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कोर्ट ने तीन रोहिंग्याओं की जमानत अर्जी की खारिज, भारत में अवैध रुप से घुसने, रहने और मानव तस्करी करने का आरोप

एनआईए/एटीएस की विशेष जज कल्पना ने मानव तस्करी के मामले में निरुद्ध अभियुक्त खोखन सरदार उर्फ मोहम्मद कयूम सिकंदर की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. प्रवेश कराने के बाद उनकी पहचान बदलकर उन्हें भारतीय नागरिक के रुप में स्थापित करता है. इसके लिए उनका फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदात पहचान पत्र और पासपोर्ट जैसे मूल्यवान दस्तावेज बनवाते हैं.

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कोर्ट ने तीन रोहिंग्याओं की जमानत अर्जी की खारिज
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Published : Feb 4, 2022, 10:49 PM IST

लखनऊ: एनआईए/एटीएस की विशेष जज कल्पना ने मानव तस्करी के मामले में निरुद्ध अभियुक्त खोखन सरदार उर्फ मोहम्मद कयूम सिकंदर की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. साथ ही भारत में अवैध रुप से रहने के मामले में निरुद्ध रोहिंग्या मुसलमान अजीजुल हक और नूर आलम की जमानत अर्जियों को भी खारिज कर दिया है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्तों के अपराध को गम्भीर करार दिया है.

सरकारी वकील एमके सिंह ने अभियुक्त खोखन की जमानत अर्जी का जोरदार विरोध किया. उनका कहना था कि अभियुक्त का एक सिंडिकेट है, जो धन लेकर बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को अवैध रुप से भारत में प्रवेश कराता है. प्रवेश कराने के बाद उनकी पहचान बदलकर उन्हें भारतीय नागरिक के रुप में स्थापित करता हैं. इसके लिए उनका फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदात पहचान पत्र और पासपोर्ट जैसे मूल्यवान दस्तावेज बनवाते हैं.

इसे भी पढेंः धर्म परिवर्तन मामले में चार अभियुक्तों की जमानत खारिज...

वहीं, भारत में अवैध रुप से रहने के मामले में अभियुक्तों की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए, कहा गया कि वर्ष 2002 में अभियुक्त अजीजुल हक अवैध रुप से भारत आया था. यह म्यांमार का रहने वाला है. छह जनवरी, 2021 को एटीएस ने इसे संत कबीर नगर से गिरफ्तार किया था. विवेचना के दौरान सात जून, 2021 को अजीजुल हक की निशानदेही पर नूर आलम को भी गिरफ्तार कर लिया गया. इसके पास से यूएनएचसीआर कार्ड बरामद हुआ था. उल्लेखनीय है कि यह कार्ड रोहिंग्या मुसलमान के लिए जारी होता है.

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लखनऊ: एनआईए/एटीएस की विशेष जज कल्पना ने मानव तस्करी के मामले में निरुद्ध अभियुक्त खोखन सरदार उर्फ मोहम्मद कयूम सिकंदर की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. साथ ही भारत में अवैध रुप से रहने के मामले में निरुद्ध रोहिंग्या मुसलमान अजीजुल हक और नूर आलम की जमानत अर्जियों को भी खारिज कर दिया है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्तों के अपराध को गम्भीर करार दिया है.

सरकारी वकील एमके सिंह ने अभियुक्त खोखन की जमानत अर्जी का जोरदार विरोध किया. उनका कहना था कि अभियुक्त का एक सिंडिकेट है, जो धन लेकर बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को अवैध रुप से भारत में प्रवेश कराता है. प्रवेश कराने के बाद उनकी पहचान बदलकर उन्हें भारतीय नागरिक के रुप में स्थापित करता हैं. इसके लिए उनका फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदात पहचान पत्र और पासपोर्ट जैसे मूल्यवान दस्तावेज बनवाते हैं.

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वहीं, भारत में अवैध रुप से रहने के मामले में अभियुक्तों की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए, कहा गया कि वर्ष 2002 में अभियुक्त अजीजुल हक अवैध रुप से भारत आया था. यह म्यांमार का रहने वाला है. छह जनवरी, 2021 को एटीएस ने इसे संत कबीर नगर से गिरफ्तार किया था. विवेचना के दौरान सात जून, 2021 को अजीजुल हक की निशानदेही पर नूर आलम को भी गिरफ्तार कर लिया गया. इसके पास से यूएनएचसीआर कार्ड बरामद हुआ था. उल्लेखनीय है कि यह कार्ड रोहिंग्या मुसलमान के लिए जारी होता है.

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