लखनऊ: देश में सीएए, एनआरसी के हिंसात्मक प्रदर्शनों के बाद जांच में पीएफआई और उसकी राजनीतिक शाखा एसडीपीआई का नाम चर्चा में आया था. आरोप लगे थे कि विदेशी फंडिंग के माध्यम से पीएफआई ने CAA और NRC के खिलाफ देश के मुसलमानों को भड़काने का काम किया था. जिसके बाद से उसके ऊपर बैन लगाने की मांग उठने लगी थी और अब सूफी इस्लामिक बोर्ड भी PFI के विरोध में खुलकर सामने आ गया है. सूफी इस्लामिक बोर्ड ने पीएफआई पर आतंकी संगठन ISIS से जुड़ा होने का बड़ा आरोप लगाते हुए, इसे देश और विदेश में बैन करने की मांग उठाई है.
'युवाओं को गुमराह कर रहा PFI'
देश में सूफी मुसलमानों का सबसे बड़ा संगठन सूफी इस्लामिक बोर्ड भी अब पीएफआई के विरोध में खुलकर उतर आया है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सूफी इस्लामिक बोर्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएफआई पर कई बड़े आरोप लगाए. सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना सय्यद हसनैन बकाई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि आतंक समर्पित संदिग्ध संस्था पीएफआई के लोग अपनी राजनीतिक शाखा एसडीपीआई के माध्यम से तथाकथित जिहाद के नाम पर इस्लामी साम्राज्य की स्थापना करने का मनगढ़ंत उद्देश्य दर्शा कर युवा वर्ग को गुमराह कर रहे हैं. सूफी बोर्ड ने आरोप लगाया कि नौजवानों को देश विरोधी गतिविधियों में सम्मिलित होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.
'PFI का आतंकी संगठन ISIS से संबंध'
सूफी संगठन के महासचिव हसनैन बकाई ने कहा कि यह वही संगठन है जो नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शनों में होने वाली हिंसक घटनाओं में शामिल रहा है और अभी हाल में ही हाथरस मामले में इस संगठन की संदिग्ध भूमिका रही है. हसनैन बकाई ने बताया कि केरल में बना यह संगठन तथाकथित जिहादियों की सहायता के लिए बनाया गया है. इसका नेटवर्क कुख्यात वैश्विक आतंकी संगठन ISIS से जुड़ा हुआ है. इस संगठन को झारखंड में प्रतिबंधित भी किया जा चुका है.
'राज्यपाल और मुख्यमंत्री से करेंगें शिकायत'
सूफी इस्लामिक बोर्ड के महासचिव मौलाना हसनैन बकाई ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि, बोर्ड जल्द ही उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर पीएफआई पर कार्रवाई करने की अपील करेगा.
'PFI के खिलाफ सड़कों पर उतरेगा सूफी समाज'
सूफी इस्लामिक बोर्ड के महासचिव मौलाना हसनैन बकाई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, पीएफआई मुस्लिम नौजवानों को भड़काकर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाता है और विदेशी फंडिंग के माध्यम से देश में हिंसात्मक प्रदर्शनों को बढ़ावा देता है. उन्होंने कहा कि यदि इस संगठन पर उचित कार्रवाई नहीं होती है तो देशहित और मुस्लिम नौजवानों को आतंकवाद के रास्ते पर जाने से रोकने के लिए सूफी समाज सड़कों पर उतरकर लोगों को जागरूक करेगा.