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FCI में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, आरोपी गिरफ्तार

राजधानी लखनऊ में नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक करोड़ से अधिक की ठगी का मामला सामने आया है. पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी से मिले अहम सुराग के हिसाब से पुलिस अन्य लोगों की भी जल्द गिरफ्तारी कर सकती है.

FCI में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी
FCI में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी
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Published : Jul 12, 2021, 9:29 PM IST

लखनऊ: राजधानी की महानगर पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर एक करोड़ 75 लाख रुपये की ठगी करने वाले शातिर आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. महानगर पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद ठगी की वारदात में एफसीआई कर्मियों के शामिल होने का भी अंदेशा जाहिर किया है. फिलहाल उत्तरी जोन की महानगर पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि उसके अन्य साथियों के बारे में जांच कर रही है. पुलिस का दावा है कि जांच के बाद अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी की जा सकती है.

जानकारी के मुताबिक मनीष कुमार राय की मुलाकात 14 जून साल 2019 में अभिषेक दुबे और नीरज पांडे से हुई थी. इसी बातचीत के दौरान अभिषेक दुबे ने एफसीआई में नौकरी दिलाने का दावा कर रवि प्रकाश, राकेश सिंह, राजन चौबे और उसकी पत्नी कविता से कराई थी. पीड़ित ने कहा यह लोग एफसीआई लखनऊ और दिल्ली में खुद को तैनात होने का दावा करते थे. मनीष ने इन लोगों से अपने भांजे राम मनोहर राय, अनीश राय, मुन्ना कुमार और राजकुमार को कहीं नौकरी लगवाने की बात कही थी.


पीड़ित मनीष की मानें तो कुछ समय बाद आरोपियों ने दिल्ली के एक दफ्तर में उसको बातचीत करने के लिए बुलाया था. जहां पर कविता चौबे और उसके पति राजन चौबे मौजूद थे. उन्होंने नौकरी दिलाने के नाम पर रुपया खर्च होने की बात कही थी. इसी की एवज में पीड़ित से भी इन जालसाजों द्वारा लाखों रुपए लिए गए थे. लेकिन नौकरी ना मिलने के बाद पीड़ित ने आरोपी से संपर्क किया तो यह लोग टाल-मटोल कर फरार हो गए थे. पीड़ित ने जब इसकी जानकारी की तो मालूम चला कि इन आरोपियों के द्वारा लगभग 60 लोगों से लगभग एक करोड़ 75 लाख रुपये ठगे गए हैं. तभी पीड़ित ने महानगर कोतवाली पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.


महानगर कोतवाल प्रदीप कुमार सिंह की मानें तो साल 2019 में मनीष कुमार राय ने एक मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें उन्होंने बताया था कि उनके रिश्तेदार समेत करीब 60 लोगों से आरोपियों द्वारा रुपये ठगे गए हैं.

इस मामले में पुलिस का कहना है कि पीड़ित के द्वारा दबाव देने पर इन आरोपियों ने फर्जी नियुक्ति पत्र देकर अलग-अलग जिलों में ट्रेनिंग के लिए भेज दिया था. लेकिन ट्रेनिंग पूरी होने के बाद भी उनके रिश्तेदारों को नौकरी नहीं मिली. फिलहाल काफी समय से फरार चल रहे आरोपी अभिषेक दुबे को गिरफ्तार कर लिया गया है. जिससे पूछताछ की गई है. पूछताछ में पुलिस को कई अहम सुराग भी मिले हैं. पुलिस ने कहा आरोपी से मिले अहम सुराग के हिसाब से पुलिस अन्य लोगों की भी जल्द गिरफ्तारी कर सकती है.

लखनऊ: राजधानी की महानगर पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर एक करोड़ 75 लाख रुपये की ठगी करने वाले शातिर आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. महानगर पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद ठगी की वारदात में एफसीआई कर्मियों के शामिल होने का भी अंदेशा जाहिर किया है. फिलहाल उत्तरी जोन की महानगर पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि उसके अन्य साथियों के बारे में जांच कर रही है. पुलिस का दावा है कि जांच के बाद अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी की जा सकती है.

जानकारी के मुताबिक मनीष कुमार राय की मुलाकात 14 जून साल 2019 में अभिषेक दुबे और नीरज पांडे से हुई थी. इसी बातचीत के दौरान अभिषेक दुबे ने एफसीआई में नौकरी दिलाने का दावा कर रवि प्रकाश, राकेश सिंह, राजन चौबे और उसकी पत्नी कविता से कराई थी. पीड़ित ने कहा यह लोग एफसीआई लखनऊ और दिल्ली में खुद को तैनात होने का दावा करते थे. मनीष ने इन लोगों से अपने भांजे राम मनोहर राय, अनीश राय, मुन्ना कुमार और राजकुमार को कहीं नौकरी लगवाने की बात कही थी.


पीड़ित मनीष की मानें तो कुछ समय बाद आरोपियों ने दिल्ली के एक दफ्तर में उसको बातचीत करने के लिए बुलाया था. जहां पर कविता चौबे और उसके पति राजन चौबे मौजूद थे. उन्होंने नौकरी दिलाने के नाम पर रुपया खर्च होने की बात कही थी. इसी की एवज में पीड़ित से भी इन जालसाजों द्वारा लाखों रुपए लिए गए थे. लेकिन नौकरी ना मिलने के बाद पीड़ित ने आरोपी से संपर्क किया तो यह लोग टाल-मटोल कर फरार हो गए थे. पीड़ित ने जब इसकी जानकारी की तो मालूम चला कि इन आरोपियों के द्वारा लगभग 60 लोगों से लगभग एक करोड़ 75 लाख रुपये ठगे गए हैं. तभी पीड़ित ने महानगर कोतवाली पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.


महानगर कोतवाल प्रदीप कुमार सिंह की मानें तो साल 2019 में मनीष कुमार राय ने एक मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें उन्होंने बताया था कि उनके रिश्तेदार समेत करीब 60 लोगों से आरोपियों द्वारा रुपये ठगे गए हैं.

इस मामले में पुलिस का कहना है कि पीड़ित के द्वारा दबाव देने पर इन आरोपियों ने फर्जी नियुक्ति पत्र देकर अलग-अलग जिलों में ट्रेनिंग के लिए भेज दिया था. लेकिन ट्रेनिंग पूरी होने के बाद भी उनके रिश्तेदारों को नौकरी नहीं मिली. फिलहाल काफी समय से फरार चल रहे आरोपी अभिषेक दुबे को गिरफ्तार कर लिया गया है. जिससे पूछताछ की गई है. पूछताछ में पुलिस को कई अहम सुराग भी मिले हैं. पुलिस ने कहा आरोपी से मिले अहम सुराग के हिसाब से पुलिस अन्य लोगों की भी जल्द गिरफ्तारी कर सकती है.

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