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गोरखपुर में सूर्यग्रहण को लगा ग्रहण, खराब मौसम बनी वजह

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Published : Dec 26, 2019, 4:33 PM IST

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के लोग परिवार सहित सूर्यग्रहण देखने के लिए वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला पहुंचे, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से सूर्यग्रहण नहीं देख सके.

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खराब मौसम की वजह से नहीं दिखा सूर्यग्रहण.

गोरखपुर: जिले के वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला में सूर्य ग्रहण देखने के लिए काफी बेहतर इंतजाम किए गए हैं. यहां सूर्यग्रहण देखने के लिए कई परिवार बच्चों संग पहुंचे, लेकिन इस बार का सूर्यग्रहण उन्हें नहीं दिखाई दिया. दरअसल घने कोहरे में लिपटा पूरा आसमान सूर्य को पूरी तरह से ढके हुआ था, जिसकी वजह से ग्रहण को देखने के लिए किए गए सभी इंतजाम धरे के धरे रह गए.

खराब मौसम की वजह से नहीं दिखा सूर्यग्रहण.

मौसम की बेरुखी ने लोगों को किया निराश
छोटे बच्चे अपने माता-पिता के साथ सूर्यग्रहण देखने के लिए नक्षत्रशाला पहुंचे थे. जहां नक्षत्रशाला के प्रबंधतंत्र ने टेलिस्कोप और ग्रहण को देखने में सक्षम यंत्रों की व्यवस्था कर रखी थी, जिससे लोग ग्रहण को देख सकें, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से किसी को भी सूर्यग्रहण दिखाई नहीं दिया. वहीं छोटे-छोटे बच्चे टेलिस्कोप आदि यंत्रों पर बार-बार कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें सूर्यग्रहण की झलक तक देखने को नहीं मिली, जिससे वह निराश ही लौट गए.

इसे भी पढ़ें- अयोध्या: राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रयागराज में होगी संतों की पहली बैठक

सूर्यग्रहण भारत समेत दुनिया के कई देशों में दिखाई दिया. सूर्यग्रहण सुबह 8:17 से शुरु होकर11:00 बजे समाप्त हो गया. इस बीच में परम ग्रास को 9:31 बजे पर माना गया. इस दौरान खंडग्रास की अवधि 2 घंटे 40 मिनट 6 सेकंड की रही. इस बार ग्रहण के दौरान चंद्रमा की छाया सूर्य के केंद्र के साथ मिलकर सूर्य के चारों ओर एक वलयाकार आकृति बनी. इस प्रक्रिया में सूर्य का 97% भाग चंद्रमा से ढक गया था, लेकिन सूर्य का बाहरी हिस्सा प्रकाशित ही रहा.

गोरखपुर: जिले के वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला में सूर्य ग्रहण देखने के लिए काफी बेहतर इंतजाम किए गए हैं. यहां सूर्यग्रहण देखने के लिए कई परिवार बच्चों संग पहुंचे, लेकिन इस बार का सूर्यग्रहण उन्हें नहीं दिखाई दिया. दरअसल घने कोहरे में लिपटा पूरा आसमान सूर्य को पूरी तरह से ढके हुआ था, जिसकी वजह से ग्रहण को देखने के लिए किए गए सभी इंतजाम धरे के धरे रह गए.

खराब मौसम की वजह से नहीं दिखा सूर्यग्रहण.

मौसम की बेरुखी ने लोगों को किया निराश
छोटे बच्चे अपने माता-पिता के साथ सूर्यग्रहण देखने के लिए नक्षत्रशाला पहुंचे थे. जहां नक्षत्रशाला के प्रबंधतंत्र ने टेलिस्कोप और ग्रहण को देखने में सक्षम यंत्रों की व्यवस्था कर रखी थी, जिससे लोग ग्रहण को देख सकें, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से किसी को भी सूर्यग्रहण दिखाई नहीं दिया. वहीं छोटे-छोटे बच्चे टेलिस्कोप आदि यंत्रों पर बार-बार कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें सूर्यग्रहण की झलक तक देखने को नहीं मिली, जिससे वह निराश ही लौट गए.

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सूर्यग्रहण भारत समेत दुनिया के कई देशों में दिखाई दिया. सूर्यग्रहण सुबह 8:17 से शुरु होकर11:00 बजे समाप्त हो गया. इस बीच में परम ग्रास को 9:31 बजे पर माना गया. इस दौरान खंडग्रास की अवधि 2 घंटे 40 मिनट 6 सेकंड की रही. इस बार ग्रहण के दौरान चंद्रमा की छाया सूर्य के केंद्र के साथ मिलकर सूर्य के चारों ओर एक वलयाकार आकृति बनी. इस प्रक्रिया में सूर्य का 97% भाग चंद्रमा से ढक गया था, लेकिन सूर्य का बाहरी हिस्सा प्रकाशित ही रहा.

Intro:गोरखपुर। नए साल से पहले लगे सूर्यग्रहण को देखने को लेकर बूढ़ा हो या जवान सभी में काफी उत्सुकता बनी हुई थी। लेकिन लोगों की उत्सुकता पर मौसम की बेरुखी ने पानी फेर दिया। गोरखपुर के वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला में इस सूर्य ग्रहण को देखने के लिए काफी बेहतर इंतजाम किया गया रहता है। जहां पर सूर्य ग्रहण को देखने के लिए तमाम परिवार अपने बच्चों के साथ पहुंचता है। लेकिन इस बार का सूर्य ग्रहण उन्हें नहीं दिखाई दिया। घने कोहरे में लिपटा हुआ पूरा आसमान सूर्य को पूरी तरह से ढका हुआ था। जिसकी वजह से ग्रहण को देखने के लिए किया गया सभी तकनीक इंतजाम फेल साबित हुआ।

नोट--कम्प्लीट पैकेज, वॉइस ओवर अटैच है।


Body:नक्षत्र शाला पर सूर्य ग्रहण को देखने के लिए कड़कड़ाती ठंड और घने कोहरे में भी छोटे-बड़े बच्चे अपने माता-पिता के साथ पहुंचे हुए थे। वहीं यहां का प्रबंधतंत्र भी टेलिस्कोप से लेकर ग्रहण को देख सकने में सफल सभी यंत्रों को पूरी तरह से लोगों के बीच उपस्थित किए हुए थे। लेकिन मौसम इतना खराब था कि किसी को भी सूर्यग्रहण दिखाई नहीं दे रहा था। छोटे-छोटे बच्चे टेलिस्कोप आदि यंत्रों पर बार-बार कोशिश कर रहे थे लेकिन उन्हें सूर्य ग्रहण की झलक नहीं मिली। लिहाजा वह निराश हो गए। हालांकि सब जानते थे कि सूर्य ग्रहण कैसे लगता है लेकिन उसका दिखाई ना देना बच्चों के मन को दुखी कर गया।

बाइट--उत्कृषिणी, छात्रा
बाइट--आदित्य पाण्डेय, छात्र
बाइट--अमर पाल सिंह, एस्ट्रोलॉजर, नक्षत्रशाला, गोरखपुर


Conclusion:यह सूर्य ग्रहण भारत समेत दुनिया के कई देशों में दिखाई देना था। इस ग्रहण का समय सुबह 8:17 तय था तो इसके समापन का समय 11:00 बजे से बाद का है। हालांकि इसके बीच में परम ग्रास को 9:31 पर माना गया था। इस दौरान खंडग्रास की अवधि 2 घंटे 40 मिनट 6 सेकंड की रही है। इस बार के ग्रहण के दौरान चंद्रमा की छाया सूर्य के केंद्र के साथ मिलकर सूर्य के चारों ओर एक वलयाकार आकृति बनाएगी। इस प्रक्रिया में सूर्य का 97% भाग चंद्रमा द्वारा ढक जाएगा लेकिन सूर्य का बाहरी हिस्सा प्रकाशित रहेगा।

मुकेश पाण्डेय
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