लखनऊ: श्री श्री राधारमण बिहारी (इस्कॉन) मंदिर में सोमवर को गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट महोत्सव का भव्य आयोजन हुआ. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे. अन्नकूट महोत्सव के दौरान मंदिर में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया गया.
इस्कॉन मंदिर में मनाया गया अन्नकूट महोत्सव गोवर्धन शिला का हुआ पूजन, भक्तों ने किया भजन-कीर्तन
समारोह का शुभारंभ इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष अपरिमेय श्यामदास जी के द्वारा गोवर्धन शिला के अभिषेक एवं पूजन अर्चना करके किया गया. जिसके बाद भक्तों ने गोवर्धन शिला एवं भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया. इसके बाद श्रद्धालुओं को गोवर्धन पर्वत की कथा सुनाई गई और भक्तों ने भजन-कीर्तन और नृत्य किया. कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण के साथ हुआ. मंदिर आए हुए भक्तों एवं विशिष्ठ अतिथियों ने गोवर्धन पूजा व अन्नकूट महोत्सव बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया.
इस्कॉन मंदिर में गोवर्धन शिला का पूजन गोवर्धन कथा सुनाई गई
गोवर्धन कथा में मंदिर के अध्यक्ष अपरिमेय श्यामदास जी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने 7 कोस के गोवर्धन को 7 वर्ष की उम्र में 7 दिन के लिए अपनी उंगली पर उठाया था. भगवान ने यह संदेश दिया कि इंद्र एवं सभी देवताओं की उपासना न करके भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करनी चाहिए क्योंकि भगवान हमको हमारे पूर्व में किये गए दुष्कर्मों एवं पाप कर्मों से मुक्ति दिला सकते हैं. साथ ही यशोदा मइया एवं नन्द बाबा की अगर पूजा करनी है तो गाय, ब्राम्हणों एवं गिरिराज गोवर्धन की पूजा करो.
मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ भक्तों को स्वाध्याय एवं कृष्ण नाम का जाप करने को कहा गया
अंत में अपरिमेय श्यामदास जी सभी लोगों से अधिक से अधिक हरे कृष्ण महामंत्र जप करने और गीता का पाठ करने के साथ स्वाध्याय करने के लिए कहा. जिससे जनमानस का कल्याण सके.
इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष अपरिमेय श्यामदास जी