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किशन भारवाड़ मर्डर केस में नया खुलासा, आरोपी कमरगनी उस्मानी लखनऊ में चलाता है TFI नाम की संस्था - किशन भारवाड़ मर्डर केस

अहमदाबाद जिले की धंधुका तहसील में 25 जनवरी को किशन भरवाड़ की गोली मारकर हत्या के आरोप में गिरफ्तार दिल्ली के मौलाना कमरगनी उस्मानी से एटीएस ने पूछताछ की. इस पूछताछ में एटीएस को पता चला कि वो टीएफआई (TFI) ('तैहरी या फारोकी इस्लामिक') नाम की संस्था संचालित कर रहा है, जो लखनऊ में रजिस्टर्ड है.

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किशन भारवाड़ मर्डर केस में नया खुलासा
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Published : Feb 3, 2022, 10:02 PM IST

लखनऊ/अहमदाबाद: किशन भरवाड़ हत्याकांड में मामले में एटीएस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनमें शामिल दिल्ली के मौलाना कमरगनी उस्मानी से एटीएस की पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं. पूछताछ में मौलाना कमरगनी उस्मानी ने एटीएस को बताया कि वह टीएफआई ('तैहरी या फारोकी इस्लामिक') नाम की संस्था संचालित कर रहा है, जो लखनऊ में रजिस्टर्ड है. एटीएस के अधिकारी ने बताया कि अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता कि इस मामले से पाकिस्तान का कोई संबंध है या नहीं. मौलाना कमरगनी उस्मानी से पूछताछ में एटीएस को पता चला कि वो टीएफआई (TFI) ('तैहरी या फारोकी इस्लामिक') नाम की संस्था संचालित कर रहा है, जो लखनऊ में रजिस्टर्ड है.

जांच में अभी तक यह खुलासा नहीं हुआ है कि आरोपी पाकिस्तान या अंडरवर्ल्ड के संपर्क में थे. कमरगनी के संगठन के सदस्य पूरे देश में हैं, जो उनको रोजाना 1 रुपये दान देते हैं. जांच में यह भी पता चला कि उसके संगठन टीएफआई (TFI) के दो अलग-अलग बैंक खाते थे. सेंट्रल आईबी, एनआईए समेत एजेंसियां ​​मामले की जांच के लिए अहमदाबाद पहुंच गई हैं.

इस मामले में अब तक 8 आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं. इसके अलावा गिरफ्तार 3 आरोपी अहमदाबाद विलेज कोर्ट की विशेष अदालत में पेश किए गए. जिहादी भाषण सुनने के बाद शब्बीर ने किशन को मार डाला. एटीएस ने बताया कि किशन की हत्या के आरोपी शब्बीर और मौलाना कमरगनी की अहमदाबाद में मुलाकात हुई थी. वो शाह आलम में एक मस्जिद में मिले थे. एटीएस की जांच में सामने आया है कि मौलाना कमरगनी मुस्लिम समुदाय की आलोचना करने वालों पर मुकदमा करते थे और शब्बीर जैसे युवकों को लोगों को मारने के लिए उकसाते थे.

ये भी पढ़ें- गुस्से में आकर लाइसेंसी रिवाल्वर से की थी हत्या, स्वॉट टीम और पुलिस की संयुक्त टीम ने आरोपी को किया गिरफ्तार


एटीएस का मानना है कि ऐसा ही जिहादी भाषण सुनने के बाद आरोपी शब्बीर ने धंधुका के किशन भारवाड़ की हत्या कर दी. कमरगनी उस्मानी एक बार नहीं बल्कि कई बार शांति भंग करने के लिए गुजरात गया था. वो अहमदाबाद के चंदोला झील के शाह आलम में भी सक्रिय था. कमरगनी से पूछताछ में एक के बाद एक नई जानकारियां सामने आ रही हैं. मौलाना कमरगनी गुजरात की शांति भंग करने के लिए लोगों से मिलता था. वो अहमदाबाद के गोमतीपुर, दानी लिंदा‌, चंदोला, शाह आलम जैसे इलाकों में गया और लोगों को सॉफ्ट टारगेट बनाया.

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लखनऊ/अहमदाबाद: किशन भरवाड़ हत्याकांड में मामले में एटीएस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनमें शामिल दिल्ली के मौलाना कमरगनी उस्मानी से एटीएस की पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं. पूछताछ में मौलाना कमरगनी उस्मानी ने एटीएस को बताया कि वह टीएफआई ('तैहरी या फारोकी इस्लामिक') नाम की संस्था संचालित कर रहा है, जो लखनऊ में रजिस्टर्ड है. एटीएस के अधिकारी ने बताया कि अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता कि इस मामले से पाकिस्तान का कोई संबंध है या नहीं. मौलाना कमरगनी उस्मानी से पूछताछ में एटीएस को पता चला कि वो टीएफआई (TFI) ('तैहरी या फारोकी इस्लामिक') नाम की संस्था संचालित कर रहा है, जो लखनऊ में रजिस्टर्ड है.

जांच में अभी तक यह खुलासा नहीं हुआ है कि आरोपी पाकिस्तान या अंडरवर्ल्ड के संपर्क में थे. कमरगनी के संगठन के सदस्य पूरे देश में हैं, जो उनको रोजाना 1 रुपये दान देते हैं. जांच में यह भी पता चला कि उसके संगठन टीएफआई (TFI) के दो अलग-अलग बैंक खाते थे. सेंट्रल आईबी, एनआईए समेत एजेंसियां ​​मामले की जांच के लिए अहमदाबाद पहुंच गई हैं.

इस मामले में अब तक 8 आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं. इसके अलावा गिरफ्तार 3 आरोपी अहमदाबाद विलेज कोर्ट की विशेष अदालत में पेश किए गए. जिहादी भाषण सुनने के बाद शब्बीर ने किशन को मार डाला. एटीएस ने बताया कि किशन की हत्या के आरोपी शब्बीर और मौलाना कमरगनी की अहमदाबाद में मुलाकात हुई थी. वो शाह आलम में एक मस्जिद में मिले थे. एटीएस की जांच में सामने आया है कि मौलाना कमरगनी मुस्लिम समुदाय की आलोचना करने वालों पर मुकदमा करते थे और शब्बीर जैसे युवकों को लोगों को मारने के लिए उकसाते थे.

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एटीएस का मानना है कि ऐसा ही जिहादी भाषण सुनने के बाद आरोपी शब्बीर ने धंधुका के किशन भारवाड़ की हत्या कर दी. कमरगनी उस्मानी एक बार नहीं बल्कि कई बार शांति भंग करने के लिए गुजरात गया था. वो अहमदाबाद के चंदोला झील के शाह आलम में भी सक्रिय था. कमरगनी से पूछताछ में एक के बाद एक नई जानकारियां सामने आ रही हैं. मौलाना कमरगनी गुजरात की शांति भंग करने के लिए लोगों से मिलता था. वो अहमदाबाद के गोमतीपुर, दानी लिंदा‌, चंदोला, शाह आलम जैसे इलाकों में गया और लोगों को सॉफ्ट टारगेट बनाया.

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