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स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित होंगे स्मार्ट गांव : केशव मौर्य - प्रशिक्षण कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री (Deputy CM) केशव प्रसाद मौर्य (Keshav prasad Maurya) ने कहा कि स्मार्ट सिटी की तर्ज पर अब स्मार्ट गांव विकसित किए जाएंगे. ग्राम्य विकास से जुड़े अधिकारी व जनप्रतिनिधि मिलकर इस दिशा में काम करेंगे.

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Published : Oct 18, 2022, 1:34 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री (Deputy CM) केशव प्रसाद मौर्य (Keshav prasad Maurya) ने कहा कि स्मार्ट सिटी की तर्ज पर अब स्मार्ट गांव विकसित किए जाएंगे. ग्राम्य विकास से जुड़े अधिकारी व जनप्रतिनिधि मिलकर इस दिशा में काम करेंगे. उन्होंने कहा कि गरीबों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लाने का मनरेगा (MNREGA) अच्छा माध्यम है. इसी को ध्यान में रखकर गांवों के विकास की महायोजना बनाई जाएगी. इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना है.

डिप्टी सीएम ने कहा है कि गांवों का विकास कर गरीबों के चेहरे पर मुस्कान लाना सरकार का मुख्य उद्देश्य है. इस उद्देश्य की पूर्ति सरकार पूरी संकल्पबद्धता व प्रतिबद्धता के साथ कर रही है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सोमवार को पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान अलीगंज मनरेगा में एमआईएस (मैनेजमेंट आफ इन्फार्मेशन सिस्टम) से सम्बंधित में 4 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम (Training Program) को सम्बोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि गांव-गरीब की सेवा करना हमारे स्वभाव में होना चाहिए, तभी हम सही मायने में गरीब‌ कल्याण की योजनाओं को धरातल पर उतारने में पूरी तरह सफल हो सकेंगे. गरीबी उन्मूलन व रोजगार देने में ग्रामीण विकास विभाग का कार्य सराहनीय है. ग्राम्य विकास विभाग (Rural Development Department) ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. अमृत सरोवरों के निर्माण में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है. मनरेगा श्रमिकों को श्रम विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के मामले में भी उत्तर प्रदेश आगे है. कोरोना काल में जब आय के सारे स्रोत बंद हो गए थे, मनरेगा में करोड़ों लोगों को रोजगार दिया गया. उन्होंने अधिकारियों, कर्मचारियों व जनप्रतिनिधियों को अपने दायित्वों के प्रति सजग रहने को कहा.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के माध्यम से स्मार्ट विलेज बनाने का मौका हमारे हाथ में है. गांव के विकास के माध्यम से गरीबों के जीवन में दिवाली लाने का प्रयास करें. उत्कृष्ट कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को समारोह करके सम्मानित किया जाए, ताकि अन्य ग्राम पंचायतें प्रेरणा ले सकें. डिप्टी सीएम ने ग्राम्य विकास से जुड़े अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का मंडल स्तर पर सम्मेलन कराने पर जोर दिया. उन्होंने गांव-गरीब के शैक्षिक, सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए प्रधानमंत्री के विजन के अनुसार अपने दायित्वों का निर्वहन करने को कहा.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किन्ही कारणों से किसी भी लाभार्थी को अनुमन्य सुविधाएं नहीं मिल पाई हों तो उन्हें प्राथमिकता से सुविधाएं मुहैया कराई जाएं. आवासों की सभी किश्तें समय से लाभार्थियों के खाते में पहुंचनी चाहिए. गरीब कल्याण के महायज्ञ में सभी लोग अपनी आहुति डालें. सब लोग मिलकर गांवों को स्वच्छ व सुन्दर रखें. इस दौरान उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रधानों को पुरस्कृत करने की घोषणा की.

प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास विभाग हिमांशु कुमार ने कहा कि मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों को प्रति निर्धारित किए गए कार्यों व दायित्वों को सही तरीके से सम्पादित कराने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है. भविष्य में पंचायतों को वित्तीय अधिकारों के प्रति निर्धारण पर विचार किया जा सकता है. ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने कहा कि प्रशिक्षण में मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों को दिए गए नए अधिकारों व दायित्वों की जानकारी दी जा रही है. प्रशिक्षण कार्यक्रम में मनरेगा के क्रियान्वयन, निगरानी व मूल्यांकन कार्य को कारगर बनाने के लिए प्रतिभागियों को एमआईएस पोर्टल, विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्म, एप आदि के बारे में भी जानकारी दी गई.

यह भी पढ़ें : सीतापुर में मंत्री जितिन प्रसाद बोले, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता की सामग्री भेजी जाएगी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री (Deputy CM) केशव प्रसाद मौर्य (Keshav prasad Maurya) ने कहा कि स्मार्ट सिटी की तर्ज पर अब स्मार्ट गांव विकसित किए जाएंगे. ग्राम्य विकास से जुड़े अधिकारी व जनप्रतिनिधि मिलकर इस दिशा में काम करेंगे. उन्होंने कहा कि गरीबों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन लाने का मनरेगा (MNREGA) अच्छा माध्यम है. इसी को ध्यान में रखकर गांवों के विकास की महायोजना बनाई जाएगी. इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना है.

डिप्टी सीएम ने कहा है कि गांवों का विकास कर गरीबों के चेहरे पर मुस्कान लाना सरकार का मुख्य उद्देश्य है. इस उद्देश्य की पूर्ति सरकार पूरी संकल्पबद्धता व प्रतिबद्धता के साथ कर रही है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सोमवार को पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान अलीगंज मनरेगा में एमआईएस (मैनेजमेंट आफ इन्फार्मेशन सिस्टम) से सम्बंधित में 4 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम (Training Program) को सम्बोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि गांव-गरीब की सेवा करना हमारे स्वभाव में होना चाहिए, तभी हम सही मायने में गरीब‌ कल्याण की योजनाओं को धरातल पर उतारने में पूरी तरह सफल हो सकेंगे. गरीबी उन्मूलन व रोजगार देने में ग्रामीण विकास विभाग का कार्य सराहनीय है. ग्राम्य विकास विभाग (Rural Development Department) ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. अमृत सरोवरों के निर्माण में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है. मनरेगा श्रमिकों को श्रम विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के मामले में भी उत्तर प्रदेश आगे है. कोरोना काल में जब आय के सारे स्रोत बंद हो गए थे, मनरेगा में करोड़ों लोगों को रोजगार दिया गया. उन्होंने अधिकारियों, कर्मचारियों व जनप्रतिनिधियों को अपने दायित्वों के प्रति सजग रहने को कहा.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के माध्यम से स्मार्ट विलेज बनाने का मौका हमारे हाथ में है. गांव के विकास के माध्यम से गरीबों के जीवन में दिवाली लाने का प्रयास करें. उत्कृष्ट कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को समारोह करके सम्मानित किया जाए, ताकि अन्य ग्राम पंचायतें प्रेरणा ले सकें. डिप्टी सीएम ने ग्राम्य विकास से जुड़े अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का मंडल स्तर पर सम्मेलन कराने पर जोर दिया. उन्होंने गांव-गरीब के शैक्षिक, सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए प्रधानमंत्री के विजन के अनुसार अपने दायित्वों का निर्वहन करने को कहा.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किन्ही कारणों से किसी भी लाभार्थी को अनुमन्य सुविधाएं नहीं मिल पाई हों तो उन्हें प्राथमिकता से सुविधाएं मुहैया कराई जाएं. आवासों की सभी किश्तें समय से लाभार्थियों के खाते में पहुंचनी चाहिए. गरीब कल्याण के महायज्ञ में सभी लोग अपनी आहुति डालें. सब लोग मिलकर गांवों को स्वच्छ व सुन्दर रखें. इस दौरान उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रधानों को पुरस्कृत करने की घोषणा की.

प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास विभाग हिमांशु कुमार ने कहा कि मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों को प्रति निर्धारित किए गए कार्यों व दायित्वों को सही तरीके से सम्पादित कराने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है. भविष्य में पंचायतों को वित्तीय अधिकारों के प्रति निर्धारण पर विचार किया जा सकता है. ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने कहा कि प्रशिक्षण में मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों को दिए गए नए अधिकारों व दायित्वों की जानकारी दी जा रही है. प्रशिक्षण कार्यक्रम में मनरेगा के क्रियान्वयन, निगरानी व मूल्यांकन कार्य को कारगर बनाने के लिए प्रतिभागियों को एमआईएस पोर्टल, विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्म, एप आदि के बारे में भी जानकारी दी गई.

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