लखनऊ : शनिवार को लखनऊ व्यापार मंडल ने वाणिज्य कर कार्यालय का घेराव किया. व्यापारियों ने आटा, दाल, चावल व रोजमर्रा की वस्तुओं पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का विरोध किया. साथ ही इसके खिलाफ नारेबाजी की. व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने कहा कि इन वस्तुओं पर जीएसटी लगाने से व्यापारियों में काफी आक्रोश है. इसे वापस लिया जाए.
लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल, वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्रा समेत तमाम पदाधिकारियों ने लोगों की रोजमर्रा कि जिंदगी में इस्तेमाल होने वाले सामानों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने का विरोध किया. व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी काउंसिल के द्वारा 13 जुलाई को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था और इससे 15 जुलाई से सभी प्रकार के ब्रांडेड या अनब्रांडेड अनाज चावल, दाल, आटा, मैदा पर 5 प्रतिशत जीएसटी लागू कर दिया गया है. उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इसे जल्द से जल्द वापस लिया जाए. व्यापारी वर्ग इसको लेकर काफी नाराज और आक्रोशित है.
व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्रा ने बताया कि आटा, मैदा, बेसन आदि कच्चा माल होता है. जिससे कई वस्तुयें बनाई जाती हैं. जैसे ब्रेड, बिस्किट इत्यादि जिस पर पहले से ही टैक्स लगा हुआ है. इससे महंगाई की मार गरीब जनता पर पड़ेगी. उन्होंने बताया कि एडिशनल कमिश्नर जीएसटी के माध्यम से वित्त मंत्री भारत सरकार निर्मला सीता रमण को ज्ञापन भेजा गया है.
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व्यापारी नेता अभिषेक खरे ने बताया कि केवल 10 प्रतिशत जनता ब्रांडेड वस्तुओं का इस्तेमाल करती है, जबकि बची हुई 90 प्रतिशत जनता आमतौर पर अनब्रांडेड वस्तुओं का इस्तेमाल कर रही है. इसीलिए कर के लगने से 90 प्रतिशत जनता व मध्यम वर्गीय परिवार को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी.
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