लखनऊ: उत्तर प्रदेश लखनऊ सिविल अस्पताल के विस्तार के लिए मिली सूचना विभाग की बिल्डिंग को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. जहां पार्किंग व्यवस्था को लेकर अस्पताल प्रशासन और लोक निर्माण विभाग आमने-सामने आ गए हैं. शासन को भेजे गए पत्र के मुताबिक अब अस्पताल के नए परिसर में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. जबकि अस्पताल में सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है. वहीं अधिकारियों का कहना हैं कि इसके बारे में अपर अफसरों को अवगत करवाया गया है.
सिविल अस्पताल में अब बिस्तरों की संख्या बढ़ाने और सुविधाओं में इजाफा करने के लिए सूचना विभाग की मिली बिल्डिंग को तोड़ने का कार्य शुरू हो गया है. शासन को भेजे गए पत्र के मुताबिक अस्पताल के विस्तार के लिए बनाए गए मानचित्र में भूतल में पार्किंग बनाने की सहमती बनी थी. लेकिन बिल्डिंग टूटने के दौरान मिली मानचित्र में पार्किंग नहीं दी गई है. जबकि अस्पताल की सबसे समस्या पार्किंग ही हैं. ऐसे में अस्पताल में आने वालों के लिए अगर पार्किंग की सुविधा नहीं दी गई तो हर रोज अस्पताल के बाहर जाम जैसी स्थिति रहेगी.
अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर एसके नन्दा ने बताया कि बिल्डिंग को तोड़ने का काम शुरू हो चुका हैं. वहीं जिन विभागों को खोलने की मंजूरी मिली थी उन्हें चलाने के लिए डॉक्टर और स्टाफ की डिमांड बना कर शासन को भेज दी गई है. वहीं सूचना विभाग की नई बिल्डिंग बनने के बाद 4,808 वर्ग मीटर पुराना परिसर आधिकारिक तौर पर काफी समय पहले सिविल अस्पातल को सौंप दिया गया है.वहीं बिल्डिंग तोड़ने के लिए शासन की तरफ से सहमति मिलने में पांच महीने से ज्यादा समय लग गए.
विस्तार के बाद होंगे सबसे ज्यादा बेड
डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में मौजदा समय में बेडों की संख्या करीब 400 हैं. वहीं विस्तार के बाद यहां 400 बेडों की संख्या बढ़ जाएगी. इस विस्तार के बाद सिविल अस्पताल 800 बेड के साथ प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल हो जाएगा. अभी बलरामपुर चिकित्सालय 760 बेड क्षमता के साथ प्रदेश का पहला सबसे बड़ा जिला अस्पताल है.
सुविधाओं में होगा विस्तार
अस्पताल में बेडों की संख्या बढ़ने के साथ ही सुविधाओं का भी इजाफा होगा. यहां यूरो, न्यूरो सर्जरी, नेफ्रोलॉजी और गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी और कैथलैब के साथ ही किडनी मरीजों के लिए हीमोडायलिसिस आदि सुपर स्पेशियलिटी विभाग को चलाने की योजना हैं. वहीं इसके साथ ही गंभीर मरीजों को भी सहूलियत देने के लिए आइसीयू की क्षमता भी करीब 50 बेड तक की जाएगी.
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