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सदन में विशेषाधिकार हनन की नोटिस देगी समाजवादी पार्टी

समाजवादी पार्टी के विधायकों के साथ सपा अध्यक्ष की बैठक की गई. जिसमें सरकार को सदन में घेरने की रणनीति बनाई गई है. तय किया गया है कि मंगलवार को सदन की कार्यवाही (proceedings of the house) में नियम 311 के तहत समाजवादी पार्टी के विधायक विशेषाधिकार हनन की नोटिस देंगे.

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Published : Sep 19, 2022, 1:06 PM IST

Updated : Sep 19, 2022, 4:50 PM IST

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के विधायकों के साथ सपा अध्यक्ष की बैठक की गई. जिसमें सरकार को सदन में घेरने की रणनीति बनाई गई है. तय किया गया है कि मंगलवार को सदन की कार्यवाही (proceedings of the house) में नियम 311 के तहत समाजवादी पार्टी के विधायक विशेषाधिकार हनन की नोटिस देंगे. सोमवार की मीटिंग में विशेषाधिकार हनन के नोटिस देने का मामला विधायकों के साथ तय हुआ है. सरकार को घेरने की बनी रणनीति पर अखिलेश यादव ने विधायकों के साथ चर्चा की है.

उल्लेखनीय है कि सोमवार को सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव विधायकों के साथ समाजवादी पार्टी कार्यालय से पैदल मार्च करते हुए विधान भवन जा रहे थे, लेकिन पुलिस प्रशासन की तरफ से उन्हें विक्रमादित्य मार्ग पर ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया. इसके बाद अखिलेश यादव ने धरना दिया. सदन में प्रस्ताव पढ़े जाने के बीच में ही उन्होंने धरने में ही शोक प्रस्ताव पढ़ा और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं. धरना समाप्त करने के बाद अखिलेश यादव सदन में सरकार को घेरने को लेकर विशेषाधिकार हनन के नोटिस देने का फैसला किया है.

  • महँगाई, बेरोज़गारी,बदहाल कानून-व्यवस्था और किसान, महिला व युवा उत्पीड़न जैसे जनहित के मुद्दों पर सपा के ‘पैदल मार्च’ के मार्ग में बाधा बनकर भाजपा सरकार साबित कर रही है कि वह जन आक्रोश से डरकर कितना असुरक्षित महसूस कर रही है।

    सत्ता जितनी कमज़ोर होती है, दमन उतना ही अधिक बढ़ता है। pic.twitter.com/yOCArCy276

    — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 19, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि लखनऊ में एक राजनीतिक दल द्वारा पैदल मार्च सोमवार को निकाला जाना था. पुलिस द्वारा बार-बार अनुरोध करने के बाद भी पार्टी ने इसके लिये अनुमति नहीं ली. इसके बावजूद प्रजातांत्रिक मूल्यों को देखते हुए पुलिस ने उनके पैदल मार्च का रूट किया, लेकिन संबंधित दल द्वारा एक ऐसे स्थान में जाने की जिद की गई, जिसमें कई संवैधानिक संस्थान जैसे कि राजभवन और भी अन्य संस्थान मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि उस रास्ते में पहले भी कई बार पुलिस पर अटैक हो चुका है. पुलिस की गाड़ी भी जलाई जा चुकी है तथा राजभवन के सामने धरने के दौरान फायरिंग भी हुई थी, ऐसा ना हो इस कारण से ऐसा रास्ता चुना गया था जहां ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित न हो. इसके साथ ही धरना प्रदर्शन के लिये हाईकोर्ट द्वारा स्थान निर्धारित है. इसके बावजूद राजनीतिक दल द्वारा बन्दरियाबाग में धरना आयोजित किया गया. फिलहाल धरना समाप्त हो चुका है और शान्ति व्यवस्था है.

यह भी पढ़ें : CM योगी का कानून व्यवस्था पर सख्त रवैया, महिला अपराध के मामले में कार्रवाई बने नजीर

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के विधायकों के साथ सपा अध्यक्ष की बैठक की गई. जिसमें सरकार को सदन में घेरने की रणनीति बनाई गई है. तय किया गया है कि मंगलवार को सदन की कार्यवाही (proceedings of the house) में नियम 311 के तहत समाजवादी पार्टी के विधायक विशेषाधिकार हनन की नोटिस देंगे. सोमवार की मीटिंग में विशेषाधिकार हनन के नोटिस देने का मामला विधायकों के साथ तय हुआ है. सरकार को घेरने की बनी रणनीति पर अखिलेश यादव ने विधायकों के साथ चर्चा की है.

उल्लेखनीय है कि सोमवार को सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव विधायकों के साथ समाजवादी पार्टी कार्यालय से पैदल मार्च करते हुए विधान भवन जा रहे थे, लेकिन पुलिस प्रशासन की तरफ से उन्हें विक्रमादित्य मार्ग पर ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया. इसके बाद अखिलेश यादव ने धरना दिया. सदन में प्रस्ताव पढ़े जाने के बीच में ही उन्होंने धरने में ही शोक प्रस्ताव पढ़ा और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं. धरना समाप्त करने के बाद अखिलेश यादव सदन में सरकार को घेरने को लेकर विशेषाधिकार हनन के नोटिस देने का फैसला किया है.

  • महँगाई, बेरोज़गारी,बदहाल कानून-व्यवस्था और किसान, महिला व युवा उत्पीड़न जैसे जनहित के मुद्दों पर सपा के ‘पैदल मार्च’ के मार्ग में बाधा बनकर भाजपा सरकार साबित कर रही है कि वह जन आक्रोश से डरकर कितना असुरक्षित महसूस कर रही है।

    सत्ता जितनी कमज़ोर होती है, दमन उतना ही अधिक बढ़ता है। pic.twitter.com/yOCArCy276

    — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 19, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि लखनऊ में एक राजनीतिक दल द्वारा पैदल मार्च सोमवार को निकाला जाना था. पुलिस द्वारा बार-बार अनुरोध करने के बाद भी पार्टी ने इसके लिये अनुमति नहीं ली. इसके बावजूद प्रजातांत्रिक मूल्यों को देखते हुए पुलिस ने उनके पैदल मार्च का रूट किया, लेकिन संबंधित दल द्वारा एक ऐसे स्थान में जाने की जिद की गई, जिसमें कई संवैधानिक संस्थान जैसे कि राजभवन और भी अन्य संस्थान मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि उस रास्ते में पहले भी कई बार पुलिस पर अटैक हो चुका है. पुलिस की गाड़ी भी जलाई जा चुकी है तथा राजभवन के सामने धरने के दौरान फायरिंग भी हुई थी, ऐसा ना हो इस कारण से ऐसा रास्ता चुना गया था जहां ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित न हो. इसके साथ ही धरना प्रदर्शन के लिये हाईकोर्ट द्वारा स्थान निर्धारित है. इसके बावजूद राजनीतिक दल द्वारा बन्दरियाबाग में धरना आयोजित किया गया. फिलहाल धरना समाप्त हो चुका है और शान्ति व्यवस्था है.

यह भी पढ़ें : CM योगी का कानून व्यवस्था पर सख्त रवैया, महिला अपराध के मामले में कार्रवाई बने नजीर

Last Updated : Sep 19, 2022, 4:50 PM IST
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