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कर्मचारी परिषद ने सीएम योगी को लिखा पत्र, कहा- अधिकारियों के फिजूल खर्चों पर लगाएं रोक

उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. इस पत्र में कर्मचारियों का भत्ता काटने का विरोध करते हुए अधिकारियों के फिजूल खर्च कम करने की मांग की गई है.

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सीएम को लिखा पत्र.
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Published : Apr 28, 2020, 8:45 PM IST

लखनऊ: केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश में राज्य कर्मचारियों के विभिन्न भत्तों की कटौती करने का विरोध कर रहे कर्मचारी संगठनों ने सरकार को आईना दिखाने की कोशिश की है. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा गया है कि सरकार को कर्मचारियों के भत्तों में कटौती करने के बजाए पहले अधिकारियों की फिजूलखर्ची पर रोक लगानी चाहिए.

जानकारी देते राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद अध्यक्ष.

कोरोना वायरस वैश्विक महामारी और लॉकडाउन की स्थितियों में केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के विभिन्न भत्तों में कटौती की है. प्रदेश सरकार ने भी केंद्र का अनुशरण करते हुए कर्मचारियों के भत्तों में कटौती का आदेश जारी किया है, जिसका कर्मचारी संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर कहा है कि कर्मचारियों का भत्ता नहीं काटा जाना चाहिए. वर्तमान समय में सरकार को धन की आवश्यकता है, इसके लिए विभिन्न अधिकारियों के फिजूलखर्चों पर रोक लगाने की जरूरत है.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष विजय कुमार निगम ने बताया कि सचिवालय में कई ऐसे अधिकारी हैं, जिनको शासन की ओर से सरकारी वाहन अनुमन्य नहीं है, इसके बावजूद वह सरकारी वाहन का इस्तेमाल कर रहे हैं और इस पर लाखों रुपए का व्यय किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- अजय कुमार लल्लू बोले- प्रदेश में चल रहा है गुंडाराज

उन्होंने कहा कि इसी तरह राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में और निदेशालय में भी सरकारी धन का और दुरुपयोग हो रहा है. सरकार अगर इस तरह के अपव्यय को रोक सके, तो उसे कर्मचारियों के भत्तों पर रोक लगाने की जरूरत नहीं रहेगी. सरकार को सबसे पहले बड़े-बड़े कार्यक्रमों के आयोजन, पांच सितारा होटलों में मीटिंग जैसे खर्चों पर रोक लगानी चाहिए.

लखनऊ: केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश में राज्य कर्मचारियों के विभिन्न भत्तों की कटौती करने का विरोध कर रहे कर्मचारी संगठनों ने सरकार को आईना दिखाने की कोशिश की है. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा गया है कि सरकार को कर्मचारियों के भत्तों में कटौती करने के बजाए पहले अधिकारियों की फिजूलखर्ची पर रोक लगानी चाहिए.

जानकारी देते राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद अध्यक्ष.

कोरोना वायरस वैश्विक महामारी और लॉकडाउन की स्थितियों में केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के विभिन्न भत्तों में कटौती की है. प्रदेश सरकार ने भी केंद्र का अनुशरण करते हुए कर्मचारियों के भत्तों में कटौती का आदेश जारी किया है, जिसका कर्मचारी संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर कहा है कि कर्मचारियों का भत्ता नहीं काटा जाना चाहिए. वर्तमान समय में सरकार को धन की आवश्यकता है, इसके लिए विभिन्न अधिकारियों के फिजूलखर्चों पर रोक लगाने की जरूरत है.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष विजय कुमार निगम ने बताया कि सचिवालय में कई ऐसे अधिकारी हैं, जिनको शासन की ओर से सरकारी वाहन अनुमन्य नहीं है, इसके बावजूद वह सरकारी वाहन का इस्तेमाल कर रहे हैं और इस पर लाखों रुपए का व्यय किया जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि इसी तरह राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में और निदेशालय में भी सरकारी धन का और दुरुपयोग हो रहा है. सरकार अगर इस तरह के अपव्यय को रोक सके, तो उसे कर्मचारियों के भत्तों पर रोक लगाने की जरूरत नहीं रहेगी. सरकार को सबसे पहले बड़े-बड़े कार्यक्रमों के आयोजन, पांच सितारा होटलों में मीटिंग जैसे खर्चों पर रोक लगानी चाहिए.

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