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चाय की चुस्कियों के साथ बकाएदारों से बिजली बिल वसूलेंगे अफसर

उत्तर प्रदेश में बकाएदारों से बिजली बिल वसूलने के लिए एक नई रणनीति तैयार की गई है. अब इंजीनियर्स शहर के बकाएदारों के घर जाएंगे और उनके घर बैठकर पहले चाय की चुस्की लेंगे और फिर उनसे बिजली का बिल वसूल करने की कोशिश करेंगे.

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ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, फाइल फोटो
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Published : Nov 17, 2020, 3:01 PM IST

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में बकाएदारों से बिजली बिल वसूलने के लिए एक नई रणनीति तैयार की गई है. बताया जाता है कि इस अनोखी रणनीति से बकाएदारों से बवाल भी नहीं होगा और वसूली भी हो जाएगी. ये फंडा प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बिजली विभाग के अधिकारियों को समझाया है. अब इंजीनियर्स शहर के बकाएदारों के घर जाएंगे और उनके घर बैठकर पहले चाय की चुस्की लेंगे और फिर उनसे बिजली का बिल वसूल करने की कोशिश करेंगे.

जानकारी के अनुसार, बिजली विभाग के अभियंता अपने उपकेंद्रों से बकाए की सूची लेकर बकाएदार के घर जाएंगे. बिल न देने वालों का दरवाजा खटखटाएंगे. बताया जाता है कि चाय पीने के बहाने बकाएदार उपभोक्ताओं के घर बैठेंगे और फिर बिल न जमा करने की वजह भी जानने का प्रयास करें. बातचीत के दौरान उपभोक्ता से बिल की जितनी रकम निकलवाई जा सके, निकालने का प्रयास करेंगे.

डिस्कनेक्शन होगा अंतिम विकल्प, 27 हजार बकाएदार

बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बकाएदारों का कनेक्शन काटना अंतिम विकल्प होगा. राजधानी में 27 हजार से ज्यादा ऐसे बिजली के बकाएदार हैं जिन पर एक लाख या इससे ज्यादा का बिल बाकी है. प्रयास है कि 31 दिसंबर तक यह आंकड़ा कम कर लिया जाए. मध्यांचल के 19 जिलों में इस आंकड़े को कम करने के लिए अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है.

अभियान की हुई शुरुआत

बिजली विभाग ने इस अभियान की शुरुआत भी कर दी है. राजधानी के सभी खंडों में यह प्रयोग तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं. अगर उपभोक्ता लाखों का बिजली बिल किस्तों में जमा करना चाहता है, तो उसे दो से तीन किस्तों में भी बिल देने की छूट होगी. इस अभियान का मकसद है कि बिजली विभाग और उपभोक्ता के बीच बेहतर तालमेल स्थापित हो सके.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में बकाएदारों से बिजली बिल वसूलने के लिए एक नई रणनीति तैयार की गई है. बताया जाता है कि इस अनोखी रणनीति से बकाएदारों से बवाल भी नहीं होगा और वसूली भी हो जाएगी. ये फंडा प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बिजली विभाग के अधिकारियों को समझाया है. अब इंजीनियर्स शहर के बकाएदारों के घर जाएंगे और उनके घर बैठकर पहले चाय की चुस्की लेंगे और फिर उनसे बिजली का बिल वसूल करने की कोशिश करेंगे.

जानकारी के अनुसार, बिजली विभाग के अभियंता अपने उपकेंद्रों से बकाए की सूची लेकर बकाएदार के घर जाएंगे. बिल न देने वालों का दरवाजा खटखटाएंगे. बताया जाता है कि चाय पीने के बहाने बकाएदार उपभोक्ताओं के घर बैठेंगे और फिर बिल न जमा करने की वजह भी जानने का प्रयास करें. बातचीत के दौरान उपभोक्ता से बिल की जितनी रकम निकलवाई जा सके, निकालने का प्रयास करेंगे.

डिस्कनेक्शन होगा अंतिम विकल्प, 27 हजार बकाएदार

बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बकाएदारों का कनेक्शन काटना अंतिम विकल्प होगा. राजधानी में 27 हजार से ज्यादा ऐसे बिजली के बकाएदार हैं जिन पर एक लाख या इससे ज्यादा का बिल बाकी है. प्रयास है कि 31 दिसंबर तक यह आंकड़ा कम कर लिया जाए. मध्यांचल के 19 जिलों में इस आंकड़े को कम करने के लिए अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है.

अभियान की हुई शुरुआत

बिजली विभाग ने इस अभियान की शुरुआत भी कर दी है. राजधानी के सभी खंडों में यह प्रयोग तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं. अगर उपभोक्ता लाखों का बिजली बिल किस्तों में जमा करना चाहता है, तो उसे दो से तीन किस्तों में भी बिल देने की छूट होगी. इस अभियान का मकसद है कि बिजली विभाग और उपभोक्ता के बीच बेहतर तालमेल स्थापित हो सके.

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