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प्राचीन वास्तुकला और संस्कृति से श्रद्धालुओं को सम्मोहित करेगी अयोध्या

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि अयोध्या आने वाले पर्यटकों को सिर्फ राम धुन ही न सुनाई दे, बल्कि त्रेतायुगीन चरित्रों के दर्शन भी हों. इसके लिए वहां बन रहे भवनों के नाम वशिष्ठ, कौशल्या, श्रुतिकीर्ति, मांडवी, उर्मिला जैसे पौराणिक चरित्रों के नाम पर रखे जाएंगे.

अयोध्या
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Published : Jul 29, 2022, 4:01 PM IST

लखनऊ : प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या को उसकी पौराणिक आभा लौटाने के लिए कई जतन कर रही है. सरकार चाहती है कि राम मंदिर का निर्माण पूरा होने के साथ ही पूरे नगर को इस तरह से संवारा जाए कि यहां आने वाले श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर आस्था के केंद्र में खो जाएं. यही कारण है कि पूरे नगर को वैष्णव परंपरा से संवारने के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है. शहर में बनने वाले सरकारी भवनों और होटलों में नागर शैली की वास्तुकला की झलक दिखाई देगी. सरकार चाहती है कि अयोध्या में विभिन्न राज्यों के अतिथि गृह भी इसी शैली में बनें. यही नहीं इन भवनों का नामकरण भी पौराणिक पात्रों पर केंद्रित किया जाएगा.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि अयोध्या आने वाले पर्यटकों को सिर्फ राम धुन ही न सुनाई दे, बल्कि त्रेतायुगीन चरित्रों के दर्शन भी हों. इसके लिए वहां बन रहे भवनों के नाम वशिष्ठ, कौशल्या, श्रुतिकीर्ति, मांडवी, उर्मिला जैसे पौराणिक चरित्रों के नाम पर रखे जाएंगे. अयोध्या में बने हवाई अड्डे का नाम भी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के नाम पर रखा गया है. यहां के मेडिकल कॉलेज का नाम पहले ही राजा दशरथ के नाम पर रखा जा चुका है. साथ ही विशिष्ट वास्तुकला के बारे में जानकारी देते हुए भवनों पर तख्तियां भी लगाई जाएंगी, जिससे आने वाली पीढ़ी को वैष्णव संप्रदाय की वास्तुकला के बारे में जानकारी मिल सके.


सदर तहसील के पीछे दो एकड़ से ज्यादा की भूमि पर 4630.70 लाख रुपये की लागत से बन रहे नए नगर निगम भवन की वास्तुकला में वैष्णव संस्कृति के दर्शन होंगे. यह भवन भूतल के साथ चार तल का होगा. साथ ही इसमें सभी पार्षदों का एक-एक कक्ष होगा. चूंकि नगर निगम किसी भी शहर का सबसे मुख्य भवन होता है, इसलिए यहां एक पुस्तकालय भी बनाया जाएगा, जिसमें शहर के गजेटियर के साथ-साथ अयोध्या के इतिहास से जुड़ीं सभी पुस्तकें, शोध एवं काव्य उपलब्ध होंगे. यही नहीं शहर में 3708.49 लाख रुपये की लागत से मल्टीलेवल पार्किंग भी बनाई जाएगी, जिसमें व्यावसायिक गतिविधियां भी संचालित होंगी. चार मंजिला बन रहे इस मल्टीलेवल पार्किंग में 282 चार पहिया वाहन और 309 दो पहिया वाहन खड़े हो पाएंगे. पार्किंग स्थल पर 15 दुकानों और एक कैंटीन की व्यवस्था भी रहेगी.
ये भी पढ़ें : सौर ऊर्जा फूंकेगी हैंडलूम और पॉवरलूम में नई जान, बैंक से जोड़े जाएंगे पचास हजार बुनकर
राम नगरी में 1506.66 लाख रुपये की लागत से बन रहे श्मशान घाट में सुंदरीकरण का विशेष ध्यान रखा जाएगा. 16 संस्कारों को दर्शाते हुए संस्कार वाटिका भी बनाई जाएगी, जिसमें सनातन धर्म के महत्वपूर्ण संस्कारों को प्रदर्शित करते हुए 16 खंभे होंगे. योजना के अंतर्गत बैकुंठ धाम में दो विद्युत फायर शेड, दो ग्रीन फायर शेड, दस पारंपरिक फायर शेड और दशगात्र के लिए एक शेड होगा.

लखनऊ : प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या को उसकी पौराणिक आभा लौटाने के लिए कई जतन कर रही है. सरकार चाहती है कि राम मंदिर का निर्माण पूरा होने के साथ ही पूरे नगर को इस तरह से संवारा जाए कि यहां आने वाले श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर आस्था के केंद्र में खो जाएं. यही कारण है कि पूरे नगर को वैष्णव परंपरा से संवारने के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है. शहर में बनने वाले सरकारी भवनों और होटलों में नागर शैली की वास्तुकला की झलक दिखाई देगी. सरकार चाहती है कि अयोध्या में विभिन्न राज्यों के अतिथि गृह भी इसी शैली में बनें. यही नहीं इन भवनों का नामकरण भी पौराणिक पात्रों पर केंद्रित किया जाएगा.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि अयोध्या आने वाले पर्यटकों को सिर्फ राम धुन ही न सुनाई दे, बल्कि त्रेतायुगीन चरित्रों के दर्शन भी हों. इसके लिए वहां बन रहे भवनों के नाम वशिष्ठ, कौशल्या, श्रुतिकीर्ति, मांडवी, उर्मिला जैसे पौराणिक चरित्रों के नाम पर रखे जाएंगे. अयोध्या में बने हवाई अड्डे का नाम भी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के नाम पर रखा गया है. यहां के मेडिकल कॉलेज का नाम पहले ही राजा दशरथ के नाम पर रखा जा चुका है. साथ ही विशिष्ट वास्तुकला के बारे में जानकारी देते हुए भवनों पर तख्तियां भी लगाई जाएंगी, जिससे आने वाली पीढ़ी को वैष्णव संप्रदाय की वास्तुकला के बारे में जानकारी मिल सके.


सदर तहसील के पीछे दो एकड़ से ज्यादा की भूमि पर 4630.70 लाख रुपये की लागत से बन रहे नए नगर निगम भवन की वास्तुकला में वैष्णव संस्कृति के दर्शन होंगे. यह भवन भूतल के साथ चार तल का होगा. साथ ही इसमें सभी पार्षदों का एक-एक कक्ष होगा. चूंकि नगर निगम किसी भी शहर का सबसे मुख्य भवन होता है, इसलिए यहां एक पुस्तकालय भी बनाया जाएगा, जिसमें शहर के गजेटियर के साथ-साथ अयोध्या के इतिहास से जुड़ीं सभी पुस्तकें, शोध एवं काव्य उपलब्ध होंगे. यही नहीं शहर में 3708.49 लाख रुपये की लागत से मल्टीलेवल पार्किंग भी बनाई जाएगी, जिसमें व्यावसायिक गतिविधियां भी संचालित होंगी. चार मंजिला बन रहे इस मल्टीलेवल पार्किंग में 282 चार पहिया वाहन और 309 दो पहिया वाहन खड़े हो पाएंगे. पार्किंग स्थल पर 15 दुकानों और एक कैंटीन की व्यवस्था भी रहेगी.
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राम नगरी में 1506.66 लाख रुपये की लागत से बन रहे श्मशान घाट में सुंदरीकरण का विशेष ध्यान रखा जाएगा. 16 संस्कारों को दर्शाते हुए संस्कार वाटिका भी बनाई जाएगी, जिसमें सनातन धर्म के महत्वपूर्ण संस्कारों को प्रदर्शित करते हुए 16 खंभे होंगे. योजना के अंतर्गत बैकुंठ धाम में दो विद्युत फायर शेड, दो ग्रीन फायर शेड, दस पारंपरिक फायर शेड और दशगात्र के लिए एक शेड होगा.

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