प्रयागराज: संगम नहाने गए चार दोस्तों में से तीन डूब गए. गंगा में डूबे तीन किशोरों के साथ मौजूद रहे चौथे साथी ने देर रात संगम चौकी पर हादसे की सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने खोजबीन शुरू कर दी. लेकिन, नदी में लापता हुए युवकों का कोई सुराग नहीं मिला. बुधवार की सुबह से भी पुलिस और एनडीआरएफ के गोताखोरों की टीम गंगा में लापता युवकों को तलाश रही है लेकिन उनका कोई पता नहीं चल सका है.
मनीष ने आगे बताया कि उसके तीनों दोस्त एक घण्टे से ज्यादा समय तक पानी में नहाते रहे. इस दौरान वो उनको घाट से ही देख भी रहा था. लेकिन, अचानक तीनों आंखों से ओझल हो गए. इसके बाद वो भी पानी के अंदर गया और तीनों को आवाज लगाने के साथ ही उनको तलाशा. लेकिन उसके तीनों दोस्त नदी में ही लापता हो गए. इसके बाद उसने अपने लॉज और लापता दोस्तों के घरवालों को इसकी सूचना दी. साथ ही देर रात संगम चौकी पर पहुंचकर पुलिस वालों को घटना की जानकारी दी.
लापता हुए तीनों छात्रों का घंटो की तलाशी के बाद भी कोई पता नहीं चल सका है. जबकि जल पुलिस के अलावा एसडीआरएफ की टीम के गोताखोर भी पहुंचे और लापता युवकों को नदी में तलाशते रहे. लेकिन, कई घंटे की छानबीन के बाद भी तीनों युवकों का कोई सुराग नहीं मिला. वहीं, घटना के बाद से लापता छात्रों के माता-पिता और परिवार वालों का बुरा हाल है. समय बीतने के साथ ही लापता छात्रों के जिंदा होने की उम्मीदें भी कम होती जा रही हैं.
वैसे संगम पर इस वक्त नदी में पानी का जलस्तर काफी कम है. संगम किनारे स्नान करने वाले लोगों की कमर तक पानी नहीं मिल पाता है. इस वजह से ये कयास लगाया जा रहा है कि रात के समय नहाते वक्त तीनों छात्र ज्यादा गहरे पानी मे जाने के चक्कर में ज्यादा आगे तक गए होंगे. जिस जगह पर गंगा और यमुना का जल मिलता है. वहां आगे जाने पर पानी गहरा होता है. उसी धारा में आगे की तरफ बढ़ने के बाद तीनों युवक गहराई में पहुंचे होंगे और नदी की धारा में समा गए होंगे.
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वहीं, घाट पर मौजूद लापता बच्चों के रिश्तेदार इस बात की भी संभावना जता रहे हैं कि कहीं तीनों ने मिलकर कोई शरारत तो नहीं की. उनका अनुमान है कि तीनों मनीष को चकमा देकर कहीं और चले गए हों और कुछ समय बाद वापस लौट आएं. इस तरह की शंका रिश्तेदार इस लिए जता रहे है क्योंकि मनीष ने किसी को डूबते हुए नहीं देखा है.
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