लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) को वापस लेने की मांग को लेकर पुराने लखनऊ में शुरू हुआ महिलाओं और बच्चों का अनिश्चितकालीन प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी है. हाथों में सीएए और एनआरसी वापस लेने संबंधी नारे लिखे बैनर और तख्तियां लिए कई महिलाओं और बच्चों ने शुक्रवार शाम से पुराने लखनऊ के हुसैनाबाद स्थित घंटाघर प्रांगण में शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू किया था.
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनके इस कार्यक्रम में व्यवधान डालने के लिए रात में घंटाघर की बिजली काट दी गई और जबरदस्त ठंड से बचाव के लिए उन्हें तंबू भी नहीं लगाने दिया गया. इन मुश्किलों के बावजूद महिलाएं और बच्चे वहीं पर बैठे रहे और उनका प्रदर्शन सुबह भी जारी रहा.
सीएए एक असंवैधानिक कानून
प्रदर्शन कर रही महिलाओं का समर्थन करने पहुंचीं सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जाफर ने कहा कि सीएए एक असंवैधानिक कानून है और यह देश की आत्मा के खिलाफ है. महिलाओं ने कहा है कि अब वह देखेंगी कि पुलिस उनका दमन करने के लिए क्या तरीके अपनाती है.
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उन्होंने कहा कि सरकार ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों को हिंसक बनाकर जिस तरह से इस मुद्दे को हिंदू-मुस्लिम का रंग देने की कोशिश की, उसके मद्देनजर महिलाएं यह बताना चाहती हैं कि सीएए मुसलमानों के खिलाफ नहीं बल्कि हिंदुस्तानियत के खिलाफ है.