लखनऊ: अब केजीएमयू में डॉक्टर-कर्मचारी अपने स्तर से किसी कार्यक्रम में माननीय या फिर वीआईपी को न्योता नहीं दे सकेंगे. बुलाने से पहले केजीएमयू प्रशासन को सूचना देनी होगी. इस संबंध मे केजीएमयू कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने आदेश जारी कर दिया है.
केजीएमयू में विभाग स्तर पर तमाम तरह के एकेडमिक कार्यक्रम होते हैं. विभाग के अधिकारी सेमिनार व गोष्ठी में अपने स्तर से वीआईपी व माननीयों को बुलाते हैं. अब ऐसा संभव नहीं होगा. इसके लिए कुलपति से अनुमति लेनी होगी. जारी आदेश में कहा गया है कि माननीय, राज्यपाल, जज, आईएएस को अब कुलपति कार्यालय के माध्यम से ही बुलाया जाए. इस संबंध में कुलपति ने सीएमएस, चिकित्सा अधीक्षक, सभी विभागों के अध्यक्ष, प्रॉक्टर, चीफ प्रोवोस्ट, परीक्षा नियंत्रक, कुलसचिव, वित्त नियंत्रक को पत्र भेजा है.
बीएमजीएफ के सीईओ ने किया डफरिन का निरीक्षण: बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) के सीईओ मार्क्स सुजमैन ने गुरुवार को डफरिन अस्पताल का जायजा लिया. फाउंडेशन की टीम ने प्रसव कक्ष का निरीक्षण किया. साथ ही वहां उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की. टीम सबसे पहले वार्डों में गई. फिर ऑपरेशन थियेटर व पैथोलॉजी को देखा. जिसके बाद मातृ व शिशु स्वास्थ्य की प्रगति के बारे में जानकारी हासिल की. मार्क्स सुजमैन ने कोविड टीकाकरण एवं महामारी के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार बनाये रखने के लिए फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों की सराहना की. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में मातृ और शिशु स्वास्थ्य में सुधार आया है.
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अस्पताल की प्रमुख अधीक्षिका डॉ. सीमा श्रीवास्तव ने बताया कि इस दौरान इलाज, प्रशिक्षण व नवजात शिशु के देखभाल की बारीकियां बताई गईं. स्किल लैब, लेबर रूम, कंगारू मदर केयर यूनिट भी दिखाया गया. इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रश्मि मिश्रा, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सरिता सक्सेना, क्वालिटी इंश्योरेंस के नोडल अधिकारी डॉ. सलमान खान मौजूद रहे.
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