लखनऊ : राजधानी समेत प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की ओर से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 को फिलहाल स्थगित किए जाने की मांग उठाई गई है. प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन की ओर से मुख्य चुनाव आयुक्त, भारत सरकार और राज्य निर्वाचन आयुक्त उत्तर प्रदेश को पत्र लिखकर इसमें हस्तक्षेप करने की मांग की गई है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे और लगातार हो रही शिक्षकों की असमय मौत से दु:खी होकर यह मांग उठाई गई है.
संगठन के प्रान्तीय महामंत्री आशुतोष मिश्र और प्रान्तीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 अप्रैल माह से गतिमान हैं. प्रदेश के समस्त जनपदों के समस्त विभागों के कर्मचारियों, अधिकारियों के साथ-साथ 80% परिषदीय शिक्षक निर्वाचन कार्मिक के रूप में अपने दायित्वों का निर्वाहन कर रहे हैं. संगठन की ओर से चुनाव को टालने की मांग की गई है.
यह हैं हालात
- संगठन का कहना है कि प्रदेश के लगभग सभी जिलों में जिला प्रशासन के द्वारा 1000 से 1500 मतदान कर्मियों को प्रशिक्षण एक साथ सामूहिक रूप से एक हाल में दिया गया, जिसमें कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं हुआ.
- पार्टी रवानगी स्थल पर गम्भीर बीमारी से ग्रसित, दिव्यांग और कोविड लक्षणों से ग्रसित मतदान कार्मिकों की जिला प्रशासन के द्वारा ड्यूटी नहीं काटी गई और उनको मतदान स्थल पर भेजा गया, जिनमें कुछ मतदान कार्मिक की मतदान स्थल पर मौत हो गई.
- जिला प्रशासन की तरफ से मतदान स्थल पर मतदाताओं की थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइज करने की कोई भी (कोविड हेल्प डेस्क ) व्यवस्था नहीं थी. प्रथम दो चरण के मतदान के बाद हजारों मतदान कार्मिक भी कोविड पॉजिटिव हो चुके हैं और उनमें से सैकड़ों कार्मिकों / शिक्षकों की मौत हो गई है.
- लंबे समय से जिला अधिकारी / जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में शिक्षा अधिकारी / खंड शिक्षा अधिकारी और शिक्षक भी निर्वाचन का कार्य कर रहे हैं. ऐसे कार्मिक भी ड्यूटी के दौरान कोविड पॉजिटिव हो गए हैं. जिनमें से लगभग एक दर्जन शिक्षक, 5 खंड शिक्षा अधिकारी और एक शिक्षा अधिकारी का स्वर्गवास हो चुका है. चुनाव के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का जमीनी स्तर पर पालन न होने के कारण पॉजिटिव हुए मतदान कार्मिक की तरफ से मतदाताओं में कोविड संक्रमण के फैलने की भी संभावना है.
सोशल मीडिया पर शुरू किया गया कैंपेन
बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की ओर से इसको लेकर सोशल मीडिया पर शुरू की गई एक मुहिम काफी चर्चा में रही. हैशटेग #PostponeUPElection एवं #StopUpPanchayatElection के जरिये शिक्षकों की ओर से आवाज उठाई जा रही है. खास बात यह है कि यह सोशल मीडिया पर काफी ट्रेंड भी किया.
यहां से उठी आवाज
सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की ओर से लगातार पंचायत चुनावों को हटाने की मांग की जा रही है. बीते दिनों एक कोरोना संक्रमित शिक्षक को जबरन चुनाव ड्यूटी कराने और इस दौरान उसकी हालत बिगड़ने से निधन होने की खबर सामने आई. इसके बाद से ही शिक्षकों में काफी रोष है. इसी दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से शिक्षकों ने अपनी आवाज उठाने की कोशिश की. वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, आजमगढ़ के शिक्षकों के ग्रुप से उठी आवाज अब अभियान बनकर समूचे सोशल मीडिया पर टॉप ट्रेंड की. इसके बाद से आगरा, कानपुर, लखनऊ, मेरठ मंडलों के एक लाख से अधिक शिक्षक इसका हिस्सा बने. इनकी ओर से चुनाव को टालने की मांग उठ रही है.
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यह है पंचायत चुनाव का कार्यक्रम
इस बार के पंचायत चुनाव चार चरणों में कराए जा रहे हैं. दो चरणों की मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत तीसरे चरण में 26 अप्रैल यानि आज शामली, मेरठ, मुरादाबाद, पीलीभीत, औरेया, कानपुर देहात, जालौन, हमीरपुर, फतेहपुर, उन्नाव, अमेठी, बाराबंकी, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, चंदौली, मिर्जापुर, बलिया जैसे करीब 20 जिलों में मतदान हो रहा है. इसी तरह, चौथे और अंतिम चरण में 29 अप्रैल को 17 जिलों में मतदान प्रस्तावित है. इस सूची में बुलंदशहर, हापुड़, संभल, शाहजहांपुर, अलीगढ़, मथुरा, फर्रुखाबाद, बांदा, कौशांबी, सीतापुर, अंबेडकरनगर, बहराइच, बस्ती, कुशीनगर, गाजीपुर, सोनभद्र और मऊ शामिल हैं.