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वाराणसी: पति की लंबी आयु के लिए सुहागिनें रखती हैं यह व्रत

वट सावित्री व्रत के अवसर पर बड़ी संख्या में लोग दशाश्वमेध घाट स्नान करने पहुंचे. यहां महिलाओं ने स्नान कर विधि विधान से पूजा-अर्चना संपन्न की. महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखती हैं.

वट सावित्री व्रत पर स्नान करने पहुंचे लोग
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Published : Jun 3, 2019, 10:16 AM IST

वाराणसी: आज वट सावित्री व्रत है. मान्‍यता है कि वट सावित्री व्रत करने से सुहागिन के वैवाहिक जीवन या जीवन साथी की आयु पर किसी प्रकार का कोई संकट आया हो तो टल जाता है. सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखती हैं.

वट सावित्री की पूजा करती महिलाएं.


जानें क्यों महिलाएं रखती हैं वट सावित्री का व्रत-

  • सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं यह व्रत.
  • मान्‍यता है क‍ि इस व्रत को रखने से पति पर आए संकट दूर हो जाते हैं.
  • दांपत्‍य जीवन खुशियों से भर जाता है.
  • इस दिन सावित्री अपने पति सत्‍यवान के प्राण यमराज से वापस लेकर आई थीं.


इस पर्व के अवसर पर वाराणसी के गंगा घाटों खासकर दशाश्मेध पर स्नानार्थियों की भीड़ देखी गई. तड़के सुबह से ही सूरज की पहली किरण के साथ ही गंगा में डुबकी लगनी शुरू हो गयी. इस दिन विवाहित स्त्रियां गंगा स्नान के बाद पीपल के वृक्ष का दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन इत्यादि से पूजा करते हैं. इसके बाद वृक्ष के चारों ओर 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा करती हैं.

वाराणसी: आज वट सावित्री व्रत है. मान्‍यता है कि वट सावित्री व्रत करने से सुहागिन के वैवाहिक जीवन या जीवन साथी की आयु पर किसी प्रकार का कोई संकट आया हो तो टल जाता है. सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखती हैं.

वट सावित्री की पूजा करती महिलाएं.


जानें क्यों महिलाएं रखती हैं वट सावित्री का व्रत-

  • सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं यह व्रत.
  • मान्‍यता है क‍ि इस व्रत को रखने से पति पर आए संकट दूर हो जाते हैं.
  • दांपत्‍य जीवन खुशियों से भर जाता है.
  • इस दिन सावित्री अपने पति सत्‍यवान के प्राण यमराज से वापस लेकर आई थीं.


इस पर्व के अवसर पर वाराणसी के गंगा घाटों खासकर दशाश्मेध पर स्नानार्थियों की भीड़ देखी गई. तड़के सुबह से ही सूरज की पहली किरण के साथ ही गंगा में डुबकी लगनी शुरू हो गयी. इस दिन विवाहित स्त्रियां गंगा स्नान के बाद पीपल के वृक्ष का दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन इत्यादि से पूजा करते हैं. इसके बाद वृक्ष के चारों ओर 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा करती हैं.

Anchor- काशी में सोमवार को महिलाओं ने वट स्ववित्री की पूजा कर सुहाग की लंबी उम्र और पितरों की आत्मा की शांति को मांग। पीपल के पेड़ की परिक्रमा कर विधिवत उसे पूजा गया और मां गंगा का आशीर्वाद लेते हुए महिलाओं ने सूरज को भी प्रणाम किया।

VO1: सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। आज इस समवती अमावस्या के दिन महिलाओं ने वट सावित्री की पूजा का पर्व मनाया। इस पर्व के अवसर पर वाराणसी के गंगा घाटो, खासकर दशाश्मेध पर स्नानार्थियों की भीड़ देखी गई। तड़के सुबह से ही सूरज की पहली किरण के साथ ही गंगा में डुबकी लगना शुरू हो गया। इस दिन विवाहित स्त्रियों गंगा स्नान के बाद पीपल के वृक्ष की दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन इत्यादि से पूजा और वृक्ष के चारों ओर 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा करती है। धान, पान और खड़ी हल्दी को मिला कर उसे विधान पूर्वक तुलसी के पेड़ को चढ़ाया जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व समझा जाता है। कहा जाता है कि महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था कि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य समृद्ध, स्वस्थ्य और सभी दुखों से मुक्त होगा। ऐसा भी माना जाता है कि स्नान करने से पितरों कि आत्माओं को शांति मिलती है।

BYTE- प्रभावती केशरी , श्रद्धालु

BYTE- रामकृष्ण पांडेय , पुरोहित , वाराणसी

नोट: खबर के विसुअल्स ftp से up_vns_3june2019_vat savitri puja_7203523 नाम के फोल्डर से जा चुके हैं, कृपया चेक कर लें

Regards
Arnima Dwivedi
Varanasi
7523863236
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