लखनऊ: वक्फ बोर्ड संशोधन अधिनियम 2024 पर मुसलमानों की राय और सुझाव लेने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) सोमवार को लखनऊ पहुंच रही है. समिति 21 जनवरी को होटल मैरियाट, गोमती नगर में विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक करेगी.
इस बैठक में जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल सदस्य असदुद्दीन ओवैसी, मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी, जियाउर रहमान बर्क, इमरान प्रतापगढ़ी, संजय सिंह समेत अन्य सदस्यों के साथ उत्तर प्रदेश सरकार, अल्पसंख्यक कार्य विभाग, विधि एवं न्याय मंत्रालय के प्रतिनिधियों के अलावा उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड, राज्य अल्पसंख्यक आयोग सहित कई अन्य संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
बैठक का समय पूर्वाह्न 10 बजे से 11:30 बजे तक निर्धारित किया गया है, जिसमें वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर विस्तृत चर्चा की जाएगी. इसके बाद, बार काउंसिल, वकील संघ, मुत्तवल्ली संघ और अन्य हितधारकों के साथ अनौपचारिक चर्चा होगी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक वक्फ संपत्तियों वाला राज्य है, जिससे यह चर्चा विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाती है. बैठक के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और सुन्नी व शिया वक्फ बोर्ड ने अपनी मुतवालियों की सूची शासन को भेज दी है. राज्य के 75 जिलों से विभिन्न संगठनों, बार एसोसिएशनों और वकीलों ने बैठक में भाग लेने की इच्छा जताई है.
जेपीसी की यह स्टडी विजिट 31 जनवरी 2025 से शुरू होने वाले संसद सत्र से पहले समाप्त हो सकती है, जिसके बाद समिति अपनी रिपोर्ट संसद में पेश करेगी. वक्फ वेलफेयर फोरम के अध्यक्ष अहमद जावेद और पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी सहित कई अन्य संगठनों ने जेपीसी से मिलने का समय मांगा है.
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