लखनऊ: विधानसभा चुनाव 2022 में एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत हुई. वहीं, समाजवादी पार्टी के कई वरिष्ठ और दिग्गज नेता भी चुनाव हार गए. योगी मंत्रिमंडल में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी जैसे नेता भी समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे तो जनता ने इन्हें विधानसभा तक नहीं पहुंचने दिया.
इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता भी चुनाव हार गए हैं. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता 8 बार के विधायक और विधानसभा में नेता विपक्ष रामगोविंद चौधरी भी इस बार चुनाव जीतने में असफल रहे. बलिया की बांसडीह विधानसभा सीट से रामगोविंद चौधरी को भारतीय जनता पार्टी गठबंधन की प्रत्याशी केतकी सिंह ने चुनाव हरा दिया है.
इसी तरह योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य कुशीनगर के फाजिलनगर विधानसभा सीट से मैदान में उतरे थे लेकिन जनता ने इन्हें इस बार विधानसभा नहीं भेजा. भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य को हरा दिया. स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले बीजेपी विधायक बृजेश प्रजापति भी सपा के टिकट पर तिंदवारी विधानसभा सीट से चुनाव लड़े लेकिन वह भी चुनाव हार गए.
इसी प्रकार योगी सरकार में मंत्री रहे धर्म सिंह सैनी विधानसभा चुनाव की नोटिफिकेशन जारी होने के बाद समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हुए और सहारनपुर की अपनी नकुड़ विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़े. जनता ने भी इन्हें दल बदलू होने का सर्टिफिकेट दे दिया. इन्हें विधानसभा नहीं भेजा. धर्म सिंह सैनी को भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी मुकेश चौधरी ने पराजित कर दिया.
समाजवादी पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं में शामिल और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्र को राजधानी लखनऊ कि सरोजनी नगर सीट से बीजेपी के उम्मीदवार राजेश्वर सिंह ने चुनाव हरा दिया. इसके अलावा अखिलेश सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे अरविंद सिंह गोप बाराबंकी की दरियाबाद सीट से चुनाव हार गए और उन्हें भारतीय जनता पार्टी के सतीश चंद्र शर्मा ने चुनाव हराया है.
इसके अलावा अयोध्या सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय भी चुनाव हार गए. उन्हें भारतीय जनता पार्टी के वेद प्रकाश गुप्ता ने पछाड़ दिया.
इसी तरह सुलतानपुर की लंभुआ सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पूर्व मंत्री संतोष पांडेय भी चुनाव हार गए हैं. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुराग भदौरिया लखनऊ की पूर्व विधानसभा सीट से बीजेपी के वरिष्ठ नेता नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन उर्फ गोपाल टंडन से चुनाव हार गए.
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इसी तरह समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे शैलेंद्र यादव, ललई यादव जौनपुर की शाहगंज सीट से सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में थे जिन्हें भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार रमेश सिंह ने चुना हरा दिया है.
इसके अलावा समाजवादी पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सुशीला सरोज लखनऊ की मोहनलालगंज सीट से चुनाव हार गई हैं. भारतीय जनता पार्टी के अमरेश कुमार ने उन्हें चुनाव हराने का काम किया. भारतीय जनता पार्टी इस सीट पर पहले कभी चुनाव नहीं जीत पाई थी लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी इस सीट पर भगवा फहरा दिया है.
फतेहपुर की अयाहशाह विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राज्यसभा सांसद विशंभर प्रसाद निषाद भी चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन बीजेपी के निवर्तमान विधायक विकास गुप्ता ने उन्हें हरा दिया.
पूर्वांचल के बड़े ब्राह्मण चेहरों में शुमार पंडित हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी बहुजन समाज पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे, लेकिन इस बार गोरखपुर की चिल्लू पार विधानसभा सीट से वह चुनाव जीतने में असफल रहे.
विनय शंकर तिवारी को बीजेपी के राजेश त्रिपाठी ने चुनाव हरा दिया है. 2017 के विधानसभा चुनाव में विनय शंकर तिवारी बसपा के टिकट पर गोरखपुर की चिल्लूपार विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे. विधानसभा चुनाव 2022 में वह समाजवादी पार्टी में शामिल होकर चिल्लूपार से चुनाव मैदान में उतरे थे लेकिन बीजेपी के राजेश त्रिपाठी ने उन्हें चुनाव कराने का काम किया.
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