लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन व ट्रांसमिशन कारपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने ट्रांसमिशन कारपोरेशन की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ट्रांसमिशन उपकेन्द्रों व लाइनों की परियोजनाएं निर्धारित समय से पूरी हों, इसके लिये अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग करें. आपूर्ति को और बेहतर बनाए जाने के लिए ट्रांसमिशन लाइनों और उपकेन्द्रों का समय से पूरा किया जाना महत्वपूर्ण है. उन्होंने ट्रांसमिशन लाइनों और उपकेन्द्रों के निर्माण में शिथिलता और लापरवाही बरतने के कारण निर्माण की धीमी प्रगति पर 4 कम्पनियों का कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने का फैसला लिया.
जिन कम्पनियों का करारा खत्म किया गया है, उनमें मेसर्स सिम्पलेक्स, मेसर्स धन लक्ष्मी इलेक्ट्रिकल प्रालि., मेसर्स क्वैश कार्प लिमिटेड और मेसर्स कलश हैं. इन कम्पनियों को 400 केवी लाइन शामली (अलीगढ़), 132 केवी सबस्टेशन निच्लौल (महाराजगंज), 132 केवी खजनी (गोरखपुर) और 132 केवी रुधौली (बस्ती) बनाने का कार्य दिया गया था. कार्य निर्धारित लक्ष्य से बहुत पीछे था. यूपीपीसीएल अध्यक्ष ने विभाग में चल रही कार्मिकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की समीक्षा की.
देवराज ने कहा कि अनुशासन के प्रकरणों को शीघ्र पूरा करना चाहिए. ऑडिट कार्यों और ईआरपी में तेजी लाने के भी निर्देश दिए. बैठक में बताया गया कि एसएलडीसी ने बेहतर रीशिड्यूलिंग करके दो वित्तीय वर्षों में लगभग 78 करोड़ रुपये की बचत की, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. बैठक में उत्तर प्रदेश ट्रांसमिशन कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पी. गुरुप्रसाद सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
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