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लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में लगेंगी नई मशीनें, इन रोग से पीड़ित मरीजों को इलाज होगा आसान

राजधानी लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में नई मशीनें लगेंगी. इन मशीनों के लगने के बाद कोविड मरीजों के साथ गंभीर रोग से पीड़ित अन्य मरीजों को भी इलाज में काफी आसानी से होगी.

डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान
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Published : Aug 30, 2021, 7:29 PM IST

लखनऊ : राजधानी के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में नई मशीनें लगेंगी. इन मशीनों के लगने के बाद गंभीर रोग से ग्रसित मरीजों की सटीक जांच हो सकेगी, जिससे उनके इलाज में काफी मदद मिलेगी. यह सुविधा 24 घण्टे मिलेगी, जिससे डॉक्टर्स समय से मरीजों का इलाज कर सकेंगे.


लोहिया संस्थान में दो सीटी स्कैन मशीनें अभी हैं. इनमें से एक हॉस्पिटल ब्लॉक में है, जबकि दूसरी मेन कैम्पस में है. कोविड अस्पताल में अभी सीटी स्कैन मशीन नहीं है. ऐसे में कोरोना के मरीजों को मुख्य कैम्पस में जांच के लिए भेजा जाता है. इससे सामान्य मरीजों में भी संक्रमण का खतरा रहता है. ऐसे में एक मशीन कोविड अस्पताल शहीद पथ लगेगी, जबकि दूसरी मशीन मुख्य कैम्पस में लगेगी. इस पर 24 घण्टे जांच की सुविधा होगी. अभी रात आठ बजे तक ही सीटी स्कैन की जांच होती है. संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह के मुताबिक नई सीटी स्कैन मशीनों का टेंडर हो गया है.



150 बेड की इमरजेसी होगी

इसके साथ ही लोहिया संस्थान की इमरजेंसी का विस्तार हो रहा है. ऐसे में मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी. लिहाजा एक्स-रे और ईसीजी मशीनों की संख्या बढ़ाई जा रही हैं. एक्स-रे की पोर्टेबल 6 मशीन आ चुकी हैं. इससे बेड साइड पर ही जांच की जा सकेगी. जिससे मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा. लोहिया संस्थान में कुल 40 विभाग हैं. यहां का मुख्य ब्लॉक 350 बेड का है. हॉस्पिटल ब्लॉक 400 बेड का हैं. साथ ही शहीद पथ कैम्पस में 200 बेड हैं. अस्पताल में कुल 48 बेड इमरजेंसी के हैं. यहां हर रोज 300 से 400 गंभीर रोगी इलाज के लिए आते हैं. मगर, बेड का संकट इलाज में बाधा बन रहा है. लिहाजा, निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने इमरजेंसी के विस्तार का फैसला किया है. यहां अब 150 बेड की इमरजेंसी होगी. इसके लिए इमरजेंसी के बगल का हॉल मिलाया जा रहा है.


50 बेड का होगा आईसीयू

संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह के मुताबिक इमरजेंसी के 15 से 20 फीसद मरीजों को वेंटीलेटर सपोर्ट की आवश्यकता होती है. ऐसे में हॉस्पिटल ब्लॉक में 50 बेड का आईसीयू भी बनेगा. इसमें गंभीर रोगियों को इलाज से राहत मिलेगी. इन बेडों पर एफएनएसी व वेंटीलेटर भी लगाए जाएंगे. संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह के मुताबिक अभी कुल 165 बेड वेंटीलेटर सपोर्टेड हैं. यह कोविड अस्पताल मिलाकर हैं. वहीं अस्पताल में सेंट्रल आईसीयू 14 बेड का ही है. ऐसे में इमरजेंसी में आए गंभीर मरीजों को भटकना पड़ता है. लिहाजा, 50 बेड का आईसीयू और बनाने का फैसला किया गया.



सस्ती दवा के लिए काउंटर

हॉस्पिटल ब्लॉक में तीन फार्मेसी काउंटर बन गए हैं. हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड के तहत इन्हें संचालित किया जाएगा. इन पर करीब 3000 किस्म की दवा, सर्जिकल आइटम बाजार दर से 60 फीसद तक सस्ता उपलब्ध होगा. इससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी.

इसे भी पढ़ें : राजधानी में डेंगू का डंक, मिले छह मरीज

लखनऊ : राजधानी के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में नई मशीनें लगेंगी. इन मशीनों के लगने के बाद गंभीर रोग से ग्रसित मरीजों की सटीक जांच हो सकेगी, जिससे उनके इलाज में काफी मदद मिलेगी. यह सुविधा 24 घण्टे मिलेगी, जिससे डॉक्टर्स समय से मरीजों का इलाज कर सकेंगे.


लोहिया संस्थान में दो सीटी स्कैन मशीनें अभी हैं. इनमें से एक हॉस्पिटल ब्लॉक में है, जबकि दूसरी मेन कैम्पस में है. कोविड अस्पताल में अभी सीटी स्कैन मशीन नहीं है. ऐसे में कोरोना के मरीजों को मुख्य कैम्पस में जांच के लिए भेजा जाता है. इससे सामान्य मरीजों में भी संक्रमण का खतरा रहता है. ऐसे में एक मशीन कोविड अस्पताल शहीद पथ लगेगी, जबकि दूसरी मशीन मुख्य कैम्पस में लगेगी. इस पर 24 घण्टे जांच की सुविधा होगी. अभी रात आठ बजे तक ही सीटी स्कैन की जांच होती है. संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह के मुताबिक नई सीटी स्कैन मशीनों का टेंडर हो गया है.



150 बेड की इमरजेसी होगी

इसके साथ ही लोहिया संस्थान की इमरजेंसी का विस्तार हो रहा है. ऐसे में मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी. लिहाजा एक्स-रे और ईसीजी मशीनों की संख्या बढ़ाई जा रही हैं. एक्स-रे की पोर्टेबल 6 मशीन आ चुकी हैं. इससे बेड साइड पर ही जांच की जा सकेगी. जिससे मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा. लोहिया संस्थान में कुल 40 विभाग हैं. यहां का मुख्य ब्लॉक 350 बेड का है. हॉस्पिटल ब्लॉक 400 बेड का हैं. साथ ही शहीद पथ कैम्पस में 200 बेड हैं. अस्पताल में कुल 48 बेड इमरजेंसी के हैं. यहां हर रोज 300 से 400 गंभीर रोगी इलाज के लिए आते हैं. मगर, बेड का संकट इलाज में बाधा बन रहा है. लिहाजा, निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने इमरजेंसी के विस्तार का फैसला किया है. यहां अब 150 बेड की इमरजेंसी होगी. इसके लिए इमरजेंसी के बगल का हॉल मिलाया जा रहा है.


50 बेड का होगा आईसीयू

संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह के मुताबिक इमरजेंसी के 15 से 20 फीसद मरीजों को वेंटीलेटर सपोर्ट की आवश्यकता होती है. ऐसे में हॉस्पिटल ब्लॉक में 50 बेड का आईसीयू भी बनेगा. इसमें गंभीर रोगियों को इलाज से राहत मिलेगी. इन बेडों पर एफएनएसी व वेंटीलेटर भी लगाए जाएंगे. संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह के मुताबिक अभी कुल 165 बेड वेंटीलेटर सपोर्टेड हैं. यह कोविड अस्पताल मिलाकर हैं. वहीं अस्पताल में सेंट्रल आईसीयू 14 बेड का ही है. ऐसे में इमरजेंसी में आए गंभीर मरीजों को भटकना पड़ता है. लिहाजा, 50 बेड का आईसीयू और बनाने का फैसला किया गया.



सस्ती दवा के लिए काउंटर

हॉस्पिटल ब्लॉक में तीन फार्मेसी काउंटर बन गए हैं. हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड के तहत इन्हें संचालित किया जाएगा. इन पर करीब 3000 किस्म की दवा, सर्जिकल आइटम बाजार दर से 60 फीसद तक सस्ता उपलब्ध होगा. इससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी.

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