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मुख्तार अंसारी की पत्नी पर गैंगस्टर लगाने का मामला, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब - allahabad high court on Afshan Ansari

मुख्तार अंसारी की पत्नी पर गैंगस्टर लगाने के मामले में सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब मांगा.

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मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी
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Published : Sep 6, 2022, 6:53 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी (Mukhtar Ansari Wife Afshan Ansari) पर गैंगस्टर एक्ट के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने इसके लिए सरकार को दो सप्ताह का समय दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति शिव शंकर प्रसाद की खंडपीठ ने अफशां अंसारी के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय को सुनकर दिया. एडवोकेट उपाध्याय के अनुसार खंडपीठ इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सुनवाई कर रही है. याची का कहना है कि उसके खिलाफ मऊ के दक्षिणी टोला पुलिस थाने में 31 जनवरी 2022 को दर्ज गैंगस्टर एक्ट की एफआईआर गलत है.

याची ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया. याची ने हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में विशेष अपील दाखिल की. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को फिर से सुनवाई करने का निर्देश दिया. याचिका में याची के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को गलत बताते हुए रद्द करने की मांग की गई है. कहा गया है कि याची का किसी भी घटना से कोई संबंध नहीं है. न ही उससे कोई मतलब है.

ये भी पढ़ें- लखनऊ लेवाना अग्निकांड: अग्रवाल बंधु पर गैर इरादतन हत्या और बिल्डर पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी (Mukhtar Ansari Wife Afshan Ansari) पर गैंगस्टर एक्ट के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने इसके लिए सरकार को दो सप्ताह का समय दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति शिव शंकर प्रसाद की खंडपीठ ने अफशां अंसारी के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय को सुनकर दिया. एडवोकेट उपाध्याय के अनुसार खंडपीठ इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सुनवाई कर रही है. याची का कहना है कि उसके खिलाफ मऊ के दक्षिणी टोला पुलिस थाने में 31 जनवरी 2022 को दर्ज गैंगस्टर एक्ट की एफआईआर गलत है.

याची ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया. याची ने हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में विशेष अपील दाखिल की. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को फिर से सुनवाई करने का निर्देश दिया. याचिका में याची के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को गलत बताते हुए रद्द करने की मांग की गई है. कहा गया है कि याची का किसी भी घटना से कोई संबंध नहीं है. न ही उससे कोई मतलब है.

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