कानपुर: शहर के नई सड़क चौराहा पर तीन जून को हुई हिंसा के मामले में लापरवाही बरतना एसीपी त्रिपुरारी पांडेय को महंगा पड़ गया. सूत्रों के मुताबिक एसीपी पर आरोपियों को पकड़ने-छोड़ने जैसे कई गंभीर आरोप लगे थे. इसकी जांच हुई और जांच के बाद रविवार को एसीपी का तबादला पुलिस उपाधीक्षक पीटीएस जालौन के पद पर कर दिया गया. पूरे सूबे में अचानक महज एक ट्रांसफर होने की चर्चा सभी की जुबां पर हो रही है.
दरअसल एसीपी त्रिपुरारी पांडेय शहर के कर्नलगंज थाने का काम देख रहे थे. तीन जून को जो हिंसा हुई थी, उसमें पुलिस कमिश्नर की ओर से उन्हें जांच का जिम्मा सौंपा गया था. लेकिन, जब पुलिस कमिश्नर कार्यालय में एसीपी के खिलाफ शिकायतें पहुंची, तो पुलिस कमिश्नर एसीपी से नाराज हो गए. कहा यह जा रहा है कि कमिश्नर की रिपोर्ट पर डीजीपी कार्यालय से पूरे मामले का संज्ञान लिया गया और एसीपी के तबादला का आदेश जारी हो गया. वहीं, जब ईटीवी भारत संवाददाता ने पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीना से इस बाबत जानकारी मांगी तो उन्होंने किसी तरह की रिपोर्ट से इंकार किया.
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पुलिस महकमे में इस बात की भी चर्चा है कि एसीपी त्रिपुरारी पांडेय पर विभाग की गोपनीय सूचनाएं लीक करने का आरोप था. इस संबंध में भी कई शिकायतें सामने आई थीं. इसका वरिष्ठ अफसरों ने संज्ञान लेते हुए एसीपी का तबादला जालौन कर दिया.वहीं, बात एसीपी की कार्यशैली को लेकर की जाए तो वह अपनी गतिविधियों से चर्चाओं में बने रहते थे. कुछ माह पहले छेड़खानी के एक मामले में उन्होंने भरे राह एक शोहदे को कई थप्पड़ जड़ दिए थे. उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुआ था.
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