ETV Bharat / state

पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉक्टर मैराजुद्दीन का निधन, दिल्ली के एम्स में ली अंतिम सांस, जानिए कौन थे? - CONGRESS LEADER MERAJUDDIN

रालोद छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए सपा सरकार में मंत्री रहे डॉक्टर मैराजुद्दीन अहमद का निधन, तबीयत खराब होने के बाद दिल्ली एम्स थे भर्ती

डॉक्टर मेराजुद्दीन अहमद
डॉक्टर मेराजुद्दीन अहमद (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 11, 2025, 8:28 PM IST

Updated : Jan 11, 2025, 9:15 PM IST

मेरठ: समाजवादी पार्टी की सरकार में सिंचाई मंत्री रहे कांग्रेस के नेता डॉक्टर मैराजुद्दीन अहमद का शनिवार को दिल्ली में निधन हो गया. तबीयत खराब होने पर परिजनों ने 10 जनवरी को नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान शनिवार को लगभग 4 बजे अंतिम सांस ली. पूर्व कैबिनेट मंत्री के निधन की सूचना पर लोग दुःख व्यक्त कर रहे हैं.

चौधरी अजित सिंह के सामने लड़ा था चुनावः रालोद के प्रदेश महासचिव आतिर रिजवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. मैराजुद्दीन अहमद का राजनीतिक और सामाजिक जीवन में बड़ा योगदान रहा है. उनके निधन से पूरे राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में दुःख की लहर है. डॉ. अहमद एक सरल, विनम्र और जनता के हितों के प्रति समर्पित थे. डॉक्टर मेराजुद्दीन सपा शासनकाल में सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री बनाए गये थे. डॉ. मेराजुद्दीन रालोद कोटे से तब मंत्री बनाए गये थे. उन्होंने एक वक्त ऐसा भी था जब रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह के सामने बागपत लोकसभा से चुनाव भी लड़ा था.
हाल ही में छोड़ दिया था रालोदः 18 अक्टूबर 2024 को रालोद को डॉ. मैराजुद्दीन अहमद अलविदा कहा था, उस वक़्त वह आरएलडी के राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी निभा रहे थे. डा. मेराजुद्दीन ने पार्टी को अलविदा कहते ही आरएलडी मुखिया और केन्द्रीय राज्यमंत्री जयंत चौधरी पर हमलावर दिखे थे. तब उन्होंने मुस्लिमों की अनदेखी का आरोप जयंत चौधरी पर लगाया था. हालांकि कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी में उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी अब तक नहीं मिली थी. पूर्व कैबिनेट मंत्री यूपी में हुए चर्चित कविता हत्याकांड मामले में भी सुर्खियों में रहे थे.

कांग्रेस से शुरू किया था राजनीतिक सफरः मेराजुद्दीन ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से ही की थी. शुरुआत में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के कई वर्षों तक वह सदस्य भी रहे थे. सन 1983 में डॉक्टर मेराजुद्दीन ने कांग्रेस के टिकट पर सरधना विधानसभा से चुनाव भी लड़ा लेकिन हार का मुंह उन्हें देखना पड़ा था. वरिष्ठ पत्रकार सादाब रिज़वी कहते हैं कि पूर्व मंत्री समाजवादी पार्टी से बागपत लोकसभा से चुनाव लड़े थे. हालांकि वह जीत तो नहीं पाए थे, लेकिन वोटों के ध्रुवीकरण की वजह से तब पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह को हार का सामना करना पड़ा था. बाद में सपा छोड़कर रालोद में वह शामिल हो गये थे.
मुलायम सिंह के सरकार में थे मंत्रीः रालोद ज्वॉइन करने के बाद डॉक्टर मेराजुद्दीन को 2003 में निर्यात निगम का चेयरमैन बना दिया गया था. उसके बाद मुलायम सिंह यादव की सरकार में वह प्रदेश के बाढ़ एवं सिंचाई मंत्री बने थे.जयंत चौधरी ने जब रालोद ज्वाइन की थी तो वह खामोश थे, लेकिन बाद में यूपी में हुए उपचुनाव से पूर्व वह नाराज हो गये और पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. खुद को चौधरी चरण सिंह वादी वह बताते थे.
इसे भी पढ़ें-राष्ट्रीय लोकदल को लगा बड़ा झटका; पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. मैराजुद्दीन अहमद ने दिया इस्तीफा, बोले- चौधरी चरण सिंह की नीतियों को किया गया दरकिनार

मेरठ: समाजवादी पार्टी की सरकार में सिंचाई मंत्री रहे कांग्रेस के नेता डॉक्टर मैराजुद्दीन अहमद का शनिवार को दिल्ली में निधन हो गया. तबीयत खराब होने पर परिजनों ने 10 जनवरी को नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान शनिवार को लगभग 4 बजे अंतिम सांस ली. पूर्व कैबिनेट मंत्री के निधन की सूचना पर लोग दुःख व्यक्त कर रहे हैं.

चौधरी अजित सिंह के सामने लड़ा था चुनावः रालोद के प्रदेश महासचिव आतिर रिजवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. मैराजुद्दीन अहमद का राजनीतिक और सामाजिक जीवन में बड़ा योगदान रहा है. उनके निधन से पूरे राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में दुःख की लहर है. डॉ. अहमद एक सरल, विनम्र और जनता के हितों के प्रति समर्पित थे. डॉक्टर मेराजुद्दीन सपा शासनकाल में सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री बनाए गये थे. डॉ. मेराजुद्दीन रालोद कोटे से तब मंत्री बनाए गये थे. उन्होंने एक वक्त ऐसा भी था जब रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह के सामने बागपत लोकसभा से चुनाव भी लड़ा था.
हाल ही में छोड़ दिया था रालोदः 18 अक्टूबर 2024 को रालोद को डॉ. मैराजुद्दीन अहमद अलविदा कहा था, उस वक़्त वह आरएलडी के राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी निभा रहे थे. डा. मेराजुद्दीन ने पार्टी को अलविदा कहते ही आरएलडी मुखिया और केन्द्रीय राज्यमंत्री जयंत चौधरी पर हमलावर दिखे थे. तब उन्होंने मुस्लिमों की अनदेखी का आरोप जयंत चौधरी पर लगाया था. हालांकि कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी में उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी अब तक नहीं मिली थी. पूर्व कैबिनेट मंत्री यूपी में हुए चर्चित कविता हत्याकांड मामले में भी सुर्खियों में रहे थे.

कांग्रेस से शुरू किया था राजनीतिक सफरः मेराजुद्दीन ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से ही की थी. शुरुआत में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के कई वर्षों तक वह सदस्य भी रहे थे. सन 1983 में डॉक्टर मेराजुद्दीन ने कांग्रेस के टिकट पर सरधना विधानसभा से चुनाव भी लड़ा लेकिन हार का मुंह उन्हें देखना पड़ा था. वरिष्ठ पत्रकार सादाब रिज़वी कहते हैं कि पूर्व मंत्री समाजवादी पार्टी से बागपत लोकसभा से चुनाव लड़े थे. हालांकि वह जीत तो नहीं पाए थे, लेकिन वोटों के ध्रुवीकरण की वजह से तब पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह को हार का सामना करना पड़ा था. बाद में सपा छोड़कर रालोद में वह शामिल हो गये थे.
मुलायम सिंह के सरकार में थे मंत्रीः रालोद ज्वॉइन करने के बाद डॉक्टर मेराजुद्दीन को 2003 में निर्यात निगम का चेयरमैन बना दिया गया था. उसके बाद मुलायम सिंह यादव की सरकार में वह प्रदेश के बाढ़ एवं सिंचाई मंत्री बने थे.जयंत चौधरी ने जब रालोद ज्वाइन की थी तो वह खामोश थे, लेकिन बाद में यूपी में हुए उपचुनाव से पूर्व वह नाराज हो गये और पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. खुद को चौधरी चरण सिंह वादी वह बताते थे.
इसे भी पढ़ें-राष्ट्रीय लोकदल को लगा बड़ा झटका; पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. मैराजुद्दीन अहमद ने दिया इस्तीफा, बोले- चौधरी चरण सिंह की नीतियों को किया गया दरकिनार

Last Updated : Jan 11, 2025, 9:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.