लखनऊ: सोमवार को एनआईए की विशेष जज कल्पना ने देश की सुरक्षा की जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एंजेसी ISI को देने के एवज में सेना के पूर्व जवान सौरभ शर्मा को धन मुहैया कराने वाले मुल्जिम अनस याकूब गितैली की जमानत अर्जी खारिज कर दी. कोर्ट ने इस अपराध को बेहद संगीन करार दिया.
एनआईए के विशेष वकील एमके सिंह ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि अभियुक्त ने सेना के पूर्व जवान सौरभ शर्मा की पत्नी के बैंक खाते में चार हजार की रकम जमा की थी. सौरभ शर्मा को यह रकम भारतीय सेना की गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एंजेसी को मुहैया कराने के एवज में दी गई थी. गितैली ने अपने मोबाइल से इस रकम की जमा पर्ची आईएसआई एंजेट नेहा शर्मा को व्हाट्सएप पर भेजी थी.
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नेहा शर्मा ने उसे सौरभ शर्मा को भेजा था. अदालत ने कहा कि भारत की एकता, अखंडता एवं सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के इस काम की जानकारी मुल्जिम अनस याकूब गितैली को थी. इसे 8 जनवरी 2021 को गुजरात से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. इस मामले में सौरभ के साथ ही उसके खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किए गए थे.
इसका अदालत भी संज्ञान ले भी चुकी है. अदालत ने कहा कि इसका सगा भाई इमरान गितैली भी भारतीय सेना के गुप्त दस्तावेजों को पाकिस्तानी खुफिया एंजेसी को भेजने के ऐसे ही एक मामले में आन्ध्र प्रदेश के राजामुन्दरी केंद्रीय कारागार में बंद है.
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