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जालौन: कोरोना के कारण लक्ष्य का मात्र 55 फीसदी हो सकी गेहूं खरीद

यूपी के जालौन में शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य का मात्र 55 प्रतिशत गेहूं की खरीद हो सकी है. कम खरीद होने के पीछे कृषि विपणन अधिकारी का कहना है कि कोरोना के चलते किसानों ने अपने गेहूं का स्टॉक कर लिया है.

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कोरोना के कारण लक्ष्य का मात्र 55 फीसदी हो पाई गेहूं खरीद
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Published : Jun 24, 2020, 12:41 AM IST

जालौन: जिले में कोरोना महामारी का प्रभाव गेहूं क्रय केंद्रों पर देखने को मिल रहा है. यहां अभी तक शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य का मात्र 55 प्रतिशत गेहूं की खरीद हो पाई है. कम खरीद होने के पीछे कृषि विपणन अधिकारी का कहना है कि कोरोना के चलते किसानों ने अपने गेहूं का स्टॉक कर लिया है. क्योंकि किसान भविष्य में गेहूं के दाम को बढ़ना मान रहे हैं, जबकि किसानों के लिए सरकारी गेहूं खरीद के लिए शासन ने समय सीमा 30 जून तक कर रखी है.

आपको बता दें जिले में गेहूं खरीद की तैयारी प्रशासन ने 5 तहसीलों में 72 केंद्र खोलकर शुरू की थी. कोरोना संक्रमण को देखते हुए किसान को पहले अपना ऑनलाइन पंजीकरण कराकर टोकन नंबर दिया जाता था. जिस कारण केंद्र पर किसान को इंतजार न करना पड़े. इसके लिए टोकन का नंबर आने पर ही गेहूं की खरीद हो जाती थी. इस बार शासन के निर्देश पर एक लाख 11 हजार मैट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष में 55 प्रतिशत की गेहूं खरीद किसानों द्वारा की जा चुकी है.

कृषि विपणन अधिकारी राकेश तिवारी ने बताया कोरोना को देखते हुए केंद्रों में किसानों के लिए मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है. किसानों का गेहूं खरीद ऑनलाइन पंजीकरण कराकर टोकन के माध्यम से खरीद की जा रही है. हालांकि पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस वर्ष गेहूं खरीद अभी तक 10% कम हो पाई है. समय सीमा 30 जून तक होने से हम लक्ष्य के करीब पहुंचने की उम्मीद रखते हैं.

जनपद के कालपी क्षेत्र में बने गेहूं क्रय केंद्र में आए किसान राम लखन ने बताया कि मेरी 50 बीघा की फसल में 400 कुंटल गेहूं का उत्पादन हुआ है. मैंने 100 कुंतल गेहूं ही क्रय केंद्र में बेचा है. क्योंकि आगामी भविष्य को देखते हुए गेहूं के दाम बढ़ने की संभावना नजर आ रही है.

जालौन: जिले में कोरोना महामारी का प्रभाव गेहूं क्रय केंद्रों पर देखने को मिल रहा है. यहां अभी तक शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य का मात्र 55 प्रतिशत गेहूं की खरीद हो पाई है. कम खरीद होने के पीछे कृषि विपणन अधिकारी का कहना है कि कोरोना के चलते किसानों ने अपने गेहूं का स्टॉक कर लिया है. क्योंकि किसान भविष्य में गेहूं के दाम को बढ़ना मान रहे हैं, जबकि किसानों के लिए सरकारी गेहूं खरीद के लिए शासन ने समय सीमा 30 जून तक कर रखी है.

आपको बता दें जिले में गेहूं खरीद की तैयारी प्रशासन ने 5 तहसीलों में 72 केंद्र खोलकर शुरू की थी. कोरोना संक्रमण को देखते हुए किसान को पहले अपना ऑनलाइन पंजीकरण कराकर टोकन नंबर दिया जाता था. जिस कारण केंद्र पर किसान को इंतजार न करना पड़े. इसके लिए टोकन का नंबर आने पर ही गेहूं की खरीद हो जाती थी. इस बार शासन के निर्देश पर एक लाख 11 हजार मैट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष में 55 प्रतिशत की गेहूं खरीद किसानों द्वारा की जा चुकी है.

कृषि विपणन अधिकारी राकेश तिवारी ने बताया कोरोना को देखते हुए केंद्रों में किसानों के लिए मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है. किसानों का गेहूं खरीद ऑनलाइन पंजीकरण कराकर टोकन के माध्यम से खरीद की जा रही है. हालांकि पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस वर्ष गेहूं खरीद अभी तक 10% कम हो पाई है. समय सीमा 30 जून तक होने से हम लक्ष्य के करीब पहुंचने की उम्मीद रखते हैं.

जनपद के कालपी क्षेत्र में बने गेहूं क्रय केंद्र में आए किसान राम लखन ने बताया कि मेरी 50 बीघा की फसल में 400 कुंटल गेहूं का उत्पादन हुआ है. मैंने 100 कुंतल गेहूं ही क्रय केंद्र में बेचा है. क्योंकि आगामी भविष्य को देखते हुए गेहूं के दाम बढ़ने की संभावना नजर आ रही है.

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