प्रयागराज: जिले में बाहुबली और माफिया के बाद अब भूमाफिया के खिलाफ भी कार्रवाई तेज कर दी गई है. शहरी और ग्रामीण इलाके में जहां तक प्रयागराज विकास प्राधिकरण (Prayagraj Development Authority) का दायरा आता है, अवैध प्लॉटिंग और अन्य आवासीय योजनाओं के तहत किए गए निर्माणों को ढहाया जा रहा है.
पीडीए के अधिकारियों का कहना है कि जो भी नियमों के विपरीत मानक की अनदेखी करके प्लॉटिंग फ्लैट निर्माण समेत किसी भी तरह से जमीन का अवैध कारोबार करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही पीडीए आम जनता को इस बात की जानकारी दे रहा है कि जमीन और प्लॉट खरीदते समय किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए.
प्रयागराज में शहर के साथ ही गंगापार और यमुनापार इलाके में इन दिनों अवैध रूप से प्लॉटिंग करके जमीन को बेचने का धंधा तेजी से फल-फूल रहा है. इसे देखते हुए पीडीए ने बिना प्राधिकरण से नक्शा पास करवाये और अवैध तरीके से की गई प्लॉटिंग के कारोबार के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है. इसके तहत अब प्रयागराज विकास प्राधिकरण शहर के साथ ही ग्रामीण इलाकों में अपने क्षेत्र में किए जा रहे जमीन के अवैध कारोबार को तोड़ रहा है.
तेज गति से शुरू हुआ ध्वस्तीकरण : प्रदेश में योगी सरकार की दूसरी पारी (Yogi Sarkar's second innings) शुरू होने के बाद माफियाओं और बाहुबलियों के साथ ही जमीन का अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ पीडीए का बुलडोजर चलने लगा है.
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पीडीए ने लोगों को दी सलाह : पीडीए के अधिकारी लोगों से अपील कर रहे हैं कि जमीन को खरीदने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें, तभी जमीन की खरीद-फरोख्त करें. सिर्फ बिल्डर से बातचीत के आधार पर सस्ते दाम के चक्कर मे जमीन न खरीदें. किसी भी जमीन को खरीदने से पहले उसका लैंड यूज भी पता कर लेना चाहिए.
खेती वाले जमीन को खरीद कर बिना लैंड यूज बदले उस पर घर नहीं बनाया जा सकता है. साथ ही पीडीए से नक्शा लेआउट पास है या नहीं, यह देखे बिना जमीन नहीं खरीदनी चाहिए. पीडीए से नक्शा पास कराए बिना प्लॉटिंग करने वालों से जमीन नहीं खरीदना चाहिए क्योंकि नियमों के विपरीत किए गए निर्माण पर पीडीए जरूर कार्रवाई करेगा. ऐसे में गाढ़ी कमाई का पैसा किसी जमीन में इंवेन्स्ट करने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए.
पीडीए की कार्रवाई पर उठने लगे सवाल : वहीं, पीडीए की इस कार्रवाई को लेकर लोग सवाल भी खड़े करने लगे हैं. लोगों का कहना है कि पीडीए जिन जमीनों पर कार्रवाई कर रहा है. उससे नुकसान जमीन खरीदने वाले आम आदमी को ही होता है क्योंकि बिल्डर तो जमीन बेचकर चला जाय है. पूरा नुकसान आम इंसान का होता है.
सरकार और पीडीए बिल्डरों के नाम पर जमीन खरीदने वालों के निर्माण पर बुलडोजर चलाकर खानापूर्ति हो रही है. सरकार को चाहिए कि जमीन बेचने वाले बिल्डरों से वसूली करके गरीबों को उनके द्वारा लगाए गए पैसे को वापस करवाना चाहिए. पीडीए के अफसर अवैध निर्माण के नाम पर की जाने वाली कार्रवाई के तहत जमीनों पर किए गए निर्माण को ध्वस्त कर रहे हैं.
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