लखनऊ: मानसून की पहली बारिश ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के सभी दावों पर पानी फेर दिया. बारिश से पहले सभी बसों की छतों की मरम्मत पूरी कर लिए जाने का दावा रोडवेज प्रशासन ने किया था, लेकिन बारिश हुई तो रोडवेज अधिकारियों के दावों की पोल खुल गई.
आजमगढ़ से लखनऊ आ रही अम्बेडकरनगर डिपो की बस (यूपी 78 एफटी 6866) की छत से बारिश की बूंदें बस के अंदर सवार यात्रियों की सीटों पर टपकने लगीं. तेज हुई बारिश से जब सीटें भीग गईं तो यात्री उठकर खड़े हो गए. यात्रियों ने बस के परिचालक से अपना किराया वापस देने की मांग शुरू कर दी. यात्रियों की शिकायत थी कि जब किराया सीट पर बैठने के लिए लिया गया है और खड़े होकर ही सफर करना है तो फिर किराया वापस दे दो. दूसरे साधन से सफर कर लेंगे. यात्री बस कंडक्टर से टिकट का पैसा मांगते रहे, लेकिन कंडक्टर पैसा वापस न करने की जिद पर अड़ गया. इसके बाद यात्रियों और कंडक्टर में कहासुनी भी हुई. इसके बाद यात्रियों ने बस से उतरकर हंगामा किया. बस ड्राइवर के काफी समझाने पर ही यात्री शांत हुए और किसी तरह अपना सफर पूरा किया.
मानसून की पहली बारिश शहरवासियों के लिए गर्मी से तो राहत देने वाली रही, लेकिन रोडवेज के लिए यह बारिश किसी आफत से कम नहीं साबित हुई. इस बारिश ने रोडवेज की लाखों की आय पर पानी फेर दिया. तेज बारिश होने के चलते बस स्टेशन पर यात्री बस पकड़ने पहुंच नहीं पाए. दोपहर तक बसें स्टेशन पर ही यात्रियों के इंतजार में खड़ी रहीं. दोपहर बाद जब बारिश थमी तो यात्री घर से निकलकर बस स्टेशन पहुंचे. कैसरबाग बस स्टेशन के सभी प्लेटफार्म पर बसें दोपहर तक खड़ी रहीं. पहली बस एक बजे के बाद बहराइच के लिए भेजी गई.
पढ़ें-Lucknow University: यूजी की पढ़ाई में होगा यह बदलाव, 4 साल में बैचलर इन रिसर्च की डिग्री