी नहीं.पुष्पा कहती हैं कि, वह निश्चय कर चुकी थीं कि, इस स्कूल को न सिर्फ सुधारना है, बल्कि जिले का सबसे शानदार स्कूल बनाकर दिखाना है. पुष्पा की लगन और ईमानदार कोशिशों का परिणाम यह हुआ कि, समय तो जरूर लगा, लेकिन आज रजपुरा गांव के सरकारी स्कूल के बच्चे प्रोजेक्टर के माध्यम से आसान तरीके से उन चीजों को समझ लेते हैं जिन्हें सामान्य तौर पर पढ़ते वक्त कठिनाई हुआ करती हैं. खेल के सामान से लेकर लाइब्रेरी तक यहां हैं. खास बात यह है कि, लाइब्रेरी में देश-दुनिया की करीब दो हजार से ज्यादा किताबें यहां मौजूद हैं,और यहां गांव का कोई भी व्यक्ति तैकर किताबें ओढ़ सकता है. अध्यापिका पुष्पा समेत कुल 6 टीचर हैं. इनमें एक शिक्षामित्र भी हैं. इसे भी पढ़े-लखनऊ में सीएम योगी 75 शिक्षकों को सम्मानित करेंगे, लॉन्च करेंगे पांच पोर्टल

बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने के लिए प्रिंसीपल पुष्पा यादव ने स्कूल परिसर को टीचिंग लर्निंग मैटेरियल बना दिया. स्कूल की हर दीवार कोई न कोई जानकारी देती है.स्टूडेंट्स तो अपने टीचर्स की खूब तारीफ करते हैं. आज सोमवार को इस स्कूल में 200 से अधिक छात्र छात्राएं पढ़ने आ रहे हैं. स्कूल में प्रेयर म्यूजिक के साथ होती है.


ग्रामीण श्रवण चौधरी बताते हैं कि, गांव में लोग पहले बच्चों को कान्वेंट स्कूल में भेज रहे थे. जबकि, अब कान्वेंट स्कूलों में से गांव की सरकारी पाठशाला की पढ़ाई का स्तर देखकर उन्हें कान्वेंट की बजाए सरकारी स्कूल में पढ़ाना अधिक पसंद कर रहे हैं. बता दें कि, पुष्पा यादव को निपुण भारत मिशन के तहत Eduleaders यूपी अवॉर्ड 2022 भी मिल चुका है. उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2022 के राज्य अध्यापक पुरस्कार की सूची जारी की है,पुष्पा यादव को भी लखनऊ बुलाया गया है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ से पुष्पा यादव, गाजियाबाद से काजल शर्मा, गौतमबुद्धनगर से दीपशिखा, बुलंदशहर से रेनू रानी, बिजनौर से सुधीर कुमार, अलीगढ़ से सुरेंद्र कुमार, हापुड़ से अरुणा कुमारी राजपूत, मथुरा से पूजा चौधरी, मुरादाबाद से खिलेंद्र सिंह, मुजफ्फरनगर से सोनिया कुमारी, सहारनपुर से सुशील कुमार, शामली से मनोज कुमार का चयन इस पुरस्कार के लिए हुआ है, इन्हें आज सम्मानित किया जाएगा.

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