ETV Bharat / city

लोगों को रास आ रही ऑनलाइन वरासत की नई व्यवस्था

author img

By

Published : Sep 13, 2022, 4:50 PM IST

राजस्व परिषद के तहत वरासत संबंधी प्रक्रिया के पूरी तरह से ऑनलाइन होने से लोगों को काफी सहूलियत मिल रही है. प्रक्रिया के ऑनलाइन (online) होने से 37,91,958 आवेदन मिले, जिसमें से 31,78,950 आवेदनों को निस्तारित किया जा चुका है.

Etv Bharat
Etv Bharat

लखनऊ : भ्रष्टाचार और मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार लगातार तकनीक को बढ़ावा देने का काम कर रही है. इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने विभिन्न विभागों के डिजिटलीकरण पर खासा फोकस किया है, ताकि लोगों को पारदर्शी तरीके से योजनाओं का लाभ मिल सके. इसका असर भी दिखने लगा है. राजस्व परिषद के तहत वरासत संबंधी प्रक्रिया के पूरी तरह से ऑनलाइन (online) होने से लोगों को काफी सहूलियत मिल रही है. प्रक्रिया के ऑनलाइन (online) होने से 37,91,958 आवेदन मिले, जिसमें से 31,78,950 आवेदनों को निस्तारित किया जा चुका है.


प्रदेश की भाजपा सरकार ने वरासत की प्रक्रिया को 2018 से ऑनलाइन (online) करने का निर्णय लिया था. अब इस प्रक्रिया को लगभग पूरी तरह से ऑनलाइन (online) कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद को वरासत के कुल 37,91,958 आवेदन मिले, जिनके निस्तारण के लिए 37,66,460 आवेदन लेखपाल के जरिए राजस्व निरीक्षक को भेजे गए. राजस्व परिषद ने कुल 31,78,950 अविवादित आवेदन पत्र पर आदेश पारित किए हैं. इसके अलावा गांवों में पंचायत भवनों को डिजिटल किया जा रहा है. इससे गांव के लोग एक क्लिक पर अपने गांव में हुए विकास की जानकारी हासिल कर सकेंगे. साथ ही विकास कार्यों में पारदर्शिता भी आएगी.

यह भी पढ़ें : शिकायतों के समाधान में शिथिलता बरतने वाले मऊ के अवर अभियंता सस्पेंड

परिषद की ओर से हर माह की 15 और 30 तारीख को ऑनलाइन वरासत के आवेदनों की विशेष समीक्षा की जाती है. यदि किसी जिले में इन तारीखों को लेखपाल स्तर पर या राजस्व निरीक्षक स्तर पर 10 से अधिक निर्विवाद वरासत के मामले समय सीमा के बाद लंबित पाए जाते हैं तो संबंधित जिले के अपर जिलाधिकारी मामले में स्थिति स्पष्ट करने के लिए अगले माह की तीन तारीख को कारण सहित परिषद में स्वयं उपस्थित होते हैं. परिषद द्वारा अगर किसी महीने में तहसील स्तर पर 100 से अधिक वरासत के आवेदन प्राप्त होते हैं, तो संबंधित उपजिलाधिकारी व तहसीलदार की ओर से अभियान चलाकर समय अनुसार निस्तारण कर दिया जाता है. इसके अलावा परिषद की ओर से मंडलायुक्त व डीएम को निर्देश दिया गया है कि वरासत दर्ज किए जाने के संबंध विषय को मासिक समीक्षा बैठक में शामिल कर समयानुसार निस्तारण किया जाए.

लखनऊ : भ्रष्टाचार और मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार लगातार तकनीक को बढ़ावा देने का काम कर रही है. इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने विभिन्न विभागों के डिजिटलीकरण पर खासा फोकस किया है, ताकि लोगों को पारदर्शी तरीके से योजनाओं का लाभ मिल सके. इसका असर भी दिखने लगा है. राजस्व परिषद के तहत वरासत संबंधी प्रक्रिया के पूरी तरह से ऑनलाइन (online) होने से लोगों को काफी सहूलियत मिल रही है. प्रक्रिया के ऑनलाइन (online) होने से 37,91,958 आवेदन मिले, जिसमें से 31,78,950 आवेदनों को निस्तारित किया जा चुका है.


प्रदेश की भाजपा सरकार ने वरासत की प्रक्रिया को 2018 से ऑनलाइन (online) करने का निर्णय लिया था. अब इस प्रक्रिया को लगभग पूरी तरह से ऑनलाइन (online) कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद को वरासत के कुल 37,91,958 आवेदन मिले, जिनके निस्तारण के लिए 37,66,460 आवेदन लेखपाल के जरिए राजस्व निरीक्षक को भेजे गए. राजस्व परिषद ने कुल 31,78,950 अविवादित आवेदन पत्र पर आदेश पारित किए हैं. इसके अलावा गांवों में पंचायत भवनों को डिजिटल किया जा रहा है. इससे गांव के लोग एक क्लिक पर अपने गांव में हुए विकास की जानकारी हासिल कर सकेंगे. साथ ही विकास कार्यों में पारदर्शिता भी आएगी.

यह भी पढ़ें : शिकायतों के समाधान में शिथिलता बरतने वाले मऊ के अवर अभियंता सस्पेंड

परिषद की ओर से हर माह की 15 और 30 तारीख को ऑनलाइन वरासत के आवेदनों की विशेष समीक्षा की जाती है. यदि किसी जिले में इन तारीखों को लेखपाल स्तर पर या राजस्व निरीक्षक स्तर पर 10 से अधिक निर्विवाद वरासत के मामले समय सीमा के बाद लंबित पाए जाते हैं तो संबंधित जिले के अपर जिलाधिकारी मामले में स्थिति स्पष्ट करने के लिए अगले माह की तीन तारीख को कारण सहित परिषद में स्वयं उपस्थित होते हैं. परिषद द्वारा अगर किसी महीने में तहसील स्तर पर 100 से अधिक वरासत के आवेदन प्राप्त होते हैं, तो संबंधित उपजिलाधिकारी व तहसीलदार की ओर से अभियान चलाकर समय अनुसार निस्तारण कर दिया जाता है. इसके अलावा परिषद की ओर से मंडलायुक्त व डीएम को निर्देश दिया गया है कि वरासत दर्ज किए जाने के संबंध विषय को मासिक समीक्षा बैठक में शामिल कर समयानुसार निस्तारण किया जाए.

यह भी पढ़ें : निकाय चुनाव होगा अब भाजपा का सबसे बड़ा एजेंडा, पदाधिकारियों की बैठक से सीधा संदेश

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.