लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद में बुधवार को गरीबों के इलाज को लेकर मशहूर शायर वसीम बरेलवी का दर्द छलक गया. उन्होंने कहा कि तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आए, इसलिए तुम्हें हम नजर नहीं आए. विधान परिषद में विधायक निधि के इस्तेमाल को लेकर बने नियम कानूनों पर चर्चा हो रही थी.
उर्दू के मशहूर शायर और विधान परिषद सदस्य वसीम बरेलवी ने सरकारी तंत्र में व्याप्त जकड़न और मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली बात कही. उन्होंने सदन को बताया कि विधान परिषद सदस्य होने के नाते वह हर साल अपनी विधायक निधि का पूरा पैसा गरीबों के इलाज पर खर्च करना चाहते हैं, क्योंकि यह सरकारी धन का एक ऐसा उपयोग है, जिसमें अमानत में खयानत करने का कोई चांस ही नहीं है.
उन्होंने बताया कि इसी वजह से उन्होंने सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा उपकरण खरीदने और गरीब लोगों के इलाज में मदद करने का फैसला किया. बरेली शाहजहांपुर लखीमपुर खीरी समेत कई जिलों में उन्होंने सरकारी अस्पतालों को जरूरी मशीनें खरीदने के लिए अपने विधायक ने से फंड दिए जाने की सिफारिश की. इसके बावजूद केवल बरेली में उनके विधायक निधि का इस्तेमाल हो पाया है. किसी अन्य जिले में उनकी विधायक निधि का इस्तेमाल नहीं हो सका. वहीं बरेली में भी जो उपकरण खरीदा गया वह गरीबों के लिए केवल इसलिए इस्तेमाल में नहीं लाया जा सका, क्योंकि वहां चिकित्सा उपकरणों को संचालित करने के लिए जरूरी कर्मचारी की तैनाती नहीं की गई.