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जानिए कौन हैं बलवीर गिरि, जिन्हें महंत नरेंद्र गिरि बना गए अपना उत्तराधिकारी - लेटे हनुमान मंदिर

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में बलवीर गिरि को अपना उत्तराधिकारी बनाने की बात लिखी है. जानिए कौन है बलवीर गिरि?

बलवीर गिरि.
बलवीर गिरि.
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Published : Sep 21, 2021, 10:55 PM IST

Updated : Sep 30, 2021, 1:03 PM IST

प्रयागराजः अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में बलवीर को अपना उत्तराधिकारी बनाने की बात लिखी है. साथ ही सभी अखाड़े के पदाधिकारियों को उनका सहयोग करने को कहा है.

महत नरेंद्र गिरि ने अपनी मौत के पहले ही बलवीर को मठ बाघंबरी गद्दी और लेटे हनुमान मंदिर का महंत बनाने के लिये पूरी तरह से लिखापढ़ी ही कर दी है. बताया जाता है कि बलवीर गिरि लगभग 30 सालों से महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य हैं. बलवीर हरिद्वार में रहकर वहां के मठ को संभाल रहे थे. आनंद गिरि और बलवीर गिरि किसी जमाने में नरेंद्र गिरि के करीबी माना जाते थे. अब सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि ने एक को आत्महत्या का जिम्मेदार ठहाराया है तो दूसरे शिष्य को अपना उत्तराधिकारी बनाया है. बता दें कि मूलरूप से उत्तराखंड के रहने वाले बलवीर गिरि 2005 में संत बने थे.

बलवीर गिरि.
बलवीर गिरि.

बलवीर गिरि फिलहाल बाघंबरी मठ में मौजूद हैं. दिन में जिस वक्त सीएम योगी आदित्यानाथ महंत नरेन्द्र गिरी को श्रद्धांजलि देने पहुचे थे उसी वक्त उन्होंने बलवीर गिरि के साथ बैठकर बातचीत भी की थी. सीएम योगी ने बातचीत के दौरान महंत नरेन्द्र गिरी की मौत की निष्पक्ष जांच के बाद दोषी पाये जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किये जाने की भी बात कही है.

इसे भी पढ़ें-अश्लील फोटो वायरल कर आनंद गिरि बदनाम करेगा, पढ़िए नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट...

बता दें कि नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि 'प्रिय बलवीर गिरि मठ मंदिर की व्यवस्था प्रयास करना, जिस तरह मैंने किया, उसी तरह करना. आशुतोष गिरि एवं गद्दी के सभी महात्मा का सहयोग करना.

बलवीर गिरि.
बलवीर गिरि.

परमपूज्य हरिगोविंद गिरि से निवेदन है कि गद्दी का महंत बलवीर गिरि को बनाना. महंत रविंद्र पुरी जी आपने हमेशा साथ दिया. मेरे मरने के बाद बलवीर गिरि का ध्यान रखिएगा.' उत्तराधिकारी की घोषणा से पहले और बाद में भी बलवीर गिरि ने मीडिया से पूरी तरह से दूरी बनाई हुई है.

प्रयागराजः अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में बलवीर को अपना उत्तराधिकारी बनाने की बात लिखी है. साथ ही सभी अखाड़े के पदाधिकारियों को उनका सहयोग करने को कहा है.

महत नरेंद्र गिरि ने अपनी मौत के पहले ही बलवीर को मठ बाघंबरी गद्दी और लेटे हनुमान मंदिर का महंत बनाने के लिये पूरी तरह से लिखापढ़ी ही कर दी है. बताया जाता है कि बलवीर गिरि लगभग 30 सालों से महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य हैं. बलवीर हरिद्वार में रहकर वहां के मठ को संभाल रहे थे. आनंद गिरि और बलवीर गिरि किसी जमाने में नरेंद्र गिरि के करीबी माना जाते थे. अब सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि ने एक को आत्महत्या का जिम्मेदार ठहाराया है तो दूसरे शिष्य को अपना उत्तराधिकारी बनाया है. बता दें कि मूलरूप से उत्तराखंड के रहने वाले बलवीर गिरि 2005 में संत बने थे.

बलवीर गिरि.
बलवीर गिरि.

बलवीर गिरि फिलहाल बाघंबरी मठ में मौजूद हैं. दिन में जिस वक्त सीएम योगी आदित्यानाथ महंत नरेन्द्र गिरी को श्रद्धांजलि देने पहुचे थे उसी वक्त उन्होंने बलवीर गिरि के साथ बैठकर बातचीत भी की थी. सीएम योगी ने बातचीत के दौरान महंत नरेन्द्र गिरी की मौत की निष्पक्ष जांच के बाद दोषी पाये जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किये जाने की भी बात कही है.

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बता दें कि नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि 'प्रिय बलवीर गिरि मठ मंदिर की व्यवस्था प्रयास करना, जिस तरह मैंने किया, उसी तरह करना. आशुतोष गिरि एवं गद्दी के सभी महात्मा का सहयोग करना.

बलवीर गिरि.
बलवीर गिरि.

परमपूज्य हरिगोविंद गिरि से निवेदन है कि गद्दी का महंत बलवीर गिरि को बनाना. महंत रविंद्र पुरी जी आपने हमेशा साथ दिया. मेरे मरने के बाद बलवीर गिरि का ध्यान रखिएगा.' उत्तराधिकारी की घोषणा से पहले और बाद में भी बलवीर गिरि ने मीडिया से पूरी तरह से दूरी बनाई हुई है.

Last Updated : Sep 30, 2021, 1:03 PM IST
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