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मदरसों के बाद वक्फ संपत्तियों का होगा सर्वे, शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने किया इनकार

शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन (Shia Waqf Board Chairman) के मुताबिक, तकरीबन 8 हजार से ज़्यादा संपत्तियां बोर्ड में दर्ज हैं. वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड में तकरीबन सवा लाख संपत्तियां हैं.

मुख्यमंत्री
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Published : Sep 20, 2022, 8:57 PM IST

Updated : Sep 20, 2022, 9:06 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मदरसों के बाद अब सरकार वक्फ संपत्तियों को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है. मदरसों के सर्वे की तर्ज पर अब वक्फ संपत्तियों का भी सर्वे कराया जाएगा. जिसकी तमाम तैयारियां पूरी की जा रही हैं. उत्तर प्रदेश में शिया सुन्नी वक्फ बोर्ड में बड़ी संख्या में वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं जिसमें भ्रष्टाचार की शिकायतें आम हैं, लेकिन अब एक महीने के अंदर इन संपत्तियों की जांच सरकार कराने जा रही है. हालांकि यूपी शिया सेंटल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने वक्फ संपत्तियों के सर्वे की बात पर इनकार किया है.


शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन (Shia Waqf Board Chairman) के मुताबिक, तकरीबन 8 हजार से ज़्यादा संपत्तियां बोर्ड में दर्ज हैं. वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड में तकरीबन सवा लाख संपत्तियां हैं. जिससे माना जा रहा है कि वक्फ बोर्डों में फैले भ्रष्टाचार के बड़े खुलासे भी हो सकते हैं. जानकारी के मुताबिक, वक्फ बोर्डों की संपत्तियों की पूरी जानकारी सरकार को इस सर्वे में उपलब्ध करानी होगी. इसके पीछे सरकार की मंशा वक्फ प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे और उनकी अवैध तरीके से बिक्री पर रोक लगाना है. आदेश के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों की जांच होगी. साथ ही सरकार ने राजस्व विभाग के वर्ष 1989 के शासनादेश को निरस्त करते हुए बड़ा फैसला लिया है.

बातचीत करते संवाददाता अर्सलान समदी




उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Uttar Pradesh Shia Central Waqf Board) के चेयरमैन अली जैदी ने सरकार के इस निर्णय को एक बेहतर कदम करार देते हुए कहा कि इस जरूरी कदम से वक्फ संपत्तियों को सुरक्षित किया जा सकेगा और वक्फ संपत्तियों पर जो अवैध कब्जे हैं उनको आसानी पूर्वक हटाया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों की बेहतरी के लिए ऐसे निर्णय बेहद आवश्यक हैं, क्योंकि उत्तर प्रदेश में भी बड़ी संख्या में वक्फ की संपत्तियां हैं और इस पर 10 में से 8 संपत्तियों पर अवैध कब्जे हैं. ऐसे में इस निर्णय से वक्फ की संपत्तियां खुर्द बुर्द बंद होने से बचाई जा सकेंगी.

यह भी पढ़ें : उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, एफडीआर तकनीकी लागू करने से तीन हजार करोड़ की होगी बचत

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Uttar Pradesh Shia Central Waqf Board) में 8000 तो सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में तकरीबन सवा लाख के आसपास वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं, लेकिन मुतवल्ली और वक़्फ़ माफियों की मिलीभगत के चलते बड़ी संख्या में वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे हैं. जिसकी बराबर शिकायतें वक्फ बोर्डों में आती रहती हैं, लेकिन कुछ बोर्ड के ढुलमुल रवैया और कुछ वक्फ संपत्तियों से जुड़े लोगों के रवैया की वजह से इन वक्फ संपत्तियों पर आसानी से अवैध कब्जे नहीं हटाए जा पाते हैं. अब माना जा रहा है कि सरकार के इस अहम कदम से वक़्फ़ संपत्तियां सुरक्षित की जा सकेंगी.

यह भी पढ़ें : धोखे और जमीन के लालच में प्रेमी ने की थी गर्लफ्रेंड की हत्या, पुलिस ने किया खुलासा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मदरसों के बाद अब सरकार वक्फ संपत्तियों को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है. मदरसों के सर्वे की तर्ज पर अब वक्फ संपत्तियों का भी सर्वे कराया जाएगा. जिसकी तमाम तैयारियां पूरी की जा रही हैं. उत्तर प्रदेश में शिया सुन्नी वक्फ बोर्ड में बड़ी संख्या में वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं जिसमें भ्रष्टाचार की शिकायतें आम हैं, लेकिन अब एक महीने के अंदर इन संपत्तियों की जांच सरकार कराने जा रही है. हालांकि यूपी शिया सेंटल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने वक्फ संपत्तियों के सर्वे की बात पर इनकार किया है.


शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन (Shia Waqf Board Chairman) के मुताबिक, तकरीबन 8 हजार से ज़्यादा संपत्तियां बोर्ड में दर्ज हैं. वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड में तकरीबन सवा लाख संपत्तियां हैं. जिससे माना जा रहा है कि वक्फ बोर्डों में फैले भ्रष्टाचार के बड़े खुलासे भी हो सकते हैं. जानकारी के मुताबिक, वक्फ बोर्डों की संपत्तियों की पूरी जानकारी सरकार को इस सर्वे में उपलब्ध करानी होगी. इसके पीछे सरकार की मंशा वक्फ प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे और उनकी अवैध तरीके से बिक्री पर रोक लगाना है. आदेश के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों की जांच होगी. साथ ही सरकार ने राजस्व विभाग के वर्ष 1989 के शासनादेश को निरस्त करते हुए बड़ा फैसला लिया है.

बातचीत करते संवाददाता अर्सलान समदी




उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Uttar Pradesh Shia Central Waqf Board) के चेयरमैन अली जैदी ने सरकार के इस निर्णय को एक बेहतर कदम करार देते हुए कहा कि इस जरूरी कदम से वक्फ संपत्तियों को सुरक्षित किया जा सकेगा और वक्फ संपत्तियों पर जो अवैध कब्जे हैं उनको आसानी पूर्वक हटाया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों की बेहतरी के लिए ऐसे निर्णय बेहद आवश्यक हैं, क्योंकि उत्तर प्रदेश में भी बड़ी संख्या में वक्फ की संपत्तियां हैं और इस पर 10 में से 8 संपत्तियों पर अवैध कब्जे हैं. ऐसे में इस निर्णय से वक्फ की संपत्तियां खुर्द बुर्द बंद होने से बचाई जा सकेंगी.

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उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Uttar Pradesh Shia Central Waqf Board) में 8000 तो सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में तकरीबन सवा लाख के आसपास वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं, लेकिन मुतवल्ली और वक़्फ़ माफियों की मिलीभगत के चलते बड़ी संख्या में वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे हैं. जिसकी बराबर शिकायतें वक्फ बोर्डों में आती रहती हैं, लेकिन कुछ बोर्ड के ढुलमुल रवैया और कुछ वक्फ संपत्तियों से जुड़े लोगों के रवैया की वजह से इन वक्फ संपत्तियों पर आसानी से अवैध कब्जे नहीं हटाए जा पाते हैं. अब माना जा रहा है कि सरकार के इस अहम कदम से वक़्फ़ संपत्तियां सुरक्षित की जा सकेंगी.

यह भी पढ़ें : धोखे और जमीन के लालच में प्रेमी ने की थी गर्लफ्रेंड की हत्या, पुलिस ने किया खुलासा

Last Updated : Sep 20, 2022, 9:06 PM IST
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