आगरा: विधान सभा एत्मादपुर क्षेत्र के बरहन क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में सोमवार को संदिग्ध बुखार के चलते दो महिलाओं की मौत हो गई. मौत के बाद से दोनों गांवों में दहशत का माहौल है. वहीं झोलाछाप डॉक्टर इलाज के नाम पर जमकर वसूली कर रहे हैं.
बरहन के गांव बुर्ज अतिवल निवासी 28 वर्षीय सोनम को 8 दिन पहले बुखार आया था. परिजनों ने बरहन के झोलाछाप डॉक्टर से उसका इलाज कराया था. तबीयत बिगड़ने पर सोनम को आगरा के निजी अस्पताल रेफर कर दिया गया. उपचार के दौरान सोमवार सुबह करीब 4 बजे सोनम की मौत हो गई. सोनम की तीन बेटियां हैं. उसमें 8 वर्षीय दीक्षा, 6 वर्ष की वंशिका और तीन वर्षीय काव्या शामिल हैं. पति सत्यवीर गांव में मजदूरी का काम करता है. सत्यवीर आर्थिक रूप से काफी कमजोर है. कच्चा घर टूट जाने के कारण वह गांव के एक व्यक्ति द्वारा दिए गए दूसरे कच्चे मकान में रह रहा है. इलाज में अत्यधिक पैसा खर्च होने के कारण अब सत्यवीर की बहन की शादी में रुकावट आ गयी है.
वहीं नगला अडू में 26 वर्षीय नेहा की मौत हो गई. नेहा को 10 दिन पहले बुखार आया था. पहले परिजनों ने उसको आगरा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. हालत गंभीर होने 25 सितंबर को जयपुर स्थित सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. यहां उपचार के दौरान सोमवार सुबह करीब 9 बजे उसकी मौत हो गई. नेहा के दो बेटे हैं. उनमें 3 वर्षीय आर्य और 1 वर्षीय वैभव शामिल हैं. नेहा के पति सत्यवान की हालत गंभीर बतायी जा रही है. उसे पिछले 15 दिनों से बुखार आ रहा है.
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संदिग्ध बुखार से इन लोगों की हो चुकी है मौत-
- 5 सितंबर को 60 वर्षीय बारेलाल दिवाकर निवासी नगला अड़ू की बुखार से मौत
- 14 सितंबर को सराय जयराम के 12 वर्षीय दीपक की मौत
- 21 सितंबर को सराय जय राम निवासी 13 वर्षीय दीपक उर्फ साहिल की मौत
- 23 सितंबर को बुर्ज अतिवल निवासी कैला देवी की एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा में मौत
- 23 सितंबर को अवनी के डेढ़ वर्षीय बच्चे की बुखार से मौत
- 25 सितंबर को दिव्यांग मानवी की बुखार से मौत
- 25 सितंबर को सराय जयराम निवासी 35 वर्षीय सुमन बुखार मौत
- 27 सितंबर को गांव बुर्ज अतिवल निवासी 28 वर्षीय सोनम की उपचार के दौरान मौत
- 27 सितंबर को नेहा की उपचार के दौरान जयपुर में मौत
- गढ़ी महराम निवासी फूल श्री की बुखार से मौत
ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग इलाज के नाम पर खानापूर्ति करता है. नगला अडू और बुर्ज अतिबल में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तीन बार शिविर लगाया. इन शिविरों के नाम पर स्वास्थ्य विभाग ने केवल खानापूर्ति की.