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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास की योजनाओं की समीक्षा की, अफसरों को दिए ये निर्देश - उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) ने ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए उच्च अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में बनाए जा रहे अमृत सरोवर अच्छे बने और हमेशा अच्छे बने रहे.

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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य
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Published : Aug 3, 2022, 9:38 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए उच्च अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में बनाए जा रहे अमृत सरोवर अच्छे बने और हमेशा अच्छे बने रहे. उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि जो अमृत सरोवर तैयार हो रहे हैं, उनकी देखभाल के लिए मनरेगा से प्रत्येक तिमाही एक मजदूर को लगाकर वहां की देखभाल सुनिश्चित करने की कार्रवाई की जाए.

उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को जिन 7500 अमृत सरोवरों पर झंडारोहण किया जाएगा. वहां पर समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाए। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा 1 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बनाए जाने वाले अमृत सरोवर के मॉडल स्टीमेट के बारे में जानकारी हासिल की. बताया गया कि एक हेक्टेयर के क्षेत्रफल में अमृत सरोवर बनाए जाने का रुपये 28.80 लाख की धनराशि का मॉडल स्टीमेट तैयार किया गया है, जिसमें फुटपाथ बनाने, घास लगाने ,डस्टबिन, वृक्षारोपण, बेंच आदि की समस्त व्यवस्थाओं के साथ साथ 100 से 200 लोगों को झंडारोहण के दौरान बैठने आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य
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उन्होंने कहा कि वहां पर ऐसे पौधों का वृक्षारोपण किया जाए, जिनसे अधिक से अधिक ऑक्सीजन मिले, छाया मिले, फल मिले और भूमि कटाव रोकने में सहायक सिद्ध हो. उप मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अमृत सरोवरो का उपयोग एक पर्यटन स्थल के रूप में होना चाहिए.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य
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उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों पर जानवरों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. अमृत सरोवरों में गन्दगी कतई नहीं जानी चाहिए. जानवरों के लिए गांव के अन्य तालाब उपयोग में लाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों में मछली पालन का काम किया जा सकता है. बताया गया कि प्रदेश में 4000 अमृत सरोवर तैयार हो गए हैं और प्रदेश में अन्य प्रांतों की अपेक्षा सबसे अधिक अमृत सरोवर उत्तर प्रदेश में बनाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि लक्ष्य का 20 प्रतिशत अमृत सरोवर 15 अगस्त तक हर हाल में तैयार कर लिए जाएं. ज्ञातव्य है कि 15 अगस्त (स्वाधीनता दिवस) पर 7500 अमृत सरोवरों पर झंडारोहण किया जाएगा.
उप मुख्यमंत्री ने मनरेगा मजदूरों, मेटो के भुगतान आदि की भी जानकारी हासिल की. प्रधानमंत्री आवास योजना ( ग्रामीण ) में पात्रता के चयन के बारे में उपमुख्यमंत्री द्वारा जांच कराये जाने के दिये गये निर्देशों के अनुपालन की जानकारी करने पर बताया गया, कि इसमें काफी मात्रा में ऐसे प्रकरण आए हैं, जहां पात्र को अपात्र बनाया गया और अपात्र को पात्र बनाया गया है. इन सभी प्रकरणों पर सभी संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है.

इसे भी पढ़ेंः पिछड़े 100 ब्लॉकों के विकास का रोडमैप तैयार, शासन से होगी सीधी निगरानी

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा ग्राम्य विकास विभाग में चलाई जा रही योजनाओं के संबंध में आम लोगों को जानकारी देने के लिए एक मासिक पत्रिका का संपादन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए. इसके लिए संपादक मंडल गठित किया जाए और पुराने अनुभवी अधिकारियों का भी इसमें सहयोग लिया जा सकता है. जोर देते हुए उन्होंने कहा की मनरेगा में पक्के काम, मटेरियल में मद में 40 प्रतिशत के मानक को पूरा करने के लिए प्रयास किए जाएं. अमृत सरोवरो और अन्य ग्राम्य विकास की योजनाओं के बोर्ड आकर्षक और अच्छे व मजबूत होने चाहिए.

इस संबंध में उनके निर्देशों के क्रम में एक डिजाइन भी तैयार किया गया है. उन्होंने कहा ऐसा डिजाइन होना चाहिए कि 5 पीढ़ियों तक वह बोर्ड वहां पर मौजूद रहे और इसके लिए नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए. जिन ग्राम सभाओं को नगरपालिका या नगर पंचायतों में सम्मिलित किया गया है, वहां पर नोटिफिकेशन के पूर्व ग्राम पंचायत के माध्यम से जो काम होने हैं, वह जरूर करा दिए जाएं.

उन्होंने कहा कि मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि वह विकास कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों के सुझाव जरूर लें. यह भी निर्देश दिए कि सांसद आदर्श गांव में होने वाले कार्यों में फोकस किया जाए. मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में यथासंभव दिव्यांगों को भी सम्मिलित करने का प्रयास किया जाए. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जनसमस्याओं के निराकरण के लिए विकास खंडों में ब्लॉक दिवस आयोजन करने के बारे में दिशा निर्देश जारी किए जाएं. मनरेगा में जॉब कार्डों के सत्यापन की कार्रवाई की रिपोर्ट 15 दिन के अंदर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाए. सभी जिलों के प्रत्येक विकासखंड में दो अच्छा काम करने वाले प्रधानों का चयन कर उनका सम्मेलन कराए जाने के निर्देश दिए.
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त/अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह ,ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी, अपर आयुक्त (मनरेगा) योगेश कुमार, मिशन निदेशक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन भानु चंद्र गोस्वामी सहित अन्य उच्च स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए उच्च अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में बनाए जा रहे अमृत सरोवर अच्छे बने और हमेशा अच्छे बने रहे. उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि जो अमृत सरोवर तैयार हो रहे हैं, उनकी देखभाल के लिए मनरेगा से प्रत्येक तिमाही एक मजदूर को लगाकर वहां की देखभाल सुनिश्चित करने की कार्रवाई की जाए.

उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को जिन 7500 अमृत सरोवरों पर झंडारोहण किया जाएगा. वहां पर समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाए। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा 1 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बनाए जाने वाले अमृत सरोवर के मॉडल स्टीमेट के बारे में जानकारी हासिल की. बताया गया कि एक हेक्टेयर के क्षेत्रफल में अमृत सरोवर बनाए जाने का रुपये 28.80 लाख की धनराशि का मॉडल स्टीमेट तैयार किया गया है, जिसमें फुटपाथ बनाने, घास लगाने ,डस्टबिन, वृक्षारोपण, बेंच आदि की समस्त व्यवस्थाओं के साथ साथ 100 से 200 लोगों को झंडारोहण के दौरान बैठने आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी.

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उन्होंने कहा कि वहां पर ऐसे पौधों का वृक्षारोपण किया जाए, जिनसे अधिक से अधिक ऑक्सीजन मिले, छाया मिले, फल मिले और भूमि कटाव रोकने में सहायक सिद्ध हो. उप मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अमृत सरोवरो का उपयोग एक पर्यटन स्थल के रूप में होना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों पर जानवरों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. अमृत सरोवरों में गन्दगी कतई नहीं जानी चाहिए. जानवरों के लिए गांव के अन्य तालाब उपयोग में लाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों में मछली पालन का काम किया जा सकता है. बताया गया कि प्रदेश में 4000 अमृत सरोवर तैयार हो गए हैं और प्रदेश में अन्य प्रांतों की अपेक्षा सबसे अधिक अमृत सरोवर उत्तर प्रदेश में बनाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि लक्ष्य का 20 प्रतिशत अमृत सरोवर 15 अगस्त तक हर हाल में तैयार कर लिए जाएं. ज्ञातव्य है कि 15 अगस्त (स्वाधीनता दिवस) पर 7500 अमृत सरोवरों पर झंडारोहण किया जाएगा.
उप मुख्यमंत्री ने मनरेगा मजदूरों, मेटो के भुगतान आदि की भी जानकारी हासिल की. प्रधानमंत्री आवास योजना ( ग्रामीण ) में पात्रता के चयन के बारे में उपमुख्यमंत्री द्वारा जांच कराये जाने के दिये गये निर्देशों के अनुपालन की जानकारी करने पर बताया गया, कि इसमें काफी मात्रा में ऐसे प्रकरण आए हैं, जहां पात्र को अपात्र बनाया गया और अपात्र को पात्र बनाया गया है. इन सभी प्रकरणों पर सभी संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है.

इसे भी पढ़ेंः पिछड़े 100 ब्लॉकों के विकास का रोडमैप तैयार, शासन से होगी सीधी निगरानी

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा ग्राम्य विकास विभाग में चलाई जा रही योजनाओं के संबंध में आम लोगों को जानकारी देने के लिए एक मासिक पत्रिका का संपादन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए. इसके लिए संपादक मंडल गठित किया जाए और पुराने अनुभवी अधिकारियों का भी इसमें सहयोग लिया जा सकता है. जोर देते हुए उन्होंने कहा की मनरेगा में पक्के काम, मटेरियल में मद में 40 प्रतिशत के मानक को पूरा करने के लिए प्रयास किए जाएं. अमृत सरोवरो और अन्य ग्राम्य विकास की योजनाओं के बोर्ड आकर्षक और अच्छे व मजबूत होने चाहिए.

इस संबंध में उनके निर्देशों के क्रम में एक डिजाइन भी तैयार किया गया है. उन्होंने कहा ऐसा डिजाइन होना चाहिए कि 5 पीढ़ियों तक वह बोर्ड वहां पर मौजूद रहे और इसके लिए नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए. जिन ग्राम सभाओं को नगरपालिका या नगर पंचायतों में सम्मिलित किया गया है, वहां पर नोटिफिकेशन के पूर्व ग्राम पंचायत के माध्यम से जो काम होने हैं, वह जरूर करा दिए जाएं.

उन्होंने कहा कि मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि वह विकास कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों के सुझाव जरूर लें. यह भी निर्देश दिए कि सांसद आदर्श गांव में होने वाले कार्यों में फोकस किया जाए. मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में यथासंभव दिव्यांगों को भी सम्मिलित करने का प्रयास किया जाए. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जनसमस्याओं के निराकरण के लिए विकास खंडों में ब्लॉक दिवस आयोजन करने के बारे में दिशा निर्देश जारी किए जाएं. मनरेगा में जॉब कार्डों के सत्यापन की कार्रवाई की रिपोर्ट 15 दिन के अंदर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाए. सभी जिलों के प्रत्येक विकासखंड में दो अच्छा काम करने वाले प्रधानों का चयन कर उनका सम्मेलन कराए जाने के निर्देश दिए.
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त/अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह ,ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी, अपर आयुक्त (मनरेगा) योगेश कुमार, मिशन निदेशक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन भानु चंद्र गोस्वामी सहित अन्य उच्च स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे.
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