लखनऊ : राजधानी स्थित केजीएमयू (KGMU) के एमबीबीएस विद्यार्थियों को अनिवार्य पेपर के साथ ही रुचि के विषय पढ़ने की सुविधा मिलेगी. इसके तहत हर विद्यार्थी कम से कम दो इलेक्टिव विषयों का चयन करेगा. इसमें क्लीनिकल और नॉन क्लीनिकल दोनों विषय शामिल होंगे. केजीएमयू में नए सत्र से इन विषयों की पढ़ाई शुरू हो जाएगी. रेग्युलेशन ऑफ मेडिकल एजुकेशन के तहत यह बदलाव किया जा रहा है.
केजीएमयू (KGMU) के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि स्टूडेंट को उनकी पसंद और रुचि में ज्यादा मौके देने के लिए 64 पेपर तैयार किए गए हैं. हर विद्यार्थी को इनमें से दो-दो पेपर लेने होंगे. ये पेपर दो ब्लॉक में होंगे. पहले ब्लॉक में नॉन क्लीनिकल पेपर होंगे. इसमें मुख्य रूप से पैरा क्लीनिकल और प्रयोगशाला पर आधारित विषय होंगे. किसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे वैज्ञानिक के साथ लगाकर इनकी पढ़ाई कराई जा सकती है. वहीं, दूसरे ब्लॉक में क्लीनिकल पेपर होंगे. ये पेपर चिकित्सा की विभिन्न शाखाओं जैसे आंकोलॉजी, ब्लड और अन्य सुपर स्पेशियलिटी विषयों पर आधारित होंगे. इस तरह स्टूडेंट को सुपर स्पेशियलिटी विषयों की पढ़ाई के लिए पीजी या फिर सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रम के लिए इंतजार करना नहीं होगा. एमबीबीएस में ही विद्यार्थियों को सुपर स्पेशियलिटी विषय पढ़ने की सुविधा मिलने लगेगी.
इन विषयों के लिए दो महीने की समय अवधि तय की गई है. इसके लिए 75 फीसदी उपस्थिति भी अनिवार्य की गई है. विद्यार्थियों को कोर्स की अवधि के दौरान लॉग बुक भी तैयार करनी होगी. इसमें विद्यार्थियों को दो महीने के दौरान की पूरी गतिविधि दर्ज करनी होगी. इन पेपरों का सबसे ज्यादा फायदा विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई के लिए मिलेगा.
यह भी पढ़ें : यूपी के 30 जिलों में यलो अलर्ट जारी
एमबीबीएस के बाद स्टूडेंट को अंदाजा होगा कि उनको किस क्षेत्र में आगे बढ़ना है. एमबीबीएस स्तर पर शुरुआती जानकारी हासिल करने के बाद आगे वे इसमें विशेषज्ञता भी हासिल कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें : लखनऊ विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा की तिथि घोषित, जानें कब होगी परीक्षा