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यूपी में 426 करोड़ के घोटाले में ED रेड; पूर्व IAS मोहिंदर सिंह समेत अन्य के ठिकानों से मिला 70 करोड़ कैश और जेवरात - Former IAS Mohinder Singh - FORMER IAS MOHINDER SINGH

प्रवर्तन निदेशालय के प्रेस नोट के मुताबिक, हैसिंडा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (एचपीपीएल), इसके प्रमोटरों और निदेशकों और संबंधित संस्थाओं ने 426 करोड़ की धोखाधड़ी की थी. इसको लेकर एजेंसी ने उत्तर प्रदेश के नोएडा, मेरठ , दिल्ली, चंडीगढ़ और गोवा में स्थित 18 स्थानों की तलाशी ली.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 20, 2024, 10:30 PM IST

Updated : Sep 21, 2024, 11:57 AM IST

लखनऊ: नोएडा में लोटस 300 प्रोजेक्ट के जरिये खरीदारों से 426 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में ईडी ने अपनी छापेमारी शुक्रवार को पूरी कर ली. ईडी ने 17 और 18 अगस्त को नोएडा प्राधिकरण के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह समेत मेसर्स हैंसिडा प्रोजेक्ट लिमिटेड के निदेशकों के 18 ठिकानो में छापेमारी की. इस दौरान एजेंसी को करोडों रुपये के हीरे और बड़ी मात्रा में कैश मिला.

प्रवर्तन निदेशालय के प्रेस नोट के मुताबिक, हैसिंडा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (एचपीपीएल), इसके प्रमोटरों और निदेशकों और संबंधित संस्थाओं ने 426 करोड़ की धोखाधड़ी की थी. इसको लेकर एजेंसी ने उत्तर प्रदेश के नोएडा, मेरठ , दिल्ली, चंडीगढ़ और गोवा में स्थित 18 स्थानों की तलाशी ली. ये सभी ठिकाने नोएडा प्राधिकरण के पूर्व सीईओ और पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह, कंपनी के प्रमोटर सुरप्रीत सिंह, विदुर भारद्वाज, निर्मल सिंह, आदित्य गुप्ता और आशीष गुप्ता के थे.

ईडी के मुताबिक, छापेमारी के दौरान एजेंसी को 42.56 करोड़ कैश, 29.35 करोड़ के सोने और हीरों के जेवारात, 5.26 करोड़ का एक सॉलिटेयर डायमंड, 7.1 करोड़ के हीरे के आभूषण और करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए हैं. ईडी के मुताबिक, ईडी की जांच 2019 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर शुरू की गई थी, जब नई दिल्ली में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा एचपीपीएल, इसके निदेशक, अधिकारियों और अन्य के खिलाफ निवेशकों और घर खरीदारों के पैसे को हटाने और निकालने के लिए कई एफआईआर दर्ज की गई थीं. उन्हें वादे के अनुसार अपार्टमेंट उपलब्ध नहीं करा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत की बढ़ी मुश्किलें, बुलंदशहर एमपी एमएलए कोर्ट ने किया तलब, 25 अक्टूबर को सुनवाई - Case Filed Against Kangana Ranaut

लखनऊ: नोएडा में लोटस 300 प्रोजेक्ट के जरिये खरीदारों से 426 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में ईडी ने अपनी छापेमारी शुक्रवार को पूरी कर ली. ईडी ने 17 और 18 अगस्त को नोएडा प्राधिकरण के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह समेत मेसर्स हैंसिडा प्रोजेक्ट लिमिटेड के निदेशकों के 18 ठिकानो में छापेमारी की. इस दौरान एजेंसी को करोडों रुपये के हीरे और बड़ी मात्रा में कैश मिला.

प्रवर्तन निदेशालय के प्रेस नोट के मुताबिक, हैसिंडा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (एचपीपीएल), इसके प्रमोटरों और निदेशकों और संबंधित संस्थाओं ने 426 करोड़ की धोखाधड़ी की थी. इसको लेकर एजेंसी ने उत्तर प्रदेश के नोएडा, मेरठ , दिल्ली, चंडीगढ़ और गोवा में स्थित 18 स्थानों की तलाशी ली. ये सभी ठिकाने नोएडा प्राधिकरण के पूर्व सीईओ और पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह, कंपनी के प्रमोटर सुरप्रीत सिंह, विदुर भारद्वाज, निर्मल सिंह, आदित्य गुप्ता और आशीष गुप्ता के थे.

ईडी के मुताबिक, छापेमारी के दौरान एजेंसी को 42.56 करोड़ कैश, 29.35 करोड़ के सोने और हीरों के जेवारात, 5.26 करोड़ का एक सॉलिटेयर डायमंड, 7.1 करोड़ के हीरे के आभूषण और करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए हैं. ईडी के मुताबिक, ईडी की जांच 2019 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर शुरू की गई थी, जब नई दिल्ली में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा एचपीपीएल, इसके निदेशक, अधिकारियों और अन्य के खिलाफ निवेशकों और घर खरीदारों के पैसे को हटाने और निकालने के लिए कई एफआईआर दर्ज की गई थीं. उन्हें वादे के अनुसार अपार्टमेंट उपलब्ध नहीं करा रहे हैं.

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Last Updated : Sep 21, 2024, 11:57 AM IST
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