लखनऊ: उत्तर प्रदेश सेवानिवृत्त डिप्लोमा इंजीनियर कल्याण संघ ने बुधवार को अलंकार सिनेमा रोड पर धरना दिया. सेवानिवृत्त डिप्लोमा इंजीनियर्स का कहना है कि उनकी 16 प्रमुख मांगे हैं. इन मांगों को सरकार नहीं मान रही है, जिसकी वजह से वो धरना देने के लिए मजबूर हैं.
प्रांतीय सचिव आरके भाटिया ने कहा कि इस आंदोलन में 60 साल से लेकर के 80 साल तक के सेवानिवृत्त कर्मचारी शामिल हुए. हमें आधा वेतन पेंशन के रूप में मिलता है. इस समय जो महंगाई भत्ता मिलता था, उसे रोक दिया गया. सरकार ने कहा था कि कोरोना काल चल रहा है, महंगाई भत्ता नहीं दिया जाएगा.
प्रांतीय अध्यक्ष विष्णु प्रसाद तिवारी ने कहा कि महंगाई भत्ता रोके जाने के बाद भी पेंशनर्स ने करोड़ों रुपए प्रधानमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिए क्योंकि उस वक्त सरकार के पास पैसों की कमी थी. सरकार ने एरियर की तीन किस्तों का भुगतान नहीं किया और महंगाई भत्ता लेना हमारा हक है और हम लोग अपना हक मांग रहे हैं. हम अपने हक की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.
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विष्णु प्रसाद तिवारी ने कहा कि अब सरकार के पास राजस्व आ रहा है और कर्मचारियों और पेंशनर्स को उनका हक देना चाहिए. उन लोगों से सरकार ने कहा था कि कैशलेस मेडिकल की सुविधा देंगे. उसका कार्ड भी जारी हो गया, लेकिन आज तक कोई अस्पताल नामित तक नहीं हुआ. लोग इलाज करवाने के लिए अब कहां जाएं.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को एनपीएस के स्थान पर पहले की तरह पेंशन स्वीकृत की जाए. उत्तराखंड की तरह वरिष्ठ पेंशनर्स को परिवहन विभाग की बसों में यात्रा करने पर किराए में छूट और बैठने के लिए चार सीट आरक्षित की जाएं.
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