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सिविल अस्पताल में एक्स-रे मशीन खराब, भटक रहे मरीज - रेडियोलॉजी विभाग

सिविल अस्पताल में सुबह मरीजों की भीड़ रही. वहीं, एक्स-रे मशीन ठप रही. सबसे ज्यादा दिक्कत हड्डी व टीबी एंड चेस्ट रोग विभाग में आने वाले मरीजों को झेलनी पड़ी.

सिविल अस्पताल
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Published : May 24, 2022, 10:28 PM IST

लखनऊ : डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे मशीन खराब हो गई है. ऐसे में मरीजों की मुफ्त जांचें नहीं हो पा रहीं हैं. उन्हें भुगतान कर प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर से जांच करानी पड़ रही है.

सिविल अस्पताल में सुबह मरीजों की भीड़ रही. वहीं, एक्सरे मशीन ठप रही. सबसे ज्यादा दिक्कत हड्डी व टीबी एंड चेस्ट रोग विभाग में आने वाले मरीजों को झेलनी पड़ी. यहां रोजाना 200 से अधिक मरीजों के एक्सरे हो रहे थे. मरीज सोमवार को जांच के लिए भटकते रहे. सदर निवासी मनीष को पैर की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया. परिवारीजन मरीज को लेकर ओपीडी में पहुंचे. यहां डॉक्टर ने एक्सरे जांच लिखी. रेडियोलॉजी विभाग पहुंचने पर मशीन के खराब होने की जानकारी मिली. इसके बाद प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर से जांच करानी पड़ी. इसी तरह हजरतगंज निवासी अमित को भी प्राइवेट सेंटर से जांच करानी पड़ी. अमित को चेस्ट में दिक्कत थी.

ये भी पढ़ें : 29 हजार के इंजेक्शन से छुट्टी, अब 80 रुपये की डोज से खत्म होगी पर्दे की सूजन

नहीं हुई कार्रवाई : लोहिया संस्थान में करीब 50 लाख रुपये की दवाएं एक्सपायर हुईं थीं. डिप्टी सीएम ने मामला पकड़ा था. इसके बावजूद अभी तक इसके लिए जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. संस्थान में फार्मासिस्ट वर्षों से एक ही कुर्सी पर जमे हैं. पटल परिवर्तन के लिए अधिकारियों ने कई बार आदेश भी किए. बावजूद इसके आदेशों पर अमल नहीं हुआ. नतीजतन फार्मेसी में अव्यवस्था कायम है. इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. मरीजों को दवा मिलने में भी अड़चन आ रही है. संस्थान में दवाओं के वितरण से लेकर रख-रखाव तक में लापरवाही बरती जा रही है.

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लखनऊ : डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे मशीन खराब हो गई है. ऐसे में मरीजों की मुफ्त जांचें नहीं हो पा रहीं हैं. उन्हें भुगतान कर प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर से जांच करानी पड़ रही है.

सिविल अस्पताल में सुबह मरीजों की भीड़ रही. वहीं, एक्सरे मशीन ठप रही. सबसे ज्यादा दिक्कत हड्डी व टीबी एंड चेस्ट रोग विभाग में आने वाले मरीजों को झेलनी पड़ी. यहां रोजाना 200 से अधिक मरीजों के एक्सरे हो रहे थे. मरीज सोमवार को जांच के लिए भटकते रहे. सदर निवासी मनीष को पैर की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया. परिवारीजन मरीज को लेकर ओपीडी में पहुंचे. यहां डॉक्टर ने एक्सरे जांच लिखी. रेडियोलॉजी विभाग पहुंचने पर मशीन के खराब होने की जानकारी मिली. इसके बाद प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर से जांच करानी पड़ी. इसी तरह हजरतगंज निवासी अमित को भी प्राइवेट सेंटर से जांच करानी पड़ी. अमित को चेस्ट में दिक्कत थी.

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नहीं हुई कार्रवाई : लोहिया संस्थान में करीब 50 लाख रुपये की दवाएं एक्सपायर हुईं थीं. डिप्टी सीएम ने मामला पकड़ा था. इसके बावजूद अभी तक इसके लिए जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. संस्थान में फार्मासिस्ट वर्षों से एक ही कुर्सी पर जमे हैं. पटल परिवर्तन के लिए अधिकारियों ने कई बार आदेश भी किए. बावजूद इसके आदेशों पर अमल नहीं हुआ. नतीजतन फार्मेसी में अव्यवस्था कायम है. इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. मरीजों को दवा मिलने में भी अड़चन आ रही है. संस्थान में दवाओं के वितरण से लेकर रख-रखाव तक में लापरवाही बरती जा रही है.

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