अयोध्या: राम मंदिर परिसर में तैनात सुरक्षा बलों ने मंगलवार को एक ड्रोन को मार गिराया था और इस घटना को भगदड़ फैलाने की साजिश बताया गया. लेकिन घटना के 48 घंटे बीत जाने के बाद भी कई सवालों के जवाब अभी तक पुलिस नहीं दे पा रही है. पुलिस ड्रोन उड़ाने वाले शख्स को अब तक पकड़ नहीं सकी है. हालांकि पुलिस ने ड्रोन में लगे मेमोरी कार्ड सहित कई सबूत इकट्ठा किए हैं. जिससे ये खुलासा हुआ है कि एक थार में दिल्ली से तीन यूट्यूबर्स अयोध्या पहुंचे थे, मिली जानकरी के मुताबिक तीनों में से एक का नाम निखिल कटारिया है. वहीं मेमोरी कार्ड में मिले वीडिओ में थार गाड़ी के सामने खड़े हुए वीडियो शूट करते हुए तीनों यूट्यूबर्स को देखा गया है.
दरअसल ड्रोन मामले में अयोध्या पुलिस की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि अयोध्या में एंट्री ड्रोन सोल्यूशन मॉक ड्रिल में ड्रोन को गिरा दिया गया है. अयोध्या धाम क्षेत्र में बिना अनुमति ड्रोन उड़ाना वर्जित है. इससे पहले भी बिना अनुमति के अज्ञात ड्रोन संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज की गई थी. जिसकी पहचान हो चुकी है. अभी तक की जांच में ड्रोन का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करने के लिए उड़ाए जाने की बात ड्रोन संचालक की ओर से बताई गई है.
बता दें कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही श्रीराम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा को अभेद बनाने का दावा किया गया था. परिसर को नो फ्लाइंग जोन के साथ ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध लगाया गया था. इसके लिए मंदिर परिसर में एंटी ड्रोन सोल्यूशन सिस्टम भी लगाया गया, इसे सक्रिय करने की भी बात कही गई. यदि ये सक्रिय था तो यूट्यूबर का ड्रोन सुरक्षा इंतजामों को पार करता हुआ मंदिर के करीब कैसे पहुंच गया.
वहीं इस मामले को लेकर आईजी प्रवीण कुमार और एसएसपी सुरक्षा राजकरण नय्यर से बात करने की कोशिश की गई. तो उनकी तरफ से प्रतिक्रिया मिली कि अभी जांच की जा रही है जैसे ही कोई अपडेट होगा बताया जाएगा.
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