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विद्युत सखी योजना से महिलाओं को मिलेगी नई उड़ान, सरकार का दावा, योजना चलाने में यूपी नंबर वन

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Published : Oct 1, 2022, 4:02 PM IST

उत्तर प्रदेश में जल्द ही महिलाओं के लिए एक और योजना लागू की जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार विद्युत सखी योजना (Vidyut Sakhi Yojana) को लागू करने के लिए योजना तैयार कर रही है.

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश में महिलाओं की स्थिति को बेहतर करने के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं. सरकार का दावा है कि महिलाओं को सुविधाएं देने के मामले में यूपी नंबर वन है. योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही विद्युत सखी, सरकारी उचित दर की दुकान के आवंटन में महिलाओं को वरीयता समेत तमाम अन्य योजनाओं ने प्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाते हुए आगे बढ़ाने का काम किया है. उत्तर प्रदेश में जल्द ही महिलाओं के लिए एक और योजना लागू की जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार विद्युत सखी योजना (Vidyut Sakhi Yojana) को लागू करने के लिए योजना तैयार कर रही है.



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने एनआरएलएम को महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए नई योजनाओं को डिजाइन करने के निर्देश दिये थे. इस पर उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने महिलाओं के लिए विद्युत सखी योजना को डिजाइन किया गया. इसके लिए 1 फरवरी 2020 को विद्युत विभाग के साथ एमओयू साइन किया गया. पहले चरण में इसे पायलेट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 8 जनपदों में शुरू किया गया. इसकी सफलता के बाद इसे पूरे प्रदेश में अगस्त 2020 को लागू किया गया. इसके बाद निजी बैंक से नवंबर 2021 में एमओयू साइन किया गया. इस दौरान विद्युत सखी के लिए ऐप विकसित किया गया, ताकि उन्हे विद्युत उपकेंद्र के चक्कर न लगाने पड़ें. वहीं विद्युत सखी के लिए स्वयं सहायता समूह की 15521 महिलाओं को चयनित किया गया, जिसमें से 9288 विद्युत सखियां सक्रिय हैं.

आवंटन में महिलाओं को प्रथम वरीयता : सीएम योगी ने प्रदेश की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सात जुलाई 2020 को सस्ते गल्ले की दुकान योजना के तहत उचित दर दुकान (कोटे) को महिलाओं को प्रथम वरीयता के आधार पर आवंटित करने के निर्देश दिए. एनआरएलएम के तहत अब तक स्वयं सहायता समूह को 2085 उचित दर की दुकान आवंटित की जा चुकी है. इन दुकानों से 20850 महिलाएं जुड़ी हैं. इससे प्रदेश की महिलाएं न केवल अपने परिवार की आय बढ़ा रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए मिसाल भी बन रही हैं. योजना से जुड़ी महिलाएं अन्य महिलाओं को भी योगी सरकार की योजनाएं से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं.

यह भी पढ़ें : उद्योगपति बनते जा रहे धन्नासेठ, गरीबों के जीवन में कोई सुधार नहीं: मायावती

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने हर वर्ग-हर तबके की महिलाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालयों के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपी है. वर्तमान समय में प्रदेश में 58 हजार सामुदायिक शौचालय संचालित हो रहे हैं. इन शौचालयों का रखरखाव और संचालन करीब 50 हजार से अधिक महिलाएं कर रही हैं. इसके लिए शौचालय की महिला केयर टेकर को योगी सरकार की ओर से हर माह 6 हजार और इसका संचालन करने वाली महिलाओं को हर माह नौ हजार रुपये दिए जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने बृजलाल खाबरी

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में महिलाओं की स्थिति को बेहतर करने के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं. सरकार का दावा है कि महिलाओं को सुविधाएं देने के मामले में यूपी नंबर वन है. योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही विद्युत सखी, सरकारी उचित दर की दुकान के आवंटन में महिलाओं को वरीयता समेत तमाम अन्य योजनाओं ने प्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाते हुए आगे बढ़ाने का काम किया है. उत्तर प्रदेश में जल्द ही महिलाओं के लिए एक और योजना लागू की जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार विद्युत सखी योजना (Vidyut Sakhi Yojana) को लागू करने के लिए योजना तैयार कर रही है.



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने एनआरएलएम को महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए नई योजनाओं को डिजाइन करने के निर्देश दिये थे. इस पर उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने महिलाओं के लिए विद्युत सखी योजना को डिजाइन किया गया. इसके लिए 1 फरवरी 2020 को विद्युत विभाग के साथ एमओयू साइन किया गया. पहले चरण में इसे पायलेट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 8 जनपदों में शुरू किया गया. इसकी सफलता के बाद इसे पूरे प्रदेश में अगस्त 2020 को लागू किया गया. इसके बाद निजी बैंक से नवंबर 2021 में एमओयू साइन किया गया. इस दौरान विद्युत सखी के लिए ऐप विकसित किया गया, ताकि उन्हे विद्युत उपकेंद्र के चक्कर न लगाने पड़ें. वहीं विद्युत सखी के लिए स्वयं सहायता समूह की 15521 महिलाओं को चयनित किया गया, जिसमें से 9288 विद्युत सखियां सक्रिय हैं.

आवंटन में महिलाओं को प्रथम वरीयता : सीएम योगी ने प्रदेश की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सात जुलाई 2020 को सस्ते गल्ले की दुकान योजना के तहत उचित दर दुकान (कोटे) को महिलाओं को प्रथम वरीयता के आधार पर आवंटित करने के निर्देश दिए. एनआरएलएम के तहत अब तक स्वयं सहायता समूह को 2085 उचित दर की दुकान आवंटित की जा चुकी है. इन दुकानों से 20850 महिलाएं जुड़ी हैं. इससे प्रदेश की महिलाएं न केवल अपने परिवार की आय बढ़ा रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए मिसाल भी बन रही हैं. योजना से जुड़ी महिलाएं अन्य महिलाओं को भी योगी सरकार की योजनाएं से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने हर वर्ग-हर तबके की महिलाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालयों के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपी है. वर्तमान समय में प्रदेश में 58 हजार सामुदायिक शौचालय संचालित हो रहे हैं. इन शौचालयों का रखरखाव और संचालन करीब 50 हजार से अधिक महिलाएं कर रही हैं. इसके लिए शौचालय की महिला केयर टेकर को योगी सरकार की ओर से हर माह 6 हजार और इसका संचालन करने वाली महिलाओं को हर माह नौ हजार रुपये दिए जा रहे हैं.

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