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प्रदेश के 57 जिलों में शुरू हुआ अभ्युदय कोचिंग का संचालन: मंत्री असीम अरुण

100 दिन की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि प्रदेश के 57 जिलो में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना शुरू हो गई है. इसमें छात्र छात्राओं को मुफ्त कोचिंग कराई जा रही है.

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मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना शुरू
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Published : Jul 19, 2022, 5:35 PM IST

लखनऊ: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों को अब अपने सपनों को पूरा करने के लिए बड़े शहरों की ओर पलायन नहीं करना होगा. उनके सपनों को साकार करने के लिए यूपी सरकार ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना शुरू (Chief Minister Abhyudaya Yojana start) की है. इसके अंतर्गत प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को उनके जिला मुख्यालय पर ही मुफ्त कोचिंग की सुविधा समाज कल्याण विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है. 100 दिन की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने यह जानकारी दी.

मंत्री असीम अरुण ने बताया कि समाज कल्याण विभाग की योजनाएं (Schemes of Social Welfare Department) जैसे वृद्धा अवस्था पेंशन, छात्रवृत्ति आदि योजनाओं में प्रयोगकर्ता के काम को आसान करने के लिए आईटी सेल का गठन किया गया है. जो प्रयोगकर्ताओं से लगातार फीडबैक लेकर वेबसाइट को सुधारेंगी. मंत्री ने बताया कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरन्स की नीति अपनाईं गई है. भ्रष्टाचार की संभावनाओं को समाप्त करने के लिए डीबीटी, आईटी और आधार लिंकिंग जैसी व्यवस्थाओं को प्रयोग किया गया है. भविष्य में इनका प्रयोग और बढ़ाया जाएगा.

मंत्री असीम अरुण ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार 100 दिन में 57 जिलों में अभ्युदय कोचिंग का सफलता पूर्वक संचालन शुरू हो गया है. विभाग का इस बात पर फोकस है कि ऑनलाइन व्यवस्था के माध्यम से परीक्षार्थियों को उनके घर पर ही उच्चकोटि की शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जा सके. ताकि समाज के हर वर्ग से छात्र-छात्राएं अपने सपनों को पूरा कर सकें. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड उभयलिंगी समुदाय के वरिष्ठजनों के लिए वृद्धाश्रम की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया था. इसके सापेक्ष विभाग द्वारा संचालित वृद्धाश्रमों में किन्नरों को प्रवेश दिए जाने के लिए 13 जून, 2022 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है. विभाग ने पहले 100 दिन के लिए अनुसूचित जाति के 500 मेधावी छात्रों को संपूर्ण शिक्षण शुल्क, मेस व छात्रावास के खर्च के लिए 30 करोड़ की व्यवस्था और छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिप्यूट की राष्ट्रीय स्तर की 250 व उत्तर प्रदेश की उत्कृष्ट संस्थाओं के चिह्नीकरण का लक्ष्य तय किया था. इस संबंध में प्रस्ताव व आदेश तैयार हो चुका है.

यह भी पढ़ें:CM योगी की अभ्युदय कोचिंग योजना रंग लाई, दो छात्रों का PCS मेंस में हुआ सिलेक्शन


मंत्री ने बताया कि समाज कल्याण निदेशालय में एक कांटेक्ट सेंटर स्थापित किया जा रहा है. योजनाओं के लाभार्थी व आवेदकों को कोई समस्या आती है, तो यहां सीधे फोन, ईमेल या अन्य माध्यमों से संपर्क कर सकते हैं. कांटेक्ट सेंटर से सहायता लेने वालों की समस्याओं का निराकरण या सही सलाह दी जाएगी.

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लखनऊ: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों को अब अपने सपनों को पूरा करने के लिए बड़े शहरों की ओर पलायन नहीं करना होगा. उनके सपनों को साकार करने के लिए यूपी सरकार ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना शुरू (Chief Minister Abhyudaya Yojana start) की है. इसके अंतर्गत प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को उनके जिला मुख्यालय पर ही मुफ्त कोचिंग की सुविधा समाज कल्याण विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है. 100 दिन की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने यह जानकारी दी.

मंत्री असीम अरुण ने बताया कि समाज कल्याण विभाग की योजनाएं (Schemes of Social Welfare Department) जैसे वृद्धा अवस्था पेंशन, छात्रवृत्ति आदि योजनाओं में प्रयोगकर्ता के काम को आसान करने के लिए आईटी सेल का गठन किया गया है. जो प्रयोगकर्ताओं से लगातार फीडबैक लेकर वेबसाइट को सुधारेंगी. मंत्री ने बताया कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरन्स की नीति अपनाईं गई है. भ्रष्टाचार की संभावनाओं को समाप्त करने के लिए डीबीटी, आईटी और आधार लिंकिंग जैसी व्यवस्थाओं को प्रयोग किया गया है. भविष्य में इनका प्रयोग और बढ़ाया जाएगा.

मंत्री असीम अरुण ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार 100 दिन में 57 जिलों में अभ्युदय कोचिंग का सफलता पूर्वक संचालन शुरू हो गया है. विभाग का इस बात पर फोकस है कि ऑनलाइन व्यवस्था के माध्यम से परीक्षार्थियों को उनके घर पर ही उच्चकोटि की शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जा सके. ताकि समाज के हर वर्ग से छात्र-छात्राएं अपने सपनों को पूरा कर सकें. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड उभयलिंगी समुदाय के वरिष्ठजनों के लिए वृद्धाश्रम की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया था. इसके सापेक्ष विभाग द्वारा संचालित वृद्धाश्रमों में किन्नरों को प्रवेश दिए जाने के लिए 13 जून, 2022 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है. विभाग ने पहले 100 दिन के लिए अनुसूचित जाति के 500 मेधावी छात्रों को संपूर्ण शिक्षण शुल्क, मेस व छात्रावास के खर्च के लिए 30 करोड़ की व्यवस्था और छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिप्यूट की राष्ट्रीय स्तर की 250 व उत्तर प्रदेश की उत्कृष्ट संस्थाओं के चिह्नीकरण का लक्ष्य तय किया था. इस संबंध में प्रस्ताव व आदेश तैयार हो चुका है.

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मंत्री ने बताया कि समाज कल्याण निदेशालय में एक कांटेक्ट सेंटर स्थापित किया जा रहा है. योजनाओं के लाभार्थी व आवेदकों को कोई समस्या आती है, तो यहां सीधे फोन, ईमेल या अन्य माध्यमों से संपर्क कर सकते हैं. कांटेक्ट सेंटर से सहायता लेने वालों की समस्याओं का निराकरण या सही सलाह दी जाएगी.

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