लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा आरोप पत्र पर रोक का आदेश दिए जाने के बावजूद अभियुक्तों को हाईकोर्ट के ही गेट से उठा ले जाने के मामले में एसएचओ गुडम्बा कुलदीप सिंह व एसएचओ गाजीपुर मनोज कुमार मिश्रा समेत गिरफ़्तारी करने वाली पूरी पुलिस टीम ने सोमवार को कोर्ट में उपस्थित होकर बिना शर्त माफी मांगी. न्यायालय ने उनकी माफी को स्वीकार करते हुए, भविष्य में न्यायिक आदेशों के प्रति सचेत रहने को कहा.
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने सुरेश कुमार तंवर व बलबीर सिंह की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया. सोमवार को दोनों एसएचओ के साथ-साथ सब-इंस्पेक्टर मनुज कुमार व नितिन कुमार तथा कांस्टेबल दलबीर सिंह व दुर्गेश कुमार बाजपेई ने भी कोर्ट में हाजिर होकर माफी मांगी. इस मामले में डीसीपी उत्तरी एसएम कासिम आब्दी व पूर्वी प्राची सिंह भी व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर न्यायालय से बिना शर्त माफी मांग चुके हैं.
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उल्लेखनीय है कि वादी डॉ. श्वेता सिंह ने गाजीपुर थाने में याचियों के विरुद्ध खनन पट्टे को लेकर हुए करार का उल्लंघन करते हुए, लाखों रुपये हड़पने का आरोप लगाया था. हालांकि याचियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की व वादिनी की रजामंदी से एक महीने में उसे 35 लाख रुपये और दिसम्बर 2022 तक 15 लाख रुपये वापस करने की बात कही. इस पर न्यायालय ने मामले में याचियों के विरुद्ध दाखिल आरोप पत्र पर रोक लगा दिया. आठ अगस्त को को सुनवाई के पश्चात जैसे ही दोनों याची हाईकोर्ट परिसर के बाहर निकले, वहां पहले से मौजूद पुलिस टीम ने गेट नं. 6 से दोनों को उठा लिया था. पुलिस की इस कार्रवाई पर न्यायालय ने नाराजगी जाहिर करते हुए, अधिकारियों को तलब कर लिया था.