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गाजियाबाद: देश में पहली बार सेटेलाइट की मदद से पकड़ी गई करोड़ों की चोरी, बना इतिहास

गाजियाबाद में 15 करोड रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी गई है. आयकर विभाग ने देश में पहली बार सेटेलाइट के जरिए यह चोरी पकड़ी है.

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Published : Apr 4, 2019, 3:26 PM IST

देश में पहली बार सेटेलाइट की मदद से पकड़ी गई करोड़ों की चोरी

नई दिल्ली/गाजियाबाद: चोरी करके अब छिप नहीं सकते है. पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए नया तरीका खोज निकाला है.देश में पहली बार सेटेलाइट के माध्यम से चोरी पकड़ी गई है. ये चोरी 15 करोड़ रुपये की बताई जा रही है.

देश में पहली बार सेटेलाइट की मदद से पकड़ी गई करोड़ों की चोरी

जिले में 15 करोड रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी गई है.आयकर विभाग ने देश में पहली बार सेटेलाइट के जरिए यह चोरी पकड़ी है. जिलेके मोदीनगर इलाके में प्रॉपर्टी के एक कारोबारी ने 3 साल पहले एक संपत्ति की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा करके भूमि को कृषि भूमि दिखा दिया और कृषि भूमि के हिसाब से ही टैक्स अदा कर दिया. लेकिन असलियत कुछ और थी और जब असलियत सामने आई तो आयकर विभाग अब 90 फ़ीसदी जुर्माना वसूलने की तैयारी कर रहा है.


कैसे हुआ खुलासा
जिले में जून 2018 में आयकर विभाग को सूचना मिली थी. सूचना के साथ आई शिकायत में कहा गया कि मोदीनगर के जलालाबाद की एक जमीन की रजिस्ट्री 3 साल पहले 30 लाख में कराई गई है। शिकायत की जांच हुई लेकिन नतीजा सामने नहीं आया. लिहाजा आयकर निदेशक कार्यालय से हैदराबाद की एक जांच एजेंसी को यह मामला दिया गया. एजेंसी ने सेटेलाइट के माध्यम से 3 साल पुरानी वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट निकाली और सेटेलाइट की कुछ तस्वीरें भी निकाली गई. जिसमें भूखंड पर व्यवसायिक कांपलेक्स बने होने की पुष्टि हो गई.


आयकर विभाग कर्मचारी भी कटघरे में
तस्वीरों से साफ हो गया है कि उस समय भी कंपलेक्स बना हुआ था. जिसे कृषि भूमि दिखा दिया गया था. हालांकि इस मामले में स्थानीय आयकर विभाग के कर्मचारी भी कटघरे में है. जिन्होंने सही रिपोर्ट उस समय नहीं दी और सैटेलाइट का सहारा लिया गया. यह पहली बार हुआ है जब सेटेलाइट के माध्यम से कोई चोरी पकड़ी गई है. वह भी ₹15 करोड़ की चोरी. मतलब साफ है कि चोर उचक्के होशियार हो जाएं, क्योंकि सेटेलाइट से भी उनकी करतूत पर नजर रखी जा सकती है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: चोरी करके अब छिप नहीं सकते है. पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए नया तरीका खोज निकाला है.देश में पहली बार सेटेलाइट के माध्यम से चोरी पकड़ी गई है. ये चोरी 15 करोड़ रुपये की बताई जा रही है.

देश में पहली बार सेटेलाइट की मदद से पकड़ी गई करोड़ों की चोरी

जिले में 15 करोड रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी गई है.आयकर विभाग ने देश में पहली बार सेटेलाइट के जरिए यह चोरी पकड़ी है. जिलेके मोदीनगर इलाके में प्रॉपर्टी के एक कारोबारी ने 3 साल पहले एक संपत्ति की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा करके भूमि को कृषि भूमि दिखा दिया और कृषि भूमि के हिसाब से ही टैक्स अदा कर दिया. लेकिन असलियत कुछ और थी और जब असलियत सामने आई तो आयकर विभाग अब 90 फ़ीसदी जुर्माना वसूलने की तैयारी कर रहा है.


कैसे हुआ खुलासा
जिले में जून 2018 में आयकर विभाग को सूचना मिली थी. सूचना के साथ आई शिकायत में कहा गया कि मोदीनगर के जलालाबाद की एक जमीन की रजिस्ट्री 3 साल पहले 30 लाख में कराई गई है। शिकायत की जांच हुई लेकिन नतीजा सामने नहीं आया. लिहाजा आयकर निदेशक कार्यालय से हैदराबाद की एक जांच एजेंसी को यह मामला दिया गया. एजेंसी ने सेटेलाइट के माध्यम से 3 साल पुरानी वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट निकाली और सेटेलाइट की कुछ तस्वीरें भी निकाली गई. जिसमें भूखंड पर व्यवसायिक कांपलेक्स बने होने की पुष्टि हो गई.


आयकर विभाग कर्मचारी भी कटघरे में
तस्वीरों से साफ हो गया है कि उस समय भी कंपलेक्स बना हुआ था. जिसे कृषि भूमि दिखा दिया गया था. हालांकि इस मामले में स्थानीय आयकर विभाग के कर्मचारी भी कटघरे में है. जिन्होंने सही रिपोर्ट उस समय नहीं दी और सैटेलाइट का सहारा लिया गया. यह पहली बार हुआ है जब सेटेलाइट के माध्यम से कोई चोरी पकड़ी गई है. वह भी ₹15 करोड़ की चोरी. मतलब साफ है कि चोर उचक्के होशियार हो जाएं, क्योंकि सेटेलाइट से भी उनकी करतूत पर नजर रखी जा सकती है.



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गाजियाबाद।देश में पहली बार सेटेलाइट के माध्यम से चोरी पकड़ी गई है।अब चोर होशियार हो जाएं। क्योंकि सेटेलाइट की नजर उन पर है। 15 करोड रुपए की चोरी पकड़ी गई है। चौंकाने वाला खुलासा हुआ है सेटेलाइट के माध्यम से। क्या है पूरा मामला जानने के लिए बने रहिए हमारे साथ।


चोरी करने वाले सावधान। अब सेटेलाइट की नजर चोरों पर है।मामला गाजियाबाद का है।जहां पर 15 करोड रुपए की टैक्स चोरी पकड़ी गई है। आयकर विभाग ने देश में पहली बार सेटेलाइट के जरिए यह चोरी पकड़ी है।मामला गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके का है।जहां पर आरोप है कि प्रॉपर्टी के एक कारोबारी ने 3 साल पहले एक संपत्ति की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा करके भूमि को कृषि भूमि दिखा दिया और कृषि भूमि के हिसाब से ही टैक्स अदा कर दिया। लेकिन असलियत कुछ और थी।और जब असलियत सामने आई तो आयकर विभाग अब 90 फ़ीसदी जुर्माना वसूलने की तैयारी कर रहा है। पूरा मामला आप को समझा देते हैं।जो काफी हाईटेक है। सैटेलाइट का प्रयोग करके कैसे आयकर विभाग ने यह चोरी पकड़ी उसके बारे में आपको विस्तार से समझाते हैं।

गाजियाबाद में जून 2018 में आयकर विभाग को सूचना मिली थी। सूचना के साथ आई शिकायत में कहा गया कि मोदीनगर के जलालाबाद की एक जमीन की रजिस्ट्री 3 साल पहले 30 लाख में कराई गई है। शिकायत की जांच हुई लेकिन नतीजा सामने नहीं आया। लिहाजा आयकर निदेशक कार्यालय से हैदराबाद की एक जांच एजेंसी को यह मामला दिया गया। एजेंसी ने सेटेलाइट के माध्यम से 3 साल पुरानी वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट निकाली। और सेटेलाइट की कुछ तस्वीरें भी निकाली गई। जिसमें भूखंड पर व्यवसायिक कांपलेक्स बने होने की पुष्टि हो गई।सेटेलाइट की ये तस्वीरें भी हमारे पास है। जिससे दूध का दूध पानी का पानी हो रहा है। तस्वीरों से साफ हो गया है कि उस समय भी कंपलेक्स बना हुआ था। जिसे कृषि भूमि दिखा दिया गया था। हालांकि इस मामले में स्थानीय आयकर विभाग के कर्मचारी भी कटघरे में है। जिन्होंने सही रिपोर्ट उस समय नहीं दी।और सैटेलाइट का सहारा लिया गया। यह पहली बार हुआ है जब सेटेलाइट के माध्यम से कोई चोरी पकड़ी गई है। वह भी ₹15 करोड़ की चोरी। मतलब साफ है कि चोर उचक्के होशियार हो जाएं। क्योंकि सेटेलाइट से भी उनकी करतूत पर नजर रखी जा सकती है।।


बाइट अमरेंद्र कुमार प्रधान आयकर निदेशक


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