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पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी करने का मामला, अभियुक्त एके राजीव की जमानत याचिका खारिज

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पशुपालन विभाग में वर्ष 2018 में टेंडर दिलाने के नाम पर एक व्यापारी को करोड़ों रुपये का चूना लगाने के मामले में अभियुक्त अखिलेश कुमार उर्फ एके राजीव की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है

लखनऊ हाईकोर्ट
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Published : May 12, 2022, 9:52 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पशुपालन विभाग में वर्ष 2018 में टेंडर दिलाने के नाम पर इंदौर के एक व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया को करोड़ों रुपये का चूना लगाने के मामले में अभियुक्त अखिलेश कुमार उर्फ एके राजीव की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. वहीं एक अन्य अभियुक्त सचिन वर्मा को मामले के वादी को 18 लाख रुपये वापस करने की शर्त पर दो महीने की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का भी आदेश हाईकोर्ट ने पारित किया है.

एके राजीव की जमानत याचिका खारिज करने का आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल पीठ ने गुरूवार को पारित किया. न्यायालय ने कहा कि प्रथम दृष्टया याची भी इस अपराध में शामिल था. ऐसी कोई वजह नहीं है कि उसे इस मामले में फर्जी फंसाया गया हो. न्यायालय ने कहा कि यह अपराध सफेदपोश अपराध का एक उदाहरण है जो आज के समाज में बढ़ रहा है. न्यायालय ने कहा कि सीडीआर से स्पष्ट है कि अभियुक्त दूसरे अभियुक्तों आशीष राय व दिलबहार सिंह के साथ लगातार संपर्क में था. उल्लेखनीय है कि इस मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन यादव भी अभियुक्त हैं और जेल में हैं.

ये भी पढ़ें : आठ लाख की लूट करने वाले अंतरराज्यीय ईरानी गैंग पर लगा गैंगस्टर

वहीं, इस मामले के दूसरे अभियुक्त सचिन वर्मा को दो माह के अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ 22 अप्रैल को दे चुकी है. अभियुक्त सचिन वर्मा द्वारा न्यायालय से दो महीने की मोहलत मांगी गई थी ताकि वह बाहर निकलकर 18 लाख रुपये मामले के वादी को वापस कर सके. उल्लेखनीय है कि मामले में सचिन वर्मा पर पूरे धोखाधड़ी में 18 लाख रुपये प्राप्त करने का आरोप है.

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लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पशुपालन विभाग में वर्ष 2018 में टेंडर दिलाने के नाम पर इंदौर के एक व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया को करोड़ों रुपये का चूना लगाने के मामले में अभियुक्त अखिलेश कुमार उर्फ एके राजीव की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. वहीं एक अन्य अभियुक्त सचिन वर्मा को मामले के वादी को 18 लाख रुपये वापस करने की शर्त पर दो महीने की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का भी आदेश हाईकोर्ट ने पारित किया है.

एके राजीव की जमानत याचिका खारिज करने का आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल पीठ ने गुरूवार को पारित किया. न्यायालय ने कहा कि प्रथम दृष्टया याची भी इस अपराध में शामिल था. ऐसी कोई वजह नहीं है कि उसे इस मामले में फर्जी फंसाया गया हो. न्यायालय ने कहा कि यह अपराध सफेदपोश अपराध का एक उदाहरण है जो आज के समाज में बढ़ रहा है. न्यायालय ने कहा कि सीडीआर से स्पष्ट है कि अभियुक्त दूसरे अभियुक्तों आशीष राय व दिलबहार सिंह के साथ लगातार संपर्क में था. उल्लेखनीय है कि इस मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन यादव भी अभियुक्त हैं और जेल में हैं.

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वहीं, इस मामले के दूसरे अभियुक्त सचिन वर्मा को दो माह के अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ 22 अप्रैल को दे चुकी है. अभियुक्त सचिन वर्मा द्वारा न्यायालय से दो महीने की मोहलत मांगी गई थी ताकि वह बाहर निकलकर 18 लाख रुपये मामले के वादी को वापस कर सके. उल्लेखनीय है कि मामले में सचिन वर्मा पर पूरे धोखाधड़ी में 18 लाख रुपये प्राप्त करने का आरोप है.

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