अलीगढ़: मंगलवार को भाजपा नेता ठाकुर रघुराज सिंह का एक और विवादित बयान सामने आया. उन्होंने कहा है कि ये देश तालिबानी नहीं है कि यहां बुर्का अनिवार्य हो. बुर्का दैत्यों के वंशजों का है, इसलिए बुर्का हमारे देश में होना ही नहीं चाहिए. महिलाओं की मूलभूत आवश्यकता बुर्का नहीं रोटी, कपड़ा और मकान है. लोग बुर्का डालकर गलत काम कराना चाहते हैं. पूरे देश में एक कॉमन सिविल कोड लागू कर बुर्के पर बैन लगाया जाना चाहिए. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी हिंदुस्तान से अलग नहीं है. ये भी भारत में हैं. बुर्का पूरे देश में बैन होना चाहिए.
अलीगढ़ में ठाकुर रघुराज सिंह ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने फैसला आज दिया है. मैंने तो दो साल पहले ही कह दिया था कि हिजाब और बुर्का भारत में बैन होने चाहिए. ये करीब 17 देशों में बैन है. हाईकोर्ट के फैसले का मैं स्वागत करता हूं. कोर्ट ने फैसला देश के हित में दिया है. शिक्षा ग्रहण करने वाले मंदिर में जाने वालों को बुर्का की आवश्यकता नहीं है. बुर्का वहां जरूरी है, जहां इन लोगों को अपने मजहब, धर्म और जाति में जाना हो. ये देवी-देवताओं का देश है. देश के राष्ट्रपति ऐसा कॉमन सिविल कोड लागू करके बुर्के पर प्रतिबंध लगा दें.
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करीब चार महीने पहले रघुराज सिंह ने कहा था कि मदरसे आतंकवादियों के अड्डे हैं. वहां आतंक की ट्रेनिंग दी जाती है. मदरसे से निकलने वाला व्यक्ति आतंकवादी बनता है. उनकी सोच आतंक की होती है. भगवान ने मुझे मौका दिया तो मैं पूरे देश के मदरसों को बंद कर दूंगा. वहीं इस साल जनवरी में उन्होंने कहा था कि हिंदुस्तान में जो हिंदुत्व की रूपरेखा में रहेगा, वही इस देश में बचेगा. नहीं तो वह हिंदुस्तान में रह नहीं पाएगा, हम उसको रहने नहीं देंगे. हमने तय किया है कि गोली का जवाब गोला से देंगे.
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